अगर आप EPF खाते से पैसा निकालना चाहते हैं, तो इन 7 बातों का जरूर ध्यान रखें
न्यूज़ डेस्क:- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में कई बदलाव हुए हैं। इससे कर्मचारी के लिए ईपीएफ खाते से निकासी करना आसान हो गया है। अब ऑनलाइन माध्यम से ईपीएफ (EPF) खाते से आंशिक पैसा निकाला जा सकता है। वहीं, ईपीएफओ कर्मचारी को नौकरी छोड़ने के बाद 75 प्रतिशत तक राशि निकालने की अनुमति देता है।
दूसरी ओर, यदि कोई कर्मचारी दो महीने से बेरोजगार है, तो वह ईपीएफ (EPF) खाते से 100 प्रतिशत निकाल सकता है। अगर आप भी ईपीएफ खाते से निकासी करने जा रहे हैं, तो हम आपको कुछ बातें बताने जा रहे हैं। ध्यान से पढ़ें ताकि आपको और परेशानी का सामना न करना पड़े।
- यदि कर्मचारी ने पांच साल की सेवा अवधि पूरी नहीं की है, तो धन की वापसी पर कर लगाया जाता है।
- अगर ईपीएफ (EPF) खाते को पुराने नियोक्ता से स्थानांतरित किया जाता है, तो कर के लिए कुल सेवा अवधि की गणना में पुरानी सेवा अवधि भी शामिल है।
- ईपीएफ (EPF) खाता राशि चार भागों में है।
- यदि निकासी पांच साल की सेवा अवधि से पहले हो। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत अंशदान पर छूट का दावा करते समय, कर्मचारी के योगदान को वेतन श्रेणी के तहत भी माना जाता है।
- पांच साल की रोजगार अवधि से पहले 10 प्रतिशत की दर से टीडीएस।
- अगर राशि 50 हजार से कम है या कंपनी का संचालन बंद है तो टीडीएस नहीं काटा जाता है।
- यदि कर्मचारी की आय पात्र आय सीमा से कम है, तो फॉर्म 15G / 15H भरने से टीडीएस को ईपीएफ में कटौती करने से रोका जा सकता है।
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