पेपर लीक माफियाओं का बड़ा नेटवर्क: NEET से लेकर अन्य परीक्षाओं तक का साजिशी खेल

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पेपर लीक माफियाओं का बड़ा नेटवर्क: NEET से लेकर अन्य परीक्षाओं तक का साजिशी खेल

देश में किसी भी बड़ी परीक्षा का नोटिफिकेशन निकलते ही, पेपर लीक माफियाओं का गिरोह सक्रिय हो जाता है। सबसे पहले वे परीक्षा कराने वाली कंपनी का पता लगाते हैं, फिर सेंटर का और अंत में प्रिंटिंग प्रेस का पता लगाकर पेपर लीक कर देते हैं।

Paper Leak Sting Operation: पेपर लीक को लेकर नीट परीक्षा विवादों में है। पुलिस ने अब तक पेपर लीक से जुड़े 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसी बीच आजतक की टीम ने पेपर लीक माफिया का पर्दाफाश करने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन किया। इस ऑपरेशन में ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिसने सबको चौंका दिया है। 28 मार्च 2024 को एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें एक व्यक्ति ने दावा किया था कि नीट का पेपर लीक जरूर होगा और अंत में यही हुआ। स्टिंग ऑपरेशन में आजतक की टीम ने उड़ीसा पेपर लीक, BPSC पेपर लीक, MPPCS पेपर लीक के आरोपी बिजेंद्र गुप्ता का स्टिंग ऑपरेशन किया है।

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NEET पेपर लीक कराने के लिए होती है ऐसी प्लानिंग

स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया है कि खेल सिर्फ नीट परीक्षा के साथ नहीं होता है, बल्कि देश में होने वाली हर बड़ी परीक्षा का पेपर लीक कराया जाता है। देश में पेपर लीक माफियाओं का बड़ा नेटवर्क है जो सेंट्रल और स्टेट की हर परीक्षा में गड़बड़ी करता है। अगर कोई बड़ी परीक्षा होनी होती है तो ये माफिया मिलकर पेपर लीक करने की प्लानिंग में लग जाते हैं। सबसे पहले यह पता लगाते हैं कि NTA पेपर कराने का टेंडर किस कंपनी को दे रही है। फिर यह पता करते हैं कि कंपनी पेपर कहां से छपवा रही है। इसके लिए प्रिंटिंग प्रेस का पता लगाते हैं। पेपर के प्रिंट होने के बाद उसे बैंक तक पहुंचाया जाता है, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन के दौरान ही पेपर लीक कर दिया जाता है।

ऐसे तोड़ा जाता है पेपर से भरा बॉक्स

चौंकाने वाली बात यह है कि पेपर को बंद बॉक्स में सात लेयर में सील पैक करके रखा जाता है, फिर भी माफिया इसे आसानी से तोड़ देते हैं। इसके लिए अलग से एक शख्स आता है। यूपीएसटीएफ की टीम ने सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में शुभम मंडल को पकड़ा था। स्टिंग ऑपरेशन में पता चला कि नीट पेपर के बॉक्स तुड़वाने के लिए शुभम को यूपी से बिहार बुलाया गया था।

स्टिंग ऑपरेशन में बिजेंद्र गुप्ता ने क्या कहा

बिजेंद्र गुप्ता ने बताया कि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान पेपर के बॉक्स कैसे तोड़े जाते हैं और ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को टेंडर कैसे मिलते हैं। उसने कहा, “लीक का तरीका बहुत अलग है। सरकार स्ट्रांगरूम बनाती है, प्रिंटिंग प्रेस होती है, लेकिन यूपी एसटीएफ ने जो पकड़ा, वह एक लॉजिस्टिक कंपनी थी। प्रिंटिंग करने के बाद आपको ट्रांसपोर्टेशन करना ही होगा। वहीं से बॉक्स ब्रेक किया जाता है।”

बिजेंद्र गुप्ता ने खुफिया कैमरे में बताया, “पेपर प्रिंटिंग की टेंडर प्रिंटिंग प्रेस डायरेक्ट और इनडायरेक्ट लेती है।” गुप्ता के खुलासे से यह पता चलता है कि ब्लैकलिस्टेड कंपनियां टेंडर प्रक्रियाओं में हेरफेर करती हैं।

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CBI जांच में कितने लोगों को किया गिरफ्तार

NEET पेपर लीक मामले में सीबीआई की जांच जारी है। अब तक चार राज्यों से 24 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ईओयू की जांच में पहली बार पेपर लीक माफिया और साइबर अपराधियों का गठजोड़ सामने आया है। पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया गिरोह के तार साइबर अपराधियों से जुड़े हैं। साइबर अपराधियों ने संजीव मुखिया गिरोह को सिम कार्ड और शेल्टर मुहैया कराया था। पेपर लीक माफिया ने फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था। नीट पेपर गड़बड़ी मामले में अब तक कुल 24 गिरफ्तारियां हुई हैं। इनमें से 13 लोगों को बिहार के पटना, झारखंड के देवघर से 5, गुजरात के गोधरा से 5 और महाराष्ट्र के लातूर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

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