Big News -11 वीं, 12 वीं के छात्रों को हर महीने 5-7 हजार रुपये मिलेंगे, जानिए क्या है किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना
न्यूज़ डेस्क:- भारत सरकार पूरे देश में विज्ञान से संबंधित छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY) का संचालन कर रही है। इस योजना के तहत, विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने वाले छात्र को 5 हजार रुपये और 7 हजार रुपये प्रति माह की दो अलग-अलग फैलोशिप दी जाती है।
स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर विज्ञान से संबंधित छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए भारत सरकार द्वारा छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत, 11 वीं, 12 वीं कक्षा और स्नातक करने वाले छात्रों को फेलोशिप दी जाती है। भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर इस योजना को चलाता है। इस योजना को ‘किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना’ नाम दिया गया है। इसके तहत साइंस, टेक्नोलॉजी और मेडिसिन के क्षेत्र में काम करने वाले छात्रों को फेलोशिप दी जाती है।
ये भी पढ़े:- आप आसानी से पोस्ट ऑफिस (Post Office) खोल सकते हैं! अब फ्रेंचाइजी लेकर मोटी कमाई करें
छात्रों को 5 से 7 हजार रुपये मिलेंगे
Table of Contents
‘किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना’ (KVPY) फैलोशिप पिछले दो दशकों से छात्रों को विज्ञान में करियर बनाने में मदद कर रही है। इस योजना के तहत, छात्रों को प्रति माह 5 हजार रुपये और 7 हजार रुपये की दो अलग-अलग फैलोशिप दी जाती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए, छात्रों को फेलोशिप के लिए आवेदन करना होगा।
ये भी पढ़े:- किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) बनाना आसान हुआ, यह आपके पास 15 दिनों में आ जाएगा
परीक्षा दो चरणों में होती है
यह योजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वर्ष 1999 में शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश भर में विज्ञान के क्षेत्र में छिपी प्रतिभा को बाहर लाना है ताकि देश का भविष्य और छात्रों का भविष्य सुधारा जा सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों के चयन के लिए इस योजना के तहत एक उच्च-स्तरीय प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। जो आमतौर पर दो चरणों में आयोजित किया जाता है। पहले चरण में ऑनलाइन एप्टीट्यूड टेस्ट और दूसरे चरण में एक साक्षात्कार होता है।
पात्रता क्या है?
बता दें कि KVPY फेलोशिप में हिस्सा लेने के लिए, छात्रों को दसवीं कक्षा में विज्ञान और गणित विषय में 75% अंक प्राप्त करने होते हैं। इसके साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को 10 प्रतिशत छूट दी जाती है। वहीं, प्रथम वर्ष के स्नातक छात्रों को कक्षा 12 वीं में 60 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 10 प्रतिशत की छूट के साथ 50 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक है।
ये भी पढ़े:- चेतावनी! लीक हुए इन Popular Apps के 300 मिलियन यूजर्स का पासवर्ड, लिस्ट में आपका नाम भी तो नहीं