‘भोले बाबा’ बचे, अल्लू अर्जुन फंसे: क्या 121 मौतों का न्याय होगा?
Allu Arjun Case Recalls Hathras Stampede: साउथ के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन, जिनकी फिल्म पुष्पा-2 इस समय बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही है, उनकी गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है। लोगों ने इस घटना की तुलना इसी साल उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भगदड़ से की है, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी।
अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी का मामला | Allu Arjun Arrest
Pushpa 2 के प्रीमियर के दौरान भगदड़ में एक महिला की मौत के बाद अल्लू अर्जुन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 105 और 118 (1) के तहत केस दर्ज किया गया। पुलिस ने 13 दिसंबर को उन्हें गिरफ्तार कर तेलंगाना हाई कोर्ट में पेश किया। जस्टिस जुव्वडी श्रीदेवी ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि, बाद में कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी।
इस मामले में अल्लू अर्जुन की सिक्योरिटी टीम और थिएटर मैनेजर पर भी केस दर्ज हुआ है। पुलिस ने कहा कि भगदड़ की स्थिति को सही तरीके से नहीं संभाला गया, जिससे यह हादसा हुआ।
पीड़िता के पति का बयान
प्रीमियर में जान गंवाने वाली महिला रेवती के पति ने कहा, “मेरे बेटे ने मुझे उस दिन संध्या थिएटर में फिल्म दिखाने के लिए कहा था। इस घटना में अल्लू अर्जुन का कोई दोष नहीं है। अगर जरूरत पड़ी तो मैं केस वापस ले लूंगा। मुझे उनकी गिरफ्तारी के बारे में मोबाइल से पता चला।”
सोशल मीडिया पर बहस
अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। फैन्स और अन्य लोग सवाल उठा रहे हैं कि हाथरस भगदड़ जैसे बड़े मामले में दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई, जबकि इस मामले में तुरंत गिरफ्तारी हो गई। लोगों ने इसे “अन्याय” करार दिया है।
हाथरस भगदड़: एक नजर
हाथरस में 2 जुलाई 2024 को सत्संग के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के लिए 80,000 लोगों की अनुमति लेकर ढाई लाख लोग जमा हुए थे। सत्संग के बाद उनके चरणों की धूल लेने के लिए भक्त दौड़ने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।
पुलिस ने बाद में 3,200 पेजों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 11 लोगों को आरोपी बनाया गया। हालांकि, भोले बाबा का नाम FIR में दर्ज नहीं किया गया।
राजनीतिक विवाद
अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक बहस भी तेज हो गई। उनके ससुर कंचरला चंद्रशेखर रेड्डी, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, ने उनसे मुलाकात की। वहीं, आंध्र प्रदेश की YSRCP और तेलंगाना की BRS पार्टियों ने इस गिरफ्तारी की आलोचना की। उन्होंने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया।
निष्कर्ष
अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी ने न्याय और समानता को लेकर नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर Pushpa 2 की सफलता जारी है, वहीं इस केस ने देश में कानूनी और सामाजिक मुद्दों को उजागर किया है।
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