अर्जुन की छाल: हड्डी, हृदय और त्वचा के लिए फायदेमंद – Arjun Ki Chhal Benefits in Hindi
अर्जुन का परिचय (Introduction of Arjun)
सदियों से आयुर्वेद में सदाबहार वृक्ष अर्जुन को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया गया है। आम तौर पर अर्जुन की छाल और रस का औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। अर्जुन नामक इस बहुगुणी पेड़ की छाल का प्रयोग हृदय संबंधी बीमारियों, क्षय रोग (टीबी), कान दर्द, सूजन और बुखार के उपचार के लिए किया जाता है।
अर्जुन क्या है? (What is Arjuna in Hindi?)
अर्जुन पेड़ का नाम इसके स्वच्छ सफेद रंग के आधार पर रखा गया है। संस्कृत में अर्जुन का मतलब सफेद और स्वच्छ होता है। पांडवकुमार अर्जुन से इस पेड़ का कोई खास संबंध नहीं है। इस पेड़ के संस्कृत नामों में पार्थ, धनंजय आदि नाम दिए गए हैं, जो केवल वैद्यक काव्य में प्रयोग किए जाते हैं।
अर्जुन के फायदे (Arjuna Uses and Benefits in Hindi)
आयुर्वेद में अर्जुन के पेड़ का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। अर्जुन की छाल के फायदे में सबसे उपकारी टैनिन होता है, इसके साथ पोटाशियम, मैग्निशियम और कैल्शियम भी होता है।
1. कान के दर्द में अर्जुन के फायदे (Arjun Tree Benefits in Ear Pain in Hindi)
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- 3-4 बूँद अर्जुन के पत्ते का रस कान में डालने से कान का दर्द कम होता है।
2. मुखपाक से राहत अर्जुन (Benefits of Arjuna helps for Stomatitis in Hindi)
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- अर्जुन मूल चूर्ण में तिल तैल मिलाकर मुँह के अंदर लेप करें। इसके बाद गुनगुने पानी से कुल्ला करने से मुखपाक में लाभ होता है।
3. हृदय को स्वस्थ रखे अर्जुन की छाल (Arjun Chaal Benefits for Healthy Heart in Hindi)
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- अर्जुन की छाल हृदय रोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। हृदय की सामान्य धड़कन बढ़ जाने पर, एक गिलास टमाटर के रस में 1 चम्मच अर्जुन की छाल का चूर्ण मिलाकर नियमित सेवन से लाभ होता है। अर्जुन छाल के चूर्ण को मलाई रहित दूध के साथ सेवन करने से हृदय रोगों में लाभ होता है।
4. पेट की गैस में मदद अर्जुन (Arjuna for Burping in Hindi)
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- अर्जुन की छाल एसिडिटी से राहत दिलाने में मददगार होती है। 10-20 मिली अर्जुन छाल के काढ़े का नियमित सेवन करने से एसिडिटी से राहत मिलती है।
5. रक्तातिसार या पेचिश में राहत अर्जुन (Arjuna Beneficial in Dysentery in Hindi)
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- 5 ग्राम अर्जुन छाल चूर्ण को 250 मिली गोदुग्ध और पानी में पकाकर सेवन करने से रक्तातिसार और पेचिश में लाभ होता है।
6. डायबिटीज को नियंत्रित करे अर्जुन (Benefits of Arjun Chaal to Control Diabetes in Hindi)
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- अर्जुन की छाल, नीम की छाल, आमलकी छाल, हल्दी और नीलकमल के चूर्ण को पानी में पकाकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से डायबिटीज में लाभ होता है।
7. शुक्रमेह में लाभकारी अर्जुन की छाल (Arjun chal benefits in Spermatorrhoea in Hindi)
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- अर्जुन की छाल या सफेद चंदन से बने 10-20 मिली काढ़े को नियमित सुबह-शाम सेवन करने से शुक्रमेह में लाभ होता है।
8. मूत्राघात में फायदेमंद अर्जुन (Arjuna Chal Beneficial in Anuria in Hindi)
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- मूत्र करते समय दर्द या जलन होने पर अर्जुन छाल का काढ़ा बनाकर 20 मिली मात्रा में पिलाने से मूत्राघात में लाभ होता है।
9. रक्तप्रदर (अत्यधिक रक्तस्राव) में फायदेमंद अर्जुन (Arjuna to Get Relief in Metrorrhagia in Hindi)
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- 1 चम्मच अर्जुन छाल चूर्ण को 1 कप दूध में उबालकर दिन में 3 बार सेवन करने से अत्यधिक रक्तस्राव में लाभ होता है।
10. हड्डी जोड़ने में मदद अर्जुन (Arjuna Chal Beneficial in Bone Fracture in Hindi)
