भारत की सड़कों पर दौड़ती Self-driving Tata Nexon के सामने अचानक आ गई गाय – फिर जो हुआ वो हैरान कर देगा!
बेंगलुरु की एक हल्की उमस भरी दोपहर में, जब शहर की सड़कों पर सामान्य सी भागदौड़ थी, तभी कुछ ऐसा हुआ जो भारत की तकनीकी प्रगति की तस्वीर बदल सकता है। पास के एक बिजनेस हब से एक Tata Nexon कार निकली—लेकिन इसमें कुछ खास बात थी। स्टेयरिंग व्हील खाली था, ड्राइवर सीट पर कोई इंसान नहीं। यह कोई फिल्मी सीन नहीं था, बल्कि हकीकत थी। दरअसल, यह था देश की पहली सेल्फ-ड्राइविंग SUV में से एक का टेस्ट रन।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित एक स्टार्टअप “Minus Zero”—जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोनॉमस व्हीकल टेक्नोलॉजी में काम कर रही है—ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया है जिसमें एक टाटा नेक्सन कार को बिना किसी ड्राइवर के शहर की जटिल सड़कों पर चलते हुए देखा गया। जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है, यह गाड़ी पूरी तरह से ऑटोपायलट मोड पर थी और यह शहर की ट्रैफिक से भरी गलियों से आराम से गुजर रही थी।
किस तरह की थी यह गाड़ी?
वीडियो की शुरुआत होती है एक इमारत के बाहर खड़ी एक नेक्सन सब-कॉम्पैक्ट SUV से, जिसकी छत पर एक खास तरह का उपकरण (मशीन लर्निंग यूनिट और सेंसर) लगा हुआ था। सामने के हिस्से में भी कई प्रकार के कैमरे और सेंसर फिट थे, जो सड़क की स्थिति, ट्रैफिक, पैदल यात्रियों और अन्य वाहनों का विश्लेषण कर रहे थे। यानी गाड़ी अपने-आप सोच-समझकर फैसला ले रही थी कि किस दिशा में जाना है, कब रुकना है, और कब मुड़ना है।
शहर की सड़कों पर चला ये कारनामा
जैसे ही गाड़ी सड़क पर निकली, यह साफ़ हो गया कि Minus Zero की तकनीक महज़ प्रयोगशाला तक सीमित नहीं है। शहर की संकरी, अचिह्नित गलियों से लेकर ट्रैफिक जाम और बीच-बीच में आ रही टूटी-फूटी सड़क तक—यह गाड़ी अपने रास्ते को खुद तय कर रही थी। और ये सब बिना किसी मानव हस्तक्षेप के।
हालांकि, सुरक्षा के लिहाज़ से ड्राइवर सीट पर और साथ वाली सीट पर लोग बैठे थे। लेकिन वीडियो में देखा जा सकता है कि न तो स्टेयरिंग व्हील को छुआ गया, न ही ब्रेक या एक्सीलेरेटर को। सबकुछ ऑटोपायलट सिस्टम ने खुद हैंडल किया।
और तभी सामने आ गई… एक गाय
और अब आता है वो मोड़, जिसने इस वीडियो को वायरल बना दिया। चलती गाड़ी के सामने अचानक एक गाय आ गई—एक ऐसा नजारा जो भारतीय सड़कों पर आम है लेकिन किसी मशीन के लिए एक बड़ी चुनौती।
लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि इस नेक्सन ने बिना घबराए, बिना किसी इंसानी निर्देश के, खुद-ब-खुद ब्रेक लगाया और पूरी तरह से रुक गई। न कोई झटका, न कोई भ्रम। कार ने न केवल गाय की उपस्थिति को पहचाना, बल्कि सुरक्षित दूरी बनाकर खड़ी हो गई।
यह घटना केवल एक टेस्ट नहीं थी—यह एक संकेत था कि भारत में भी अब सेल्फ-ड्राइविंग कारें वास्तविकता बन सकती हैं, वो भी इतनी जटिल सड़कों पर जहाँ हर मोड़ पर कुछ अनपेक्षित हो सकता है।
कैसे काम करता है Minus Zero का सिस्टम?
Minus Zero के मुताबिक, उनकी टेक्नोलॉजी में “Vision-based AI” का इस्तेमाल किया गया है, जो इंसानों की तरह सिर्फ कैमरा इनपुट पर निर्णय लेता है, न कि महंगे LIDAR या Radar सिस्टम पर। कंपनी का दावा है कि यह सिस्टम इंसानी ड्राइविंग व्यवहार को काफी हद तक दोहराने में सक्षम है।
यह तकनीक भारतीय परिस्थितियों के लिए खासतौर पर डिजाइन की गई है, जहां हर गली, हर ट्रैफिक सिग्नल और हर मोड़ पर अनियमितताएं होती हैं। टूटी सड़कों, बिना सिग्नल के मोड़, अचानक सामने आ जाने वाले ऑटो और बाइक—इन सबका डीलिंग करना आसान नहीं होता। लेकिन इस वीडियो में देखा गया कि कार ने न सिर्फ ट्रैफिक को अच्छी तरह से नेविगेट किया, बल्कि पैदल यात्रियों और किनारे खड़े वाहनों से भी सुरक्षित दूरी बनाए रखी।
क्या यह भारत में ऑटोनॉमस कारों की शुरुआत है?
