Kerala Wayanad Landslide: 123 की मौत, 4 गांव तबाह – जानिए अब तक की पूरी जानकारी
प्रमुख बातें
- अभी काफी संख्या में लोगों के मलबे में दबे होने का अंदेशा है।
- युद्ध स्तर पर राहत व बचाव कार्य जारी है, सेना भी मदद में जुटी है।
- पहला भूस्खलन रात में दो और दूसरा तड़के साढ़े चार बजे हुआ।
भूस्खलन से भारी तबाही केरल के वायनाड में मंगलवार को भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन में चार गांव पूरी तरह तबाह हो गए। कम से कम 123 लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों लोग जख्मी हुए हैं। अभी भी कई लोग मलबे में फंसे हैं।
सेना और बचाव दल युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। इस प्राकृतिक आपदा की विभीषिका का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बचावकर्मियों को नदियों और कीचड़ से लोगों के क्षत-विक्षत अंग मिल रहे हैं।
चारों तरफ सिर्फ बर्बादी का मंजर
त्रासदी में मारे गए लोगों की सही संख्या का पता लगाना अभी बड़ा मुश्किल है। प्राकृतिक सौंदर्य को समेटे इस पहाड़ी क्षेत्र में अब चारों तरफ सिर्फ बर्बादी का मंजर दिख रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के सीएम पी. विजयन से बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
नींद में सो रहे लोगों पर आई मौत
भूस्खलन प्रभावित इलाकों में वायनाड के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं। मंगलवार की अल सुबह पहाड़ी दरकने की घटनाएं उस समय हुईं जब लोग गहरी नींद में थे। पहला भूस्खलन देर रात करीब दो बजे हुआ और दूसरा तड़के साढ़े चार बजे।
बचाव कार्य में जुटी टीमें
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई मकान नष्ट हो गए, जलाशयों में पानी भर गया और पेड़ उखड़ गए। भारतीय सेना समेत बचाव दल फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के अलावा राज्य सरकार ने भी प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और अग्निशमन बल से आपदा प्रतिक्रिया दल तैनात किए हैं।
केंद्रीय मंत्री भी वायनाड के लिए रवाना
वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी बचाव व राहत कार्य में जुटे हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री जार्ज कुरियन राहत और बचाव अभियान का नेतृत्व करने के लिए वायनाड पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर मंत्री अभियान में राष्ट्रीय आपदा राहत बल के कर्मियों, अर्धसैनिक बलों, केरल सरकार के अधिकारियों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करेंगे।
मेरठ से भेजे गए प्रशिक्षित कुत्ते
राहत एवं बचाव कार्य के लिए मेरठ से सेना की विशिष्ट श्वान इकाई के प्रशिक्षित कुत्ते भी वायनाड के लिए रवाना हो चुके हैं। ये कुत्ते मानव अवशेषों और मिट्टी के नीचे दबे लोगों की हल्की सी गंध को भी सूंघ सकते हैं। ध्वस्त हो चुके घरों और मलबे के ढेर के नीचे फंसे लोगों द्वारा मदद की गुहार लगाने के लिए किए जा रहे फोन प्राकृतिक आपदा की भयावह तस्वीर को बयां कर रहे हैं।
घरों में फंसे लोग
रोते हुए लोगों द्वारा जान बचाने की गुहार लगाए जाने की वीडियो और तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर भी चल रही हैं। आपदा प्रभावित लोग या तो अपने घरों में फंसे हुए थे या बाढ़ और बह गए पुलों के कारण उनके पास आने-जाने का कोई रास्ता नहीं था। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि उत्तरी वायनाड जिले में हुए भीषण भूस्खलन में 123 लोगों की मौत हो गई और करीब 128 लोग घायल हुए हैं।
मलबे में अब भी सैकड़ों लोग फंसे
मुख्यमंत्री के मुताबिक भूस्खलन के कारण सैकड़ों लोग मलबे में फंसे हैं और कई लोग बह गए हैं। सूत्रों के अनुसार मृतकों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। भूस्खलन में घायल हुए कई लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मृतकों के शवों को पहचान और पोस्टमार्टम के लिए विभिन्न अस्पतालों के मुर्दाघरों में ले जाया जा रहा है।
बुधवार को वायनाड जाएंगे राहुल और प्रियंका
अस्पताल परिसरों में भी भारी मारामारी रही। लोग अपनों को तलाशते नजर आए। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार सुबह भूस्खलन प्रभावित वायनाड का दौरा करेंगे।
हाथ से हाथ पकड़ बनाई चेन ताकि बह न जाएं
विभिन्न गांवों में बचाव अभियान जारी रहने के बीच भूस्खलन के कारण पुल बहने के बाद अस्थायी पुल बनाकर लोगों को बचाया गया। कुछ जगहों पर लोग एक दूसरे को पकड़कर बहाव से बचने की कोशिश करते नजर आए।
चट्टान से चिपके जिंदगी के लिए संघर्ष करता व्यक्ति
एक दिल दहला देने वाले दृश्य में मुंडक्कई गांव में कीचड़ में लथपथ एक व्यक्ति बाढ़ के पानी में एक विशाल चट्टान से चिपके हुए जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहा था जबकि स्थानीय लोग केवल उसकी पीड़ा देख सकते थे और उसकी मदद नहीं कर पा रहे थे। वे अधिकारियों से उसे तुरंत बचाने की गुहार लगा रहे थे।
कड़ी मुश्किल का करना पड़ रहा सामना
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि जिले में स्थापित 45 राहत शिविरों में 3,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है। विजयन ने बताया कि पहला लैंडस्लाइड रात दो बजे हुआ, उसके बाद दूसरा लैंडस्लाइड सुबह चार बजकर दस मिनट पर हुआ। उन्होंने बताया कि लोगों को ढूंढने और मदद करने के लिए ड्रोन और डॉग स्क्वॉड की मदद ली जा रही है। इलाके में बारिश की वजह से हालात इतने खराब हैं कि रेस्क्यू टीम को लोगों के शव निकालने में भी कड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
रक्षा मंत्रालय ने एक पोस्ट में कहा कि सभी संभव प्रयास जारी हैं। अतिरिक्त सैनिक, मशीनें, डॉग स्क्वॉड और अन्य आवश्यक राहत सामग्री त्रिवेंद्रम, बेंगलुरु और दिल्ली से सेवा विमानों द्वारा पहुंचाई जा रही है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात कर भूस्खलन प्रभावित वायनाड में सेना द्वारा चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया।
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