RAS अधिकारी प्रियंका बिश्नोई की मौत: अस्पताल की लापरवाही ने ली होनहार अफसर की जान?
Talkaaj Media: 2016 बैच की RAS अधिकारी प्रियंका बिश्नोई अब हमारे बीच नहीं हैं। राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा गांव की बेटी प्रियंका, जो अपने कड़े और प्रभावी अंदाज के लिए जानी जाती थीं, का निधन उनके चाहने वालों के लिए एक बड़ा सदमा है। प्रियंका के निधन के बाद उनके परिवार और समाज में काफी गुस्सा है। लोग इस बात को लेकर निराश और आक्रोशित हैं कि ऐसी होनहार अधिकारी की मौत एक ऐसी गलती के कारण हुई, जिसे टाला जा सकता था।
प्रियंका का निधन 5 सितंबर को अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में हुआ। इससे पहले उन्हें जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें अहमदाबाद रेफर किया गया था। अहमदाबाद के अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया, और इसके बाद से उनके परिवार और बिश्नोई समाज के लोग डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।
इलाज में लापरवाही का आरोप
प्रियंका के परिवार का कहना है कि वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टरों ने उनके इलाज में लापरवाही बरती। उनके अनुसार, प्रियंका को ऑपरेशन के दौरान एनीस्थीसिया की ओवरडोज दी गई, जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई। परिवार का यह भी कहना है कि सही समय पर इलाज न मिलने और अस्पताल की कोताही के कारण प्रियंका का जीवन नहीं बच पाया।
हालांकि, अस्पताल प्रशासन इन सभी आरोपों को अफवाह करार दे रहा है। उनका कहना है कि इलाज में कोई गलती नहीं की गई थी और प्रियंका की मौत उनके स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति के कारण हुई थी।
मेडिकल रिपोर्ट और जांच
इस मामले में अब मेडिकल रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है। एसएन मेडिकल कॉलेज ने अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंप दी है, जो अब राज्य सरकार को भेज दी गई है। हालांकि, रिपोर्ट की पूरी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, परंतु इसके आधार पर कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
नोखा के पूर्व विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। इसके अलावा, RAS एसोसिएशन ने भी इलाज के दौरान हुई कोताही की जांच की मांग की है।
सवाल उठता है: आम जनता का क्या?
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर एक उच्च पदस्थ RAS अधिकारी के इलाज में ऐसी लापरवाही हो सकती है, तो आम जनता का क्या होगा? अगर प्रियंका जैसी काबिल अधिकारी को समय पर सही इलाज नहीं मिल पाया, तो आम लोगों के लिए इस तरह की स्थितियों में क्या उम्मीद की जा सकती है? यह घटना चिकित्सा व्यवस्था की खामियों की ओर इशारा करती है, जहां जिम्मेदार अधिकारियों और डॉक्टरों पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में ऐसी घटनाएं और भी हो सकती हैं।
प्रियंका बिश्नोई की मौत ने पूरे समाज को झकझोर दिया है। उनके परिवार और समाज के लोग न्याय की मांग कर रहे हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई चाहते हैं। यह मामला यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था में क्या बदलाव आवश्यक हैं ताकि भविष्य में किसी की जान इस तरह की लापरवाही से न जाए।
ब्यूरो रिपोर्ट, टॉकआज मीडिया
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