अब जमीन पर भी होगा ‘Aadhaar Number’, सरकार शुरू करने जा रही है यह योजना
One Nation, One Registration: बजट 2022 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि भूमि के रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रखे जाएंगे। इसके लिए जमीन के 14 नंबर का यूनिक कोड जारी किया जाएगा। जिसे जमीन का Aadhaar Number कहा जा सकता है।
जिस तरह से भारत में नागरिकों के लिए यूनिक नंबर यानी Aadhaar Card की व्यवस्था है, उसी तरह सरकार अब यूनिक रजिस्टर्ड नंबर की जमीन भी जारी करने की तैयारी कर रही है. यह कार्य केंद्र सरकार (Central government) वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम (One Nation One Registration program) के तहत किया जाएगा। बजट 2022 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि भूमि रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रखे जाएंगे।
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IP बेस्ड टेक्नोलॉजी का किया जाएगा इस्तेमाल
जानकारी के मुताबिक जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रखने के लिए IP बेस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। जमीन के कागजात की मदद से उनका रिकॉर्ड डिजिटल रखा जाएगा। केंद्र सरकार का लक्ष्य 2023 तक देश भर से लैंड रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करना है। मार्च 2023 तक देश भर में भूमि रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करने का लक्ष्य रखा गया है।
14 अंकों का यूनिक नंबर जारी किया जाएगा
डिजिटल भूमि की रिकॉर्डिंग से कई तरह से लाभ मिलेगा। इसे 3C फॉर्मूले के अनुसार बांटा जाएगा, जिससे सभी फायदे मिलेंगे। इनमें सेंट्रल ऑफ रिकॉर्ड्स, कलेक्शन ऑफ रिकॉर्ड्स, रिकॉर्ड्स की सुविधा से आम जनता को काफी फायदा होगा। इसके साथ ही एक 14 अंकों का ULPIN नंबर यानी आपकी जमीन का यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। आसान भाषा में जमीन का आधार नंबर (Aadhaar Number) भी कहा जा सकता है। भविष्य में आप घर बैठे अपनी जमीन के सारे दस्तावेज सिर्फ एक क्लिक में देख सकेंगे।
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एक क्लिक में पता चल जाएगा जमीन की पूरी जानकारी
वहीं, इस ULPIN का इस्तेमाल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan yojna) जैसी कई योजनाओं में भी किया जा सकता है। इसके अलावा ULPIN नंबर के जरिए देश में कहीं भी जमीन खरीदने-बेचने में कोई दिक्कत नहीं होगी. खरीदार और विक्रेता का पूरा विवरण सामने आएगा। अगर उस जमीन का और बंटवारा होता है तो उस जमीन का आधार नंबर अलग होगा।
ड्रोन के जरिए नापी जाएगी जमीन
गौरतलब है कि वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन प्रोग्राम के जरिए सरकार ड्रोन (Drone) की मदद से जमीन की माप करेगी। ड्रोन से जमीन की माप (Land Calculation) में किसी प्रकार की गड़बड़ी या गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी। इसके बाद यह माप सरकारी डिजिटल पोर्टल (Digital Portal) पर उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान में देश में 14 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर खेती की जा रही है। 125 मिलियन हेक्टेयर भूमि की मरम्मत की जा रही है।
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