PM Solar Rooftop Scheme: सोलर पैनल लगाओ, गांव को मिलेंगे 1 करोड़ रुपए- जानिए पूरी जानकारी?
PM Solar Rooftop Scheme Hindi : गुजरात ने ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में ‘मॉडल सोलर विलेज प्रतियोगिता’ की शुरुआत की गई है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य सौर ऊर्जा के जरिए गांवों को ऊर्जा स्वतंत्र बनाना है, और इसके माध्यम से सबसे ज्यादा सौर पैनल स्थापित करने वाले गांवों को ₹1 करोड़ का इनाम मिलेगा।
यह पहल सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं है, बल्कि यह गांवों को न केवल नवीनीकरण ऊर्जा में शामिल करने, बल्कि विकास और पर्यावरणीय लाभ प्राप्त करने के लिए भी एक शानदार अवसर प्रदान करती है।
मॉडल सोलर विलेज प्रतियोगिता क्या है?
भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह योजना शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य है गांवों के घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहन देना, ताकि अधिक से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न हो सके। इससे गांवों में बिजली उत्पादन बढ़ेगा और वे आत्मनिर्भर बनेंगे।
यह प्रतियोगिता 1 अप्रैल 2025 से 30 सितंबर 2025 तक चलेगी। इस दौरान, स्थानीय प्रशासन और सरकार मिलकर सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया को तेजी से लागू करने का प्रयास करेंगे, ताकि अधिक से अधिक गांव इसमें शामिल हो सकें।
यह योजना क्यों महत्वपूर्ण है?
सौर ऊर्जा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कई लाभ प्रदान करती है, खासकर उन गांवों के लिए जहां बिजली की समस्या आम है। सोलर पैनल लगाने से गांवों को पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता कम होगी। इससे न केवल बिजली के खर्चों में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
सौर ऊर्जा का इस्तेमाल न केवल दीर्घकालिक रूप से टिकाऊ है, बल्कि यह लागत-प्रभावी भी है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से, सरकार गांवों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, जिससे पूरे क्षेत्र में एक स्वच्छ, हरित ऊर्जा का माहौल बनेगा।
प्रतियोगिता कैसे काम करेगी?
गुजरात के 12 जिलों के 244 गांव इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं, जिनमें राजकोट, भावनगर, और गिर सोमनाथ जैसे जिले शामिल हैं। प्रत्येक जिले से एक गांव को चुना जाएगा, जो सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा। विजेता गांव को ₹1 करोड़ की राशि मिलेगी, जिसे विकास कार्यों के लिए उपयोग किया जाएगा।
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य सिर्फ सौर ऊर्जा उत्पन्न करना नहीं है, बल्कि पूरे समुदाय को इस पहल में शामिल करना भी है। प्रत्येक गांव में एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जिसका नेतृत्व ग्राम पंचायत करेगी। यह टास्क फोर्स गांववासियों को सोलर पैनल लगाने के लाभ और प्रक्रिया के बारे में समझाएगी, और स्थानीय स्तर पर प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाएगी।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार का समर्थन
गुजरात सरकार और पीजीवीसीएल की टीमें गांव-गांव जाकर स्थानीय निवासियों को सौर ऊर्जा के लाभ समझा रही हैं। इन कार्यक्रमों के जरिए, लोग यह जान रहे हैं कि कैसे सोलर पैनल से उनका बिजली का बिल कम हो सकता है, उन्हें सरकारी सब्सिडी मिल सकती है और यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। इससे गांववाले इस योजना से जुड़ने के लिए उत्साहित हो रहे हैं।
विजेता गांव को क्या मिलेगा?
छह महीने की प्रतियोगिता के बाद, हर जिले का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला गांव ‘आदर्श सौर गांव’ के रूप में घोषित किया जाएगा। इस गांव को ₹1 करोड़ की राशि मिलेगी, जो विभिन्न विकास कार्यों में खर्च की जाएगी, जैसे:
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सरकारी कार्यालयों और अन्य महत्वपूर्ण भवनों पर सोलर छतों का निर्माण।
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किसानों के लिए सोलर पंप स्थापित करना।
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सामुदायिक हॉल और सार्वजनिक स्थानों पर सोलर सिस्टम लगाना।
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सोलर ऊर्जा आधारित आजीविका परियोजनाओं की शुरुआत, जैसे स्थानीय सोलर पैनल निर्माण इकाइयों की स्थापना।
इस ₹1 करोड़ की राशि का उपयोग इन कार्यों के लिए किया जाएगा, जिससे गांव की सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी और विकास की गति भी तेज होगी।
गुजरात का सौर ऊर्जा में नेतृत्व
गुजरात पहले से ही देशभर में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक नेता के रूप में पहचान बना चुका है। राज्य ने हजारों घरों में सोलर पैनल स्थापित कर, हरित ऊर्जा उत्पादन में प्रमुख स्थान हासिल किया है। यह सफलता सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और जनता की भागीदारी के कारण संभव हुई है।
अब, यह प्रयास गुजरात के गांवों में भी तेजी से फैल रहा है। मॉडल सोलर विलेज प्रतियोगिता इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जिससे राज्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में और आगे बढ़ेगा और अन्य राज्य भी इससे प्रेरित होंगे।
मॉडल सोलर विलेज प्रतियोगिता से संबंधित सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. मॉडल सोलर विलेज प्रतियोगिता का उद्देश्य क्या है?
यह प्रतियोगिता ग्रामीण गांवों को सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए प्रेरित करती है। प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा उत्पन्न करने वाला गांव ₹1 करोड़ का पुरस्कार प्राप्त करेगा, जिसे विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा।
2. गांव इस प्रतियोगिता में कैसे भाग ले सकते हैं?
गांवों को अपनी छतों पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ग्राम पंचायतों द्वारा बनाई गई टास्क फोर्स की मदद से, गांववाले इस प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। प्रतियोगिता अप्रैल से सितंबर 2025 तक चलेगी।
3. सौर ऊर्जा के लाभ क्या हैं?
सौर ऊर्जा बिजली के बिल में कमी लाती है, ग्रामीणों को ऊर्जा स्वतंत्रता प्रदान करती है और पर्यावरण की रक्षा करती है। इसके अलावा, यह सरकारी सब्सिडी और रोजगार निर्माण के अवसर भी उत्पन्न करती है।
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