विशेषज्ञों ने White Fungus को बताया सिर्फ ‘मिथक’, कहा- Black Fungus ज्यादा खतरनाक

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विशेषज्ञों ने White Fungus को बताया सिर्फ ‘मिथक’, कहा- Black Fungus ज्यादा खतरनाक

न्यूज़ डेस्क:- ब्‍लैक फंगस (Black Fungus) और व्‍हाइट फंगस (White Fungus) के कारण भय और चिंता के माहौल के बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि इस रिपोर्ट का कोई आधार नहीं है कि व्‍हाइट फंगस ब्‍लैक फंगस से अधिक खतरनाक है।

कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के बीच ब्लैक फंगस (Black Fungus)  और व्हाइट फंगस (White Fungus) ने लोगों में चिंता और दहशत को कई गुना बढ़ा दिया है. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि सफेद फंगस जैसी कोई बीमारी नहीं होती है। यह कैंडिडिआसिस के अलावा और कुछ नहीं है।

कैंडिडिआसिस क्या है

कैंडिडिआसिस (Candidiasis) किसी भी प्रकार के कैंडिडा (एक प्रकार का यीस्‍ट) के कारण होने वाला एक फंगल संक्रमण है. जब यह केवल मुंह को प्रभावित करता है, तो कुछ देशों में उसे थ्रश कहा जाता है. इसके लक्षणों में जीभ या मुंह और गले के आसपास सफेद धब्बे आना शामिल है. इसके अलावा दर्द और निगलने में भी समस्या हो सकती है।

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व्‍हाइट फंगस के मामले

व्‍हाइट फंगस (White fungus) की पहली रिपोर्ट पटना, बिहार से आई थी। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) ने इन खबरों को खारिज कर दिया. अब हाल ही में ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश में सामने आया है. दूसरी ओर, संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ ईश्वर गिलाडा कहते हैं, “सफेद कवक केवल एक मिथक और एक गलत धारणा है। यह मूल रूप से कैंडिडिआसिस है, एक प्रकार का कवक संक्रमण जिसे कैंडिडा कहा जाता है। यह सबसे आम फंगल संक्रमण है।

क्या व्‍हाइट फंगस ब्‍लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक है?

रिपोर्ट के मुताबिक, चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इस रिपोर्ट का कोई आधार नहीं है। व्‍हाइट फंगस ब्‍लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक होता है। ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज कर रहे बॉम्बे हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. कपिल सालगिया का कहना है कि म्यूकोर माइकोसिस (mucormycosis) ज्यादा आक्रामक होता है और साइनस, आंखों, दिमाग को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इसके लिए बड़ी और कठिन सर्जरी करनी पड़ती है। साथ ही इसके इलाज में जरा सी भी देरी मरीज की जान ले लेती है। वहीं कैंडिडिआसिस का इलाज आसानी से किया जा सकता है और ज्यादातर मामलों में यह मरीज की जान को खतरे में नहीं डालता है। हालांकि, समय पर और सही इलाज मिलना भी बहुत जरूरी है।

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इन लोगों को है ज्यादा खतरा

कैंडिडिआसिस उन रोगियों में अधिक आम है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, मधुमेह है और जो लंबे समय से कोविड-19 के इलाज के लिए स्टेरॉयड का सेवन कर रहे हैं। इसके लक्षण हैं- सिर दर्द, चेहरे के एक तरफ दर्द, सूजन, आंखों की रोशनी कम होना और मुंह में छाले। इस संक्रमण का पता लगाने के लिए 10 प्रतिशत KOH (पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड) के तहत एक साधारण सूक्ष्म परीक्षा पर्याप्त है।

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