PM Vishwakarma Yojana | सरकार दें रही सभी को 15000 रूपये , ऐसे करें आवेदन

by ppsingh
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PM Vishwakarma Yojana

PM Vishwakarma Yojana हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना में 13,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे असंगठित क्षेत्र के कारीगरों को अपने कौशल को निखारने का मौका मिलेगा। इस योजना के तहत कलाकार 3 लाख रुपये तक के ऋण बहुत कम ब्याज दरों पर प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, पंजीकृत विष्‍वकर्मा श्रमिकों को वजीफे, विशेष पहचान पत्र, और कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

आइए जानते हैं PM Vishwakarma Yojana की विस्तृत जानकारी, जैसे लाभ, उद्देश्य, आधिकारिक वेबसाइट और पात्रता।

कौन-कौन सी विधाओं को शामिल किया गया है?

PM Vishwakarma Yojana के अंतर्गत 18 प्रकार की पारंपरिक विधाओं के कारीगरों को लाभ दिया जाएगा, जैसे:

  • बढ़ईगिरी
  • नाव निर्माण
  • हथियार निर्माण
  • लोहारगीरी
  • औज़ार निर्माण
  • ताला बनाने
  • सुनारगीरी
  • मिट्टी के बर्तन बनाना
  • मूर्तिकला
  • पत्थर की नक्काशी
  • मोची
  • निर्माण कार्य
  • टोकरी बनाना
  • गुड़िया और खिलौना बनाना
  • नाई
  • माला बनाना
  • कपड़े धोने का काम
  • दर्जी
  • मछली पकड़ने के जाल बनाना

PM Vishwakarma Yojana के प्रमुख उद्देश्य:

PM Vishwakarma Yojana का उद्देश्य भारतीय शिल्पकारों और कारीगरों को सशक्त बनाना और उनकी आय को बढ़ावा देना है। इसके प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  1. कौशल विकास और ज्ञानवर्धन: इस योजना के तहत कारीगरों को कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से अपने पारंपरिक कौशल को निखारने और नए कौशल सीखने का मौका मिलेगा, ताकि वे बेहतर उत्पाद बना सकें और बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहें।
  2. उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार: आधुनिक उपकरण और तकनीक के माध्यम से कारीगरों की उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
  3. वित्तीय सहायता: इस योजना के तहत बगैर गारंटी के ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे कारीगर अपने व्यवसाय को बढ़ा सकेंगे। इसके अलावा, उपकरणों और कच्चे माल की खरीद के लिए निवेश करने में सक्षम होंगे।
  4. डिजिटल एकीकरण: डिजिटल खरीदारी को प्रोत्साहित करके, कारीगरों की वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा दिया जाएगा और उनकी बाजार पहुंच बढ़ेगी।
  5. बाजार संबंध: इस योजना के तहत कारीगरों को स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि उनकी कमाई के अवसरों में वृद्धि हो सके।
  6. पारंपरिक शिल्प की रक्षा: यह योजना भारतीय पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करने और उन्हें आगे बढ़ाने में मददगार होगी।
  7. व्यक्तिगत सशक्तिकरण: इस योजना का अंतिम उद्देश्य कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए प्रेरित करना है।

PM Vishwakarma Yojana में ऑनलाइन आवेदन कैसे करें:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: PM Vishwakarma Yojana की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. CSC लॉगिन पर जाएं: लॉगिन ड्रॉपडाउन से CSC लॉगिन चुनें।
  3. लॉगिन करें: CSC उपयोगकर्ता पंजीकृत आवेदकों का विवरण देख सकते हैं।
  4. आवेदन पूरा करें: आवेदक की आधार जानकारी और अन्य आवश्यक विवरण दर्ज करें।
  5. सबमिट करें: सारी जानकारी सही तरीके से भरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें।

पात्रता:

इस योजना का लाभ 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वे लोग उठा सकते हैं, जो असंगठित क्षेत्र में पारंपरिक कारीगरी का काम करते हैं।
आवेदन के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, व्यवसाय का प्रमाण, मोबाइल नंबर, बैंक खाता जानकारी और आय प्रमाणपत्र (यदि लागू हो) की आवश्यकता होगी।

योजना के लाभ:

  1. वित्तीय सहायता: कारीगर 1 लाख और 2 लाख तक के ऋण ले सकते हैं, जिसमें ब्याज दर केवल 5% होगी।
  2. उपकरण प्रोत्साहन: 15,000 तक के टूलकिट के लिए ई-कूपन दिए जाएंगे।
  3. डिजिटल लेनदेन पर इनाम: हर डिजिटल लेनदेन पर ₹1 का इनाम, प्रति माह अधिकतम 100 लेनदेन।
  4. प्रमाणन: PM Vishwakarma प्रमाणपत्र और ID कार्ड से कारीगरों की पहचान और प्रतिभा की प्रमाणिकता होगी, जिससे उन्हें कई फायदे मिलेंगे।

निष्कर्ष:

PM Vishwakarma Yojana भारतीय कारीगरों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे अपने कौशल को निखार सकते हैं, अपनी आय बढ़ा सकते हैं और देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। यह योजना पारंपरिक कारीगरी के संरक्षण और उनके विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी।


इस प्रकार, PM Vishwakarma Yojana से जुड़े कारीगर और शिल्पकार अपनी पारंपरिक कला और कौशल को आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़कर बेहतर उत्पाद बना सकेंगे। योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय और तकनीकी सहायता से न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बना सकेंगे।

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ब्यूरो रिपोर्ट, टॉकआज मीडिया  

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