Indian Go Back: कनाडाई महिला ने कहा तुम काले हो, हमारे देश से वापस चले जाओ, वीडियो वायरल

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Indian Go Back: कनाडा में भारतीय मूल के व्यक्ति पर नस्लीय हमला, महिला ने कहा ‘भारत वापस जाओ’

ब्यूरो रिपोर्ट, टॉकआज मीडिया: कनाडा में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को गंभीर नस्लीय अपमान का सामना करना पड़ा, जहां एक महिला ने उसे “भारत लौट जाओ” कहकर अपमानित किया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद, यह मुद्दा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। यह घटना दोनों देशों के बीच 2023 से चल रहे राजनयिक तनाव और उसके परिणामस्वरूप बढ़ते घृणा अपराधों की कड़ी का हिस्सा मानी जा रही है।

घटना का विवरण: नस्लवाद का सामना करते अश्विन अन्नामलाई

इस घटना के शिकार अश्विन अन्नामलाई ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर अपना अनुभव शेयर किया। उन्होंने बताया कि महिला ने गलती से उन्हें केवल उनके रंग और मूल के आधार पर भारतीय नागरिक मान लिया, जबकि वह कनाडाई नागरिक हैं।

अश्विन ने एक वीडियो में दिखाया कि महिला ने बहुत आक्रामक लहजे में उनसे कहा, “जहां से आए हो, वहीं लौट जाओ,” और सार्वजनिक रूप से उनका अपमान किया। यह घटना किचनर-वाटरलू इलाके में हुई, जिसे पहले एक विविधता-स्वीकार्य समुदाय के रूप में जाना जाता था।


नफरत अपराधों में बढ़ोतरी: भारतीय समुदाय की चिंता

अन्नामलाई के इस व्यक्तिगत अनुभव से यह संकेत मिलता है कि कनाडा में भारतीयों के खिलाफ भेदभाव बढ़ रहा है। 2023 में भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में आई दरार के बाद, भारतीय समुदाय के प्रति नफरत और नस्लीय हमलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है।

अश्विन ने अपने पोस्ट में लिखा:
“किचनर-वाटरलू, जो पहले स्वागत करने वाला समुदाय था, अब रंग के आधार पर बढ़ती नफरत का सामना कर रहा है। मैंने आज एक ऐसी घटना का अनुभव किया, जिसे कभी भुला नहीं सकता। एरब/अवॉन्डेल में टहलते समय एक महिला ने मुझ पर नस्लीय गुस्सा निकालते हुए मुझे उंगली दिखाई और अपमानित किया।”


राजनीतिक तनाव और भेदभाव की समस्या

हाल के राजनयिक विवादों ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, जिससे भारतीय समुदाय निशाने पर आ रहा है। इस तरह की घटनाएं यह साबित करती हैं कि भले ही समाज कितना भी विकसित हो, नस्लीय पूर्वाग्रह अभी भी मौजूद है।

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कनाडा के कई भारतीय नागरिक इन घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं, क्योंकि यह सिर्फ व्यक्तिगत हमले नहीं बल्कि सामाजिक भेदभाव के संकेत हैं। भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव के चलते कई लोग डर और अनिश्चितता महसूस कर रहे हैं।

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समाज को एकजुटता दिखाने की जरूरत

इस घटना ने इस बात पर जोर दिया है कि जागरूकता और एकजुटता नस्लीय भेदभाव से निपटने के लिए बेहद जरूरी हैं। समाज को इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए और समावेशिता को बढ़ावा देना चाहिए। इस तरह के हमलों के खिलाफ मजबूत कानूनी और सामाजिक कदम उठाने की जरूरत है ताकि प्रवासियों और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।


FAQs

Q1. हाल के दिनों में कनाडा में भारतीयों के खिलाफ नफरत क्यों बढ़ी है?
A1. भारत-कनाडा कूटनीतिक तनाव ने कुछ वर्गों में नफरत और भेदभाव को बढ़ावा दिया है। इससे भारतीय समुदाय निशाने पर आ रहा है।

Q2. अश्विन अन्नामलाई के साथ क्या हुआ?
A2. अश्विन ने बताया कि उन्हें एक महिला द्वारा नस्लीय अपमान का सामना करना पड़ा, जिसने उन्हें भारत वापस लौटने को कहा, जबकि वह कनाडाई नागरिक हैं।

Q3. ऐसी घटनाओं से कैसे निपटा जा सकता है?
A3. जागरूकता फैलाने, कड़े कानूनों को लागू करने और भेदभाव के खिलाफ एकजुटता दिखाने से इस तरह के मामलों को कम किया जा सकता है।


यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति का अनुभव नहीं है, बल्कि समाज में गहराई से मौजूद नस्लीय भेदभाव की एक झलक है। हाल के राजनीतिक और सामाजिक तनावों ने इस समस्या को और बढ़ावा दिया है। ऐसे माहौल में समावेशी समाज का निर्माण करना और प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।

इस लेख का उद्देश्य नस्लीय भेदभाव के प्रति जागरूकता बढ़ाना है और दिखाना है कि कैसे व्यक्तिगत अनुभव व्यापक सामाजिक मुद्दों को उजागर कर सकते हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट, टॉकआज मीडिया (Talkaaj Media)  

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