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- एक चम्मच अर्जुन छाल चूर्ण को दिन में 3 बार एक कप दूध के साथ सेवन करने से हड्डी मजबूत होती है। भग्न अस्थि या टूटी हड्डी के स्थान पर इसकी छाल को घी में पीसकर लेप करने से हड्डी जुड़ने में सहायता मिलती है।
11. कुष्ठ में फायदेमंद अर्जुन का चूर्ण (Arjun Chal Powder to Treat Leprosy in Hindi)
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- अर्जुन छाल के एक चम्मच चूर्ण को जल या दूध के साथ सेवन करने से कुष्ठ में लाभ होता है।
12. अल्सर का घाव ठीक करे अर्जुन की छाल (Arjuna Chal Heals Ulcer in Hindi)
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- अर्जुन छाल का काढ़ा बनाकर अल्सर के घाव को धोने से लाभ होता है।
13. पिंपल्स से छुटकारा अर्जुन की छाल (Arjuna Tree to Treat Pimples in Hindi)
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- अर्जुन की छाल के चूर्ण को मधु में मिलाकर लेप करने से पिंपल्स और व्यंग में फायदा होता है।
14. सूजन की समस्या में अर्जुन का प्रयोग (Arjuna to Treat Inflammation in Hindi)
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- अर्जुन का काढ़ा या अर्जुन की छाल की चाय बनाकर सेवन करने से सूजन कम होती है।
15. रक्तपित्त में फायदेमंद अर्जुन (Arjuna Chal Beneficial Haemoptysis ya Raktpitta in Hindi)
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- 2 चम्मच अर्जुन छाल को रात भर जल में भिगोकर रखें, सुबह मसल-छानकर सेवन करने से रक्तपित्त में लाभ होता है।
16. बुखार में फायदेमंद अर्जुन (Arjun Chal Beneficial in Fever in Hindi)
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- अर्जुन छाल का काढ़ा या अर्जुन की छाल की चाय बनाकर 20 मिली मात्रा में सेवन करने से बुखार से राहत मिलती है।
17. क्षय रोग या टीबी में फायदेमंद अर्जुन (Arjuna Beneficial in Tuberculosis in Hindi)
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- अर्जुन की त्वचा, नागबला तथा केवाँच बीज चूर्ण में मधु, घी तथा मिश्री मिलाकर दूध के साथ सेवन करने से क्षय रोग और खांसी में लाभ होता है।
अर्जुन का उपयोगी भाग (Useful Parts of Arjuna)
आयुर्वेद में अर्जुन के तने की छाल, जड़, पत्ते और फल का प्रयोग औषधि के लिए किया जाता है।
अर्जुन का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Arjuna in Hindi)
बीमारी के लिए अर्जुन के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। किसी खास बीमारी के इलाज के लिए अर्जुन का उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। चिकित्सक के परामर्श के अनुसार:
- 5-10 मिली अर्जुन का रस,
- 20-40 मिली पत्ते का काढ़ा,
- 2-4 ग्राम अर्जुन के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।
अर्जुन छाल क्षीरपाक कैसे बनाया जाता है? (How to Prepare Arjun Chal Khirpak?)
अर्जुन की ताजा छाल को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें। 250 मिली दूध में 250 मिली पानी मिलाकर हल्की आंच पर रखें और उसमें तीन ग्राम अर्जुन छाल का चूर्ण मिलाकर उबालें। जब पानी सूखकर दूध मात्र आधा रह जाए, तब उतार लें। पीने योग्य होने पर छानकर सेवन करें। इससे हृदय रोग की संभावना कम होती है और हार्ट अटैक से बचाव होता है।
अर्जुन कहां पाया और उगाया जाता है? (Where is Arjuna Found or Grown in Hindi?)
अर्जुन के वृक्ष पहाड़ी क्षेत्रों में नदी, नालों के किनारे 18-25 मीटर ऊँचे होते हैं। ये वृक्ष जंगलों में पाए जाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
अर्जुन और उसकी छाल का औषधीय गुण अनेक बीमारियों के इलाज में लाभकारी है। इसका सही उपयोग और सेवन करने से हृदय रोग, टीबी, कान दर्द, सूजन, बुखार, एसिडिटी, पेचिश, डायबिटीज, शुक्रमेह, मूत्राघात, रक्तप्रदर, हड्डी जोड़ने, कुष्ठ, अल्सर, पिंपल्स, सूजन, रक्तपित्त, बुखार और क्षय रोग में लाभ मिलता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से इसका सेवन और उपयोग करें।
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