FASTag बंद करेगी सरकार, नेविगेशन सिस्टम से वसूला जाएगा टोल टैक्स, जानें सरकार का प्लान
FASTag : हाईवे से गुजरते समय लोगों को टोल टैक्स (toll tax) देना पड़ता है और इसके लिए पहले उन्हें नकद भुगतान कर रसीद लेनी पड़ती थी। इसके बाद पिछले कुछ सालों में नई तकनीक आई और टोल प्लाजा पर नकद भुगतान की जगह फास्टैग के जरिए टोल टैक्स वसूला गया। अब जल्द ही FASTag सिस्टम को भी बंद किया जा सकता है और इसकी जगह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम के जरिए टोल कलेक्शन शुरू किया जा सकता है.
हाईवे से गुजरते समय लोगों को टोल टैक्स देना पड़ता है और इसके लिए पहले उन्हें नकद भुगतान कर रसीद लेनी पड़ती थी। इसके बाद पिछले कुछ सालों में नई तकनीक आई और टोल प्लाजा पर नकद भुगतान की जगह फास्टैग के जरिए टोल टैक्स वसूला गया। अब जल्द ही FASTag सिस्टम को भी बंद किया जा सकता है और इसकी जगह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम के जरिए टोल कलेक्शन शुरू किया जा सकता है. सरकार अब इस नई व्यवस्था को लागू करने की पूरी तैयारी कर रही है।
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सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम के जरिए टोल टैक्स (toll tax) वसूलने की व्यवस्था यूरोपीय देशों में शुरू हो गई है और यह काफी सफल भी है। जर्मनी और रूस जैसे देशों में इसके जरिए टोल कलेक्शन किया जा रहा है. यूरोपीय देशों में इस फॉर्मूले की सफलता को देखते हुए इसे भारत में भी लागू करने की चर्चा चल रही है.
दूरी के हिसाब से लगेगा टैक्स
सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम के जरिए वाहनों से टोल टैक्स वसूलने के लिए देश में पायलट प्रोजेक्ट भी चल रहा है। इस सिस्टम के जरिए वाहन द्वारा हाईवे पर जितनी दूरी तय की जाती है, उसके हिसाब से टोल चार्ज लिया जाएगा।
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सरकार ने शुरू किया ट्रायल
टोल वसूली की इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ जरूरी टेस्ट शुरू किए हैं। पूरे देश में 1.37 लाख वाहनों को ट्रायल में शामिल किया गया है। महाराष्ट्र में 38,680, दिल्ली में 29,705, उत्तराखंड में 14,401, छत्तीसगढ़ में 13,592, हिमाचल प्रदेश में 10,824 और गोवा में 9,112 वाहनों को ट्रायल में शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम और लद्दाख में एक-एक वाहन में यह ट्रायल चल रहा है। केंद्र सरकार रूस और दक्षिण कोरिया के कुछ विशेषज्ञों की मदद से एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार कर रही है।
कैसे होगी वसूली
जैसे ही आपका वाहन उस सड़क या राजमार्ग में प्रवेश करता है जिसके लिए आपसे टोल टैक्स लिया जाना है, वहां से टोल टैक्स शुरू हो जाएगा। इसके बाद जैसे ही आप उस सड़क या हाईवे से निकलते हैं, तो आपके वाहन ने जितने किलोमीटर की दूरी तय की है, उतने किलोमीटर का टोल टैक्स अकाउंट से काट लिया जाएगा।
मोटे तौर पर आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं जैसे आपने कभी मेट्रो में सफर किया हो, जब आप एक स्टेशन पर प्रवेश करते हैं, जब आप प्रवेश द्वार खोलने के लिए कार्ड डालते हैं, तो वह पढ़ा जाता है और आप जिस स्टेशन पर दूसरे स्टेशन पर होते हैं। बाहर निकलने के लिए जब आप एग्जिट गेट पर कार्ड दिखाते हैं तो इन दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी के हिसाब से आपका किराया काट लिया जाता है।
नीतियों में बदलाव होगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नई व्यवस्था लागू करने से पहले परिवहन नीति में बदलाव जरूरी है. विशेषज्ञों की टीम बदलाव करने के लिए जरूरी बिंदुओं को तैयार कर रही है। इस पर अगले कुछ हफ्तों में रिपोर्ट आ सकती है।
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Posted by Talkaaj
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