पाकिस्तान में जल आपातकाल! मस्जिदों से हो रहे ऐलान, झेलम नदी में बाढ़ से दहशत में लोग
Flood In Pakistan: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान को हर तरफ से परेशानी हो रही है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद ‘आतंकिस्तान’ पानी के लिए तरसने वाला है। इस बीच शनिवार को पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि भारत ने बिना किसी पूर्व सूचना के झेलम नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ दिया। जिसके कारण मुजफ्फराबाद में अचानक भीषण बाढ़ आ गई है।
पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद के हट्टिन बाला इलाके में झेलम नदी से पानी छोड़े जाने के बाद स्थानीय लोग इलाके को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। हालात बिगड़ने के बाद मुजफ्फराबाद प्रशासन ने जल आपातकाल घोषित कर दिया है। झेलम नदी में अचानक पानी छोड़े जाने से मुजफ्फराबाद के पास जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। मस्जिदों में मुनादी कराकर स्थानीय लोगों को आगाह किया जा रहा है।
जलस्तर 7 से 8 फीट बढ़ा
पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि भारत के अनंतनाग से झेलम नदी में पानी घुस आया है और चकोठी इलाके से बह रहा है। चकोठी में पानी की मात्रा में अचानक और असामान्य वृद्धि देखी गई, जिससे नदी के किनारे बसे गांवों में हड़कंप मच गया और लोग दहशत में हैं। झेलम नदी का जलस्तर सामान्य से 7-8 फीट ऊपर पहुंच गया है और लोगों को नदी के किनारों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।
मुजफ्फराबाद के डिप्टी कमिश्नर मुदस्सर फारूक का कहना है कि झेलम नदी के निचले स्तर में बाढ़ आ गई है, जिससे 22,000 क्यूसेक पानी बह रहा है। दूसरी ओर, पाकिस्तान के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) का कहना है कि अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, मंगला बांध तक पानी पहुंचने में समय लगेगा और नीचे की ओर सुरक्षा उपाय किए गए हैं। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि भारत पानी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित किया
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने की आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी है। भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष सैयद अली मुर्तजा को लिखे पत्र में यह जानकारी दी थी। भारत और पाकिस्तान ने विश्व बैंक की मध्यस्थता से 1960 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते में दोनों देशों को सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के इस्तेमाल के तरीके बताए गए हैं।
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अब बाढ़ की सूचना देने की जरूरत नहीं
सिंधु जल संधि के तहत दोनों देशों के जल आयुक्तों की सालाना बैठक होती थी, जो अब नहीं होगी। अब भारत नदियों के बहाव, बाढ़ की चेतावनी और ग्लेशियरों के पिघलने की सूचना पाकिस्तान को देने के लिए बाध्य नहीं है। शनिवार को भारत ने भी यही किया। झेलम नदी में पानी छोड़े जाने की सूचना पाकिस्तान को नहीं दी गई।
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