23 बिलियन डॉलर का नुकसान: Microsoft की गड़बड़ी ने दुनियाभर में कैसे मचाई हलचल?
सार
19 जुलाई को माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आई तकनीकी गड़बड़ी के कारण कंपनी को 23 बिलियन डॉलर का बड़ा नुकसान हुआ। इस गड़बड़ी से दुनियाभर की महत्वपूर्ण सेवाएं बंद हो गईं।
Microsoft IT आउटेज
आईटी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में 19 जुलाई को बड़ी तकनीकी खराबी के चलते कंपनी को 23 बिलियन डॉलर का भारी नुकसान हुआ है। इस गड़बड़ी के कारण कंपनी के शेयर की कीमत 0.71 प्रतिशत कम हो गई है। आईटी सिस्टम क्रैश के कुछ घंटों बाद ही कंपनी की वैल्यूएशन में 18 बिलियन पौंड का नुकसान देखा गया है।
IT आउटेज से पहले माइक्रोसॉफ्ट की मार्केट वैल्यू
इन्वेस्टमेंट डेटा प्लेटफॉर्म Stocklytics के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट के शेयर की कीमत 19 जुलाई को सुबह 10:09 बजे 443.52 डॉलर से गिरकर 440.37 डॉलर तक पहुंच गई। टेक दिग्गज Apple के बाद माइक्रोसॉफ्ट ग्लोबल लेवल पर सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक है। आईटी आउटेज से पहले इसकी मार्केट वैल्यू 3.27 ट्रिलियन डॉलर थी, लेकिन गड़बड़ी के बाद इसे भारी नुकसान हुआ।
माइक्रोसॉफ्ट में गड़बड़ी का असर वर्ल्डवाइड
Stocklytics के एक प्रवक्ता ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आई इस तकनीकी खराबी का असर दुनियाभर में देखा गया। कई कंपनियों को इस गड़बड़ी का खामियाजा उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों में ऐसी गड़बड़ी होती है, तो इसका बड़ा असर निवेशकों पर भी पड़ता है।
पूरा मामला
माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस में अचानक आई गड़बड़ी के चलते दुनियाभर के लैपटॉप और कंप्यूटर्स की विंडोज क्रैश हो गई। इस तकनीकी खराबी के चलते दुनियाभर में कंप्यूटर ऑटोमेटिकली रिस्टार्ट होने लगे और स्क्रीन ब्लू हो गई, जिस पर एरर शो होने लगा। माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि यह समस्या CrowdStrike के अपडेट के कारण आई है। इससे उन यूजर्स को दिक्कतें आईं जो Microsoft Azure का उपयोग करते हैं। क्राउडस्ट्राइक एक साइबर सिक्योरिटी प्लेटफॉर्म है जो माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम करता है और यूजर्स को एडवांस साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन प्रदान करता है।
दुनियाभर में 1400 से ज्यादा उड़ानें रद्द
अमेरिकी एंटी-वायरस कंपनी CrowdStrike के अपडेट के कारण दुनियाभर की सेवाओं पर असर पड़ा। इस वजह से 1400 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इसके अलावा मीडिया, ब्रॉडकास्ट, बैंकिंग, फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस और कॉर्पोरेट कंपनियों में भी कामकाज प्रभावित हुआ। एयरपोर्ट्स पर चेक-इन सुविधा बंद होने के कारण यात्रियों को हाथ से लिखे बोर्डिंग पास देने पड़े।
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