अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने ब्राह्मणों को दी गाली: फूटा लोगों का गुस्सा, मांगनी पड़ी माफी
Anurag Kashyap का विवादित बयान: ‘फुले’ फिल्म के बहाने ब्राह्मणों पर टिप्पणी से मचा बवाल, मांगी माफी
Anurag Kashyap Apologises: बॉलीवुड के बेबाक और बिंदास माने जाने वाले फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप एक बार फिर अपने तीखे बयानों की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार मामला जुड़ा है उनकी सोशल मीडिया गतिविधि और आगामी फिल्म फुले से, जिसमें उन्होंने ब्राह्मण समाज को लेकर एक विवादित टिप्पणी कर दी। इस बयान ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आग की तरह फैलकर उन्हें आलोचनाओं के घेरे में ला दिया और अंततः उन्हें माफी मांगनी पड़ी।
📽 ‘फुले’ फिल्म से जुड़ा पूरा विवाद क्या है?
‘फुले’ एक सामाजिक मुद्दे पर आधारित फिल्म है, जो भारत के दो महान समाज सुधारकों — ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले — की जिंदगी और संघर्षों पर केंद्रित है। फिल्म में प्रतीक गांधी और पत्रलेखा मुख्य भूमिकाओं में नजर आने वाले हैं।
इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। इसी बहस के बीच अनुराग कश्यप ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए ऐसी बात कह दी, जिसने तूल पकड़ लिया।
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💬 वो एक कमेंट जिसने बवाल खड़ा कर दिया
दरअसल, एक यूजर ने अनुराग की पोस्ट पर लिखा – “ब्राह्मण तुम्हारे बाप हैं। जितना सुलगेगा, उतना सुलगाएंगे।” इसके जवाब में अनुराग कश्यप ने टिप्पणी की –
“ब्राह्मणों पर मैं पेशाब करूंगा… कोई प्रॉब्लम?”
यहीं से विवाद ने जोर पकड़ लिया। न केवल उन्होंने ये बात लिखी, बल्कि इसका स्क्रीनशॉट भी अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर कर दिया, जिससे मामला और भड़क गया। लोगों ने इसे ब्राह्मण समाज का अपमान मानते हुए कड़ा विरोध जताया।
ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग अनुराग के खिलाफ खुलकर बोलने लगे।
कुछ यूजर्स ने #BoycottAnuragKashyap और #BanPhule जैसे हैशटैग चलाकर विरोध जताया। वहीं कई यूजर्स ने आरोप लगाया कि कश्यप जानबूझकर विवादों को हवा देते हैं ताकि उनकी फिल्मों को मुफ्त में पब्लिसिटी मिले।
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🧍♂️ अनुराग कश्यप की सफाई और माफी
विवाद बढ़ता देख अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा नोट शेयर करते हुए माफी मांगी। उन्होंने लिखा:
“कोई भी राय या पोस्ट इतनी बड़ी नहीं हो सकती कि मेरी बेटी या परिवार को धमकी दी जाए। अगर किसी को गुस्सा है, तो गालियां मुझे दें, मेरे परिवार को नहीं।”
आगे उन्होंने कहा:
“मेरी माफी उस पोस्ट के लिए नहीं है, बल्कि उस एक लाइन के लिए है, जो गलत तरीके से सामने आई और जिससे नफरत फैली। मेरी बातों को संदर्भ से बाहर निकालकर पेश किया गया, लेकिन फिर भी अगर आप माफी चाहते हैं, तो ये रही मेरी माफी।”
📜 धर्म, जाति और अभिव्यक्ति की आज़ादी
कश्यप ने अपने नोट में धार्मिक ग्रंथों का भी हवाला देते हुए कहा:
“ब्राह्मण समाज की महिलाओं को बख्शिए, इतना तो हमारे धर्मग्रंथों में भी लिखा है। चाहे आप मनुस्मृति को मानें या न मानें, इंसानियत सबसे ऊपर होनी चाहिए।”
हालांकि, कई लोग उनकी माफी को भी पाखंड बता रहे हैं। उनका कहना है कि यदि उन्हें सच में अफसोस होता, तो वह ऐसा बयान ही न देते।
🎬 ‘फुले’ की रिलीज और सेंसर बोर्ड की भूमिका
फुले फिल्म पहले 11 अप्रैल 2024 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसकी नई रिलीज डेट 25 अप्रैल 2024 तय की गई है।
इस देरी की वजह है CBFC (Central Board of Film Certification) द्वारा मांगे गए कुछ बदलाव, जिन्हें मेकर्स ने स्वीकार कर लिया है।
निर्देशक अनंत महादेवन ने स्पष्ट किया है कि इस फिल्म का उद्देश्य किसी समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि यह एक सच्ची और ऐतिहासिक कहानी को मुख्यधारा में लाना है।
अनुराग कश्यप का यह मामला सिर्फ एक विवाद नहीं है, बल्कि यह सोशल मीडिया की ताकत, अभिव्यक्ति की आज़ादी, और जिम्मेदारी के बीच की बारीक रेखा को दर्शाता है। फिल्म फुले भले ही एक सामाजिक संदेश लेकर आई हो, लेकिन इसके इर्द-गिर्द पैदा हुए विवाद ने यह भी दिखा दिया कि आज के दौर में एक बयान कैसे किसी की छवि को प्रभावित कर सकता है।
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