ममता बनर्जी का नया ‘अपराजिता’ कानून: 10 दिन में सजा-ए-मौत, JMM ने जताई चिंता, कहा- ’10 दिन में मौत की सजा देना सही नहीं’

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ममता बनर्जी का नया ‘अपराजिता’ कानून: 10 दिन में सजा-ए-मौत, JMM ने जताई चिंता, कहा- ’10 दिन में मौत की सजा देना सही नहीं’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा में एक नया कानून पेश किया है, जिसे ‘अपराजिता’ एंटी-रेप बिल कहा जा रहा है। इस बिल में बलात्कारियों के लिए मौत की सजा का प्रस्ताव है, जिसे विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है।

इस कानून के तहत, बलात्कार के दोषियों को पैरोल के बिना आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। इसके अलावा, इस कानून का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करना है। इसके लिए यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को संशोधित और पेश किया गया है।

JMM ने ‘अपराजिता’ कानून पर उठाए सवाल

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) जो कि INDI गठबंधन की सहयोगी पार्टी है, ने ममता बनर्जी के इस कानून पर सवाल उठाए हैं। सांसद मुहुआ मांझी ने कहा कि सरकारें कानून तो बना देती हैं, लेकिन क्या इनका पालन भी सख्ती से किया जाता है? उन्होंने चिंता जताई कि इस तरह के सख्त कानून से कई निर्दोष लोग भी फंस सकते हैं।

मुहुआ मांझी ने कहा, “पश्चिम बंगाल में जो हुआ वह बहुत दुखद है, और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानूनों की जरूरत है। लेकिन, 10 दिनों में अपराधी को मृत्युदंड देने का फैसला सही नहीं है। इससे कई निर्दोष लोगों को भी सजा मिल सकती है।

यह भी देखे : Aparajita Bill: क्या रेपिस्ट को अब सीधे फांसी? ममता सरकार ने विधानसभा में पेश किया ऐतिहासिक बिल!

‘अपराजिता’ एंटी-रेप बिल के प्रमुख प्रावधान

इस बिल में रेप और हत्या के आरोपियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है। पुलिस को 21 दिनों में अपनी जांच पूरी करनी होगी और चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के अंदर दोषियों को फांसी की सजा मिलेगी। इसके अलावा, जिन लोगों ने आरोपियों की मदद की होगी, उन्हें 5 साल तक की सजा दी जाएगी।

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‘अपराजिता’ टास्क फोर्स की स्थापना

ममता बनर्जी की सरकार इस बिल के तहत ‘अपराजिता’ नामक एक टास्क फोर्स का गठन करेगी, जो महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर कार्रवाई करेगी। यह फोर्स आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल में डालेगी।

पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सख्त सजा

बिल के अनुसार, पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है। यह प्रावधान पीड़िता की गोपनीयता और सम्मान की रक्षा के लिए किया गया है।

एसिड अटैक के खिलाफ सख्त कदम

इस बिल में एसिड अटैक के आरोपियों के लिए भी आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। एसिड अटैक महिलाओं के खिलाफ एक गंभीर अपराध है, और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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