FASTag का अंत: 1 मई से नया GPS आधारित Toll Tax सिस्टम होगा लागू, जानें कैसे होगा बदलाव
GPS Toll System: भारत में हाईवे पर टोल कलेक्शन के तरीके में अब बड़ा बदलाव होने वाला है। जो सिस्टम अब तक FASTag के रूप में काम कर रहा था, उसे अब एक नए GPS आधारित टोल सिस्टम से बदल दिया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य यात्रा को और भी सुगम बनाना है, और यात्रियों को टोल प्लाजा पर रुकने की परेशानी से मुक्ति दिलाना है। आइए जानते हैं इस नए सिस्टम के बारे में विस्तार से, जो 1 मई से लागू हो सकता है।
नया GPS आधारित Toll Tax सिस्टम कैसे काम करेगा?
इस नए सिस्टम में हर वाहन में ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) नामक एक डिवाइस लगाया जाएगा। यह डिवाइस GPS (Global Positioning System) और GNSS (Global Navigation Satellite System) तकनीक के माध्यम से वाहन की मूवमेंट को ट्रैक करेगा। इसका मतलब है कि जब भी कोई वाहन हाईवे पर चलेगा, उसका ट्रैक रिकॉर्ड OBU के जरिए होगा। टोल का भुगतान वाहन द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर स्वचालित रूप से ड्राइवर के बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से कट जाएगा।
GPS टोल सिस्टम के फायदे
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रुकने की जरूरत नहीं: अब आपको टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी। GPS आधारित सिस्टम से टोल का भुगतान अपने आप हो जाएगा।
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सटीक दूरी आधारित चार्जिंग: टोल की रकम सिर्फ उस दूरी के हिसाब से होगी, जो आपने तय की है, यानी आप जितना यात्रा करेंगे, उतना ही टोल आपके खाते से कटेगा।
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आधुनिक और सुरक्षित: यह सिस्टम भारत के अपने सैटेलाइट नेटवर्क NavIC पर काम करेगा, जिससे सारा डेटा देश के अंदर ही रहेगा और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं होगी।
नया सिस्टम FASTag से बेहतर क्यों है?
FASTag, जो कि 2016 में लॉन्च किया गया था, एक RFID (Radio Frequency Identification) आधारित प्रणाली है। इसमें गाड़ी के शीशे पर एक टैग लगाया जाता है, जो टोल प्लाजा पर स्कैन हो जाता है, और टोल अपने आप कट जाता है। हालांकि, इस सिस्टम में कुछ समस्याएं भी आईं, जैसे कि तकनीकी गड़बड़ियां, भीड़-भाड़, और कुछ लोग टैग का गलत इस्तेमाल करने लगे थे।
यह नया GPS आधारित सिस्टम उन समस्याओं को हल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह अधिक विश्वसनीय और यूज़र-फ्रेंडली बनता है।
GPS आधारित टोल सिस्टम के प्रमुख फायदे
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स्मूद और तेजी से यात्रा: आपको अब टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी, जिससे यात्रा में कोई रुकावट नहीं आएगी।
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सुरक्षा और पारदर्शिता: NavIC के माध्यम से सभी डेटा का सुरक्षित प्रबंधन होगा, जिससे कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं होगा।
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सस्ती और सटीक टोल वसूली: टोल की रकम सिर्फ उस दूरी के हिसाब से कटेगी, जो आपने तय की है, जिससे हर यात्री को सही और पारदर्शी तरीके से भुगतान करना होगा।
इस प्रणाली के बारे में अधिक जानकारी
यह नया GPS सिस्टम ट्रकों और बसों से शुरू होकर धीरे-धीरे निजी वाहनों पर लागू किया जाएगा। इसके बाद, पूरी प्रक्रिया को और अधिक स्मार्ट बनाने के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे।
यह बदलाव एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, जो भारतीय सड़कों पर यात्रा को और भी सरल और बेहतर बनाएगा। इसके अतिरिक्त, यह सिस्टम भारतीय सैटेलाइट NavIC पर आधारित होगा, जिससे देश में सभी डेटा का प्रबंधन सुरक्षित और स्वदेशी तरीके से होगा।
1 मई से बदलाव के बाद आपको क्या करना होगा?
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OBU डिवाइस इंस्टॉल करें: जब यह सिस्टम लागू होगा, तो आपको अपने वाहन में OBU डिवाइस इंस्टॉल करवाना होगा। यह डिवाइस आपको किसी अधिकृत सेवा केंद्र से मिल सकता है।
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ऑटोमेटिक पेमेंट चेक करें: यात्रा के दौरान यह सुनिश्चित करें कि आपके बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस हो ताकि टोल की राशि आसानी से कट सके।
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नई प्रणाली के बारे में अपडेट रहें: नई प्रणाली के बारे में जानकारी रखना जरूरी है, ताकि आप भविष्य में किसी भी तकनीकी समस्या से बच सकें।
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FAQs
GPS आधारित टोल सिस्टम क्या है?
GPS आधारित टोल सिस्टम एक नई प्रणाली है, जिसमें वाहनों में एक OBU डिवाइस लगाया जाएगा। यह डिवाइस GPS तकनीक से वाहन की यात्रा को ट्रैक करेगा और टोल का भुगतान स्वचालित रूप से बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से कट जाएगा।
यह प्रणाली FASTag से कैसे अलग है?
FASTag RFID तकनीक पर आधारित था, जबकि GPS प्रणाली दूरी के आधार पर टोल की राशि का निर्धारण करती है। GPS प्रणाली अधिक सटीक और पारदर्शी है, और आपको टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी।
GPS आधारित टोल सिस्टम कब से लागू होगा?
यह नया सिस्टम 1 मई 2025 से लागू होगा, पहले ट्रकों और बसों पर, और फिर धीरे-धीरे सभी निजी वाहनों पर इसे लागू किया जाएगा।
यह नया GPS आधारित टोल सिस्टम भारतीय सड़कों पर यात्रा को और भी सरल, सुरक्षित और तेज़ बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जब यह प्रणाली पूरी तरह से लागू हो जाएगी, तो टोल प्लाजा पर रुकने की समस्या समाप्त हो जाएगी, और यात्रा में कोई रुकावट नहीं आएगी। इसे अपनाने के लिए तैयार रहें और अपने यात्रा अनुभव को और भी बेहतर बनाएं!
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