Premanand Ji Maharaj: कैसे मिला प्रेमानंद जी महाराज को भोलेनाथ का आशीर्वाद? जानिए उनके जीवन का रहस्य!

by ppsingh
48 views
A+A-
Reset
Premanand Ji Maharaj Biography

Premanand Ji Maharaj: कैसे मिला प्रेमानंद जी महाराज को भोलेनाथ का आशीर्वाद? जानिए उनके जीवन का रहस्य!

Premanand Ji Maharaj Biography Hindi: प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन में राधारानी और श्रीकृष्ण के प्रति गहरी भक्ति रखते हैं। वे भजन और कथा के माध्यम से लोगों को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखाते हैं। उनके भजन और सत्संग में देश-विदेश से लोग आते हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

प्रेमानंद जी महाराज का प्रारंभिक जीवन ( Premanand Ji Maharaj Biography )

प्रेमानंद जी महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक धार्मिक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। उनके पिता, श्री शंभू पांडे, और माता, श्रीमती रामा देवी, दोनों धार्मिक प्रवृत्ति के थे। उनके दादा जी ने भी संन्यास लिया था, जो प्रेमानंद जी के जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ गया।

बाल्यकाल से ही, अनिरुद्ध जी ने गीता का पाठ करना शुरू किया, जो उनके जीवन में आध्यात्मिकता के बीज बोने का कारण बना। जैसे-जैसे वे बड़े हुए, उनकी रुचि भक्ति और आध्यात्म की ओर बढ़ती गई। 13 वर्ष की आयु में, उन्होंने ब्रह्मचारी बनने का निर्णय लिया और संन्यासी जीवन की ओर कदम बढ़ाए।

संन्यासी बनने की प्रेरणा

प्रेमानंद जी महाराज का संन्यासी बनने का निर्णय सहज नहीं था। उनके परिवार में धार्मिकता का वातावरण था, लेकिन उन्होंने आध्यात्मिकता के प्रति गहरी तड़प महसूस की। उन्होंने महसूस किया कि सांसारिक जीवन में रहते हुए भी सच्ची भक्ति और मोक्ष की प्राप्ति संभव नहीं है। इसी विचारधारा ने उन्हें संन्यास लेने के लिए प्रेरित किया।

संन्यासी जीवन के आरंभ में, उनका नाम आरयन ब्रह्मचारी रखा गया। संन्यासी जीवन कठिन था, लेकिन प्रेमानंद जी ने इसे धैर्यपूर्वक अपनाया। वाराणसी में, वे गंगा में प्रतिदिन स्नान करते, ध्यान करते, और भिक्षा के बिना ही दिन बिताते। उनकी तपस्या और समर्पण ने उन्हें आध्यात्मिकता के उच्च स्तर पर पहुंचा दिया।

वृंदावन की ओर यात्रा और चमत्कारिक अनुभव

वृंदावन आने की उनकी कहानी चमत्कारिक और प्रेरणादायक है। एक दिन, एक अज्ञात संत उनसे मिलने आए और उन्हें श्री हनुमत धाम विश्वविद्यालय में आयोजित चैतन्य लीला और रासलीला का निमंत्रण दिया। पहले तो प्रेमानंद जी महाराज ने मना कर दिया, लेकिन संत के आग्रह पर वे आयोजन में शामिल हो गए।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Google News Follow Me

इस आयोजन ने उनके जीवन में एक गहरा प्रभाव छोड़ा। वे रासलीला के प्रेम और भक्ति से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने संत से अनुरोध किया कि उन्हें वृंदावन ले चलें। संत की सलाह पर, प्रेमानंद जी महाराज ने वृंदावन की यात्रा की और वहां राधारानी और श्रीकृष्ण के चरणों में अपना जीवन समर्पित कर दिया। वृंदावन में वे राधा वल्लभ सम्प्रदाय से जुड़े और भक्ति के मार्ग पर चलने लगे।

Premanand Ji Maharaj के जीवन की अन्य महत्वपूर्ण घटनाएँ

प्रेमानंद जी महाराज के जीवन में कई और भी महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं। उदाहरण के लिए, जब वे संन्यासी जीवन में नवप्रवेशी थे, तो उन्हें कई बार भोजन के बिना ही दