भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वाटर को ‘हाई-रिस्क फूड कैटेगरी’ में डाल दिया है। इसके तहत अब इन उत्पादों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। हर कंपनी का मैंडेटरी इंस्पेक्शन और थर्ड-पार्टी ऑडिट किया जाएगा। यह फैसला न केवल कंपनियों के लिए बड़ा झटका है बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है।
क्यों जरूरी हैं ये कदम?
हम में से कई लोग सफर के दौरान या बाहर जाते समय पैकेज्ड पानी का इस्तेमाल करते हैं। इसे सुरक्षित और साफ मानकर पीते हैं। लेकिन FSSAI ने इसे ‘हाई-रिस्क’ कैटेगरी में रखकर यह संदेश दिया है कि इस पानी के साथ भी जोखिम हो सकता है।
नए नियम क्या हैं?
हाल ही में सरकार ने BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणन की अनिवार्यता हटाई थी, जिसके बाद FSSAI ने पैकेज्ड और मिनरल वाटर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए नियम लागू किए।
- हर साल निरीक्षण: हर पैकेज्ड और मिनरल वाटर निर्माता का सालाना निरीक्षण अनिवार्य होगा।
- थर्ड-पार्टी ऑडिट: सभी हाई-रिस्क खाद्य पदार्थों का थर्ड-पार्टी एजेंसियों द्वारा फूड सेफ्टी ऑडिट होगा।
- लाइसेंस से पहले जांच: कंपनियों को लाइसेंस या पंजीकरण से पहले इन सख्त प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा।
थर्ड-पार्टी ऑडिट: क्यों है जरूरी?
FSSAI के अनुसार, थर्ड-पार्टी ऑडिट का मुख्य उद्देश्य इन उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जो पानी उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है, वह उनकी सेहत के लिए सुरक्षित हो।
- सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पालन: कंपनियों को FSSAI के सभी मानकों का पालन करना होगा।
- उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा: सख्त निरीक्षण और प्रमाणन से ग्राहक निश्चिंत होकर पैकेज्ड पानी का इस्तेमाल कर सकेंगे।
कंपनियों के लिए क्या बदलाव हुए हैं?
पहले, पैकेज्ड पानी उद्योग ने सरकार से BIS और FSSAI के दोहरे प्रमाणन को हटाने की मांग की थी। हालांकि, नए नियमों के तहत:
- कंपनियों को FSSAI लाइसेंस और BIS सर्टिफिकेट दोनों लेना होगा।
- हर बोतल पर BIS मार्क अनिवार्य होगा।
- गैर-अनुमोदित पानी की बिक्री पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उपभोक्ताओं को क्या फायदा होगा?
FSSAI के इन नियमों का मकसद न केवल गुणवत्ता सुधारना है, बल्कि उपभोक्ताओं की सेहत को सुरक्षित रखना भी है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि बाजार में बिकने वाला पानी पूरी तरह से मानकों पर खरा उतरे।
FSSAI की योजना का बड़ा उद्देश्य
FSSAI का यह कदम इस उद्योग को नियंत्रित करने के साथ-साथ:
- सेहत संबंधी खतरे कम करना।
- कंपनियों को जवाबदेह बनाना।
- उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद देना।
- गैर-मानक उत्पादों को बाजार से हटाना।
अतिरिक्त जानकारी
- 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 64% पैकेज्ड पानी की बोतलें मानकों पर खरी नहीं उतरीं।
- WHO के अनुसार, हर साल करीब 3.4 मिलियन लोग दूषित पानी के कारण बीमार पड़ते हैं।
FAQs
1. FSSAI के नए नियम क्यों लागू किए गए हैं?
नियम उपभोक्ताओं को सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाला पानी उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए हैं।
2. क्या अब पैकेज्ड पानी सुरक्षित होगा?
थर्ड-पार्टी ऑडिट और सालाना निरीक्षण से गुणवत्ता पर नियंत्रण रखा जाएगा, जिससे सुरक्षा बढ़ेगी।
3. क्या सभी कंपनियों को BIS और FSSAI सर्टिफिकेट लेना होगा?
हाँ, अब दोनों सर्टिफिकेट अनिवार्य हैं और बिना इन प्रमाणों के पानी की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी।
4. क्या पैकेज्ड पानी की कीमत बढ़ेगी?
सख्त नियमों और निरीक्षण प्रक्रियाओं से उत्पादन लागत बढ़ सकती है, जिससे कीमतों में इजाफा संभव है।
5. क्या पैकेज्ड पानी पीने से अब भी खतरा है?
यदि पानी FSSAI और BIS मानकों के अनुसार तैयार किया गया है, तो खतरा नहीं होगा।
यह लेख एक जिम्मेदार और जागरूक उपभोक्ता बनने में आपकी मदद करेगा।
इतिहास बन जाएगा एड्स! सिर्फ 2 इंजेक्शन से हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी बीमारी
(देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले पढ़ें TalkAaj (Talk Today) पर , आप हमें Facebook, Twitter, Instagram और Youtube पर फ़ॉलो करे)