France Elections 2024: फ्रांस में वामपंथी गठबंधन की जीत के बाद भड़की हिंसा: जानें पूरा मामला
फ्रांस में संसदीय चुनाव के परिणामों ने देश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला दिया है। जब वामपंथी गठबंधन बहुमत के करीब पहुंचा, तब पेरिस में जश्न और हिंसा दोनों का मंजर देखने को मिला।
वामपंथी गठबंधन की बढ़त और हिंसा
रविवार को फ्रांस में संसदीय चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान हुआ। मतगणना के दौरान शुरुआती रुझानों में वामपंथी गठबंधन आगे बढ़ता दिखा, जिससे पूरे देश में हिंसा भड़क उठी। नकाबपोश प्रदर्शनकारी सड़कों पर आगजनी और उपद्रव करते देखे गए। हिंसा को रोकने के लिए बड़ी संख्या में दंगा रोधी पुलिस तैनात की गई।
मध्यावधि चुनाव का कारण
फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था। लेकिन यूरोपीय संघ में नौ जून को अपनी पार्टी रेनेसां की बड़ी हार के बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने समय पूर्व संसद भंग कर बड़ा जोखिम लिया। 30 जून को पहले दौर के चुनाव में मरीन ली पेन की नेशनल रैली को 35.15 प्रतिशत वोट मिले, जबकि वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट (एनएफपी) गठबंधन को 27.99 प्रतिशत वोट मिले। मैक्रों की रेनेसां पार्टी को केवल 20.76 फीसदी वोट मिले।
हिंसा का वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल
देश में भड़की हिंसा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें नकाबपोश प्रदर्शनकारी सड़कों पर दौड़ते, आग लगाते, और अशांति फैलाते नजर आ रहे हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
एनएफपी को बहुमत मिलने का अनुमान
चुनाव बाद आए शुरुआती रुझानों में एनएफपी को सबसे ज्यादा बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है। इमैनुअल मैक्रों की सत्तारूढ़ पार्टी दूसरे और दक्षिणपंथी नेशनल रैली तीसरे स्थान पर रह सकती है। चुनावी रुझानों के बाद प्रधानमंत्री अट्टल ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि यदि उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया जाता है तो वह अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए पद पर बने रहेंगे, क्योंकि पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से शुरू होने वाले हैं।
पेरिस में जश्न और प्रदर्शन
इस खबर की खुशी में हजारों लोग पेरिस के प्लेस डे ला रिपब्लिक में एकत्र हुए, जिससे प्रधानमंत्री इमैनुएल मैक्रों के मध्यमार्गी गुट, जिसे दूसरा स्थान मिला था, के मुकाबले गठबंधन को मिले व्यापक समर्थन का पता चला। कंजर्वेटिव इस उलटफेर से हैरान रह गए क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि मरीन ले पेन की नेशनल रैली सत्ता पर कब्जा कर लेगी।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
गुस्साए लोग पेरिस की सड़कों पर उतर आए हैं। पुलिस अधिकारी भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। झड़पों के दौरान अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने मोलोटोव कॉकटेल फेंके और पटाखे फोड़े जिससे धुआं फैल गया।
वामपंथी गठबंधन के सदस्य दल
वामपंथी गठबंधन में फ्रांस की सोशलिस्ट पार्टी, फ्रेंच कम्युनिस्ट पार्टी, इकोलॉजिस्ट, और फ्रांस अनबोव्ड शामिल हैं। इस गठबंधन ने मतदाताओं को लुभाने के लिए मैक्रों की पेंशन सुधार योजना में बदलाव, 60 साल की उम्र पर सेवानिवृत्त करने, सार्वजनिक क्षेत्र के वेतन में वृद्धि, धन कर को बहाल करने, और न्यूनतम वेतन में वृद्धि की योजनाएं पेश की हैं।
फ्रांस में इस चुनाव ने देश की राजनीति में नई दिशा और ऊर्जा भर दी है। वामपंथी गठबंधन की बढ़त और उसके बाद भड़की हिंसा ने यह साबित कर दिया है कि फ्रांसीसी जनता में बदलाव की लहर चल रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में यह राजनीतिक बदलाव फ्रांस को किस दिशा में ले जाता है।
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