ड्रोन से बरसाए बम: मणिपुर (Manipur) के गांव में कुकी उग्रवादियों का नया खौफनाक तरीका!
मणिपुर के कोत्रुक गांव में हाल ही में जो घटना घटी, वह बेहद चौंकाने वाली है। रविवार को दोपहर करीब 2 बजे, गांव के लोग अपने घरों में थे, जब अचानक कुकी उग्रवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान गांव के वॉलेंटियर्स संवेदनशील इलाकों में नहीं थे। आतंकवादियों की भारी गोलीबारी से कई घर बर्बाद हो गए, और जैसे ही बमबारी शुरू हुई, गांव वालों में अफरातफरी मच गई।
मणिपुर में फिर दहशत का माहौल
मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल उठा है। इस बार कुकी उग्रवादियों ने कोत्रुक और कडांगबांड घाटी को निशाना बनाकर ड्रोन से बम बरसाए। यह ट्रेंड पहले कभी नहीं देखा गया था और इसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। हमले में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि दो सुरक्षाकर्मियों समेत नौ अन्य लोग घायल हो गए हैं। अचानक हुए इस हमले ने गांव में खौफ का माहौल बना दिया, और लोग जान बचाने के लिए सुरक्षित जगहों की तलाश में जुट गए।
ग्रामीणों का गुस्सा और राज्य सरकार का आश्वासन
कोत्रुक गांव के लोगों में इस हमले के बाद से गहरा गुस्सा है। गांव के पंचायत अध्यक्ष का कहना है कि बार-बार सरकार की ओर से शांति का भरोसा दिया गया, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण सुरक्षित नहीं हैं। एक स्थानीय महिला निगरानी समूह की सदस्य ने कहा कि हम लगातार हमलों के डर में जी रहे हैं और नहीं जानते कि आखिर कब यह सब रुकेगा।
इम्फाल पश्चिम जिले में कर्फ्यू और सरकार का बयान
मणिपुर गृह विभाग ने इस घटना को राज्य की शांति के लिए बड़ा खतरा बताते हुए इसे आतंक का जघन्य कृत्य करार दिया है। इम्फाल पश्चिम जिले में तुरंत कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और राज्य सरकार ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
हाई-टेक ड्रोन से हमला और पुलिस का बयान
मणिपुर पुलिस ने इस हमले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कुकी उग्रवादियों ने अत्याधुनिक ड्रोन का इस्तेमाल किया। इन ड्रोन से कई रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) दागे गए, जो आमतौर पर युद्ध में इस्तेमाल होते हैं। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि हमलावर तकनीकी रूप से बेहद प्रशिक्षित थे और उनकी योजना पहले से ही तैयार थी। पुलिस ने इसे एक बड़ी साजिश करार देते हुए कहा है कि स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को तैयार रखा गया है।
हमले के शिकार और आगे की कार्रवाई
इस हमले में जिनकी मौत हुई, उनमें एक स्थानीय महिला और उसकी आठ साल की बेटी शामिल हैं। इस घटना में कुल 9 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 5 को गोली लगी है और बाकियों को बम धमाकों से चोटें आई हैं। मणिपुर के डीजीपी ने सभी सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया है और सुरक्षा बलों के बीच समन्वय बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
मणिपुर में हिंसा का इतिहास
गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई, 2023 को पहली बार हिंसा भड़की थी। कुकी और मैतेई समुदायों के बीच आरक्षण को लेकर विवाद चल रहा है, और इस हिंसा में अब तक 226 लोगों की जान जा चुकी है। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और 65,000 से ज्यादा लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं। मणिपुर में मैतेई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है, जो मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नागा और कुकी समेत आदिवासी समुदाय की आबादी करीब 40 प्रतिशत है, जो पहाड़ी इलाकों में निवास करते हैं।
मणिपुर की ताजा हिंसा की भयावहता और राज्य में शांति बहाल करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर केंद्रित है। ड्रोन और आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर किए गए इस हमले ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। अब देखना यह होगा कि सरकार इस चुनौती का सामना कैसे करती है और राज्य में शांति कैसे बहाल करती है।
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