फिलहाल, Minus Zero की यह गाड़ी केवल टेस्टिंग फेज में है। भारत में अभी तक कोई भी ऑटोमेकर पूरी तरह से स्वायत्त (लेवल-5) ड्राइविंग सिस्टम के साथ कोई कार लॉन्च नहीं कर पाया है। लेकिन Minus Zero जैसी स्टार्टअप्स यह दिखा रही हैं कि यह सपना अब बहुत दूर नहीं रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में सेल्फ-ड्राइविंग कारों का व्यावसायिक इस्तेमाल अभी कुछ वर्षों दूर हो सकता है, लेकिन जिन सड़कों पर लोग आज भी हेलमेट के बिना बाइक चला रहे हैं और जानवर अचानक बीच सड़क पर आ जाते हैं, वहाँ इस तरह की तकनीक का परीक्षण सफल होना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
CEO का बयान:
Minus Zero के को-फाउंडर और CEO, Gagandeep Reehal ने कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ सेल्फ-ड्राइविंग कार बनाना नहीं है, बल्कि ऐसी तकनीक विकसित करना है जो भारत जैसे जटिल बाजार में टिकाऊ हो। हमारी AI सिस्टम, बिना भारी हार्डवेयर के, केवल कैमरा विज़न के माध्यम से काम करती है – जिससे यह न सिर्फ सस्ती बनती है, बल्कि स्केलेबल भी।”
जहाँ Tesla, Waymo और Apple जैसी कंपनियां पहले से ही अमेरिका और यूरोप में ऑटोनॉमस गाड़ियों पर काम कर रही हैं, भारत में यह तकनीक अभी शुरुआती चरण में है। मगर Minus Zero का यह प्रयोग साबित करता है कि भारतीय स्टार्टअप्स भी अब इस वैश्विक दौड़ में पीछे नहीं हैं।
📊 कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ:
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टाटा नेक्सन का इस्तेमाल सिर्फ प्लेटफॉर्म के रूप में किया गया है। इस टेस्टिंग का टाटा मोटर्स से कोई आधिकारिक संबंध नहीं है।
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Minus Zero का मुख्य फोकस Vision-Based AI है, जो सिर्फ कैमरा इनपुट से निर्णय लेती है।
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इस प्रोटोटाइप में किसी भी प्रकार का रिमोट कंट्रोल, इंसानी हस्तक्षेप या LIDAR सिस्टम नहीं था।
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टेस्टिंग बेंगलुरु के उन क्षेत्रों में हुई जहां सड़कें जटिल और बिना लेन मार्किंग के थीं।
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इस सिस्टम में रीयल-टाइम डिसीजन मेकिंग एल्गोरिद्म का उपयोग हुआ है जो 50ms से भी कम समय में निर्णय ले सकता है।
🧠 तकनीकी विश्लेषण:
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कंप्यूटर विज़न: कैमरा फीड से पैदल यात्री, वाहन, जानवर, सिग्नल और रुकावटों की पहचान करता है।
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गहरी सीख (Deep Learning): गाड़ी के निर्णय लेने की क्षमता समय के साथ बेहतर होती जाती है, क्योंकि ये डेटा से सीखती है।
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SLAM तकनीक: Simultaneous Localization and Mapping तकनीक से गाड़ी अपने आस-पास के नक्शे को खुद बनाती है और अपने स्थान को समझती है।
🎥 वीडियो क्यों वायरल हुआ?
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भारत में पहली बार देखा गया कि एक कार बिना ड्राइवर के जटिल ट्रैफिक में खुद चल रही है।
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सामने अचानक आई गाय को पहचानकर गाड़ी ने खुद-ब-खुद ब्रेक लगाया और सुरक्षित दूरी बनाई।
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कोई इंसान कार को नियंत्रित नहीं कर रहा था – यह पूरी तरह तकनीक का प्रदर्शन था।
❓ FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):
Q1. Minus Zero क्या है?
Ans: Minus Zero एक बेंगलुरु स्थित टेक स्टार्टअप है जो सेल्फ-ड्राइविंग कारों और AI पर आधारित ऑटोनॉमस व्हीकल टेक्नोलॉजी पर काम करता है।
Q2. क्या यह टाटा की ऑफिशियल सेल्फ-ड्राइविंग कार है?
Ans: नहीं, यह टाटा मोटर्स की ओर से नहीं बल्कि Minus Zero द्वारा एक स्टैंडअलोन प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया गया प्रयोगात्मक मॉडल है।
Q3. क्या भारत में सेल्फ-ड्राइविंग कारें कानूनी हैं?
Ans: वर्तमान में भारत में सेल्फ-ड्राइविंग कारों के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है। ये तकनीक अभी केवल टेस्टिंग के लिए अनुमत है।
Q4. यह गाड़ी कैसे काम करती है?
Ans: यह गाड़ी Vision-based AI तकनीक पर आधारित है जो कैमरा और सेंसर इनपुट के जरिए निर्णय लेती है—बिलकुल इंसानों की तरह।
Q5. क्या इसे आम जनता के लिए लॉन्च किया जाएगा?
Ans: अभी नहीं। फिलहाल यह तकनीक परीक्षण और अनुसंधान के चरण में है।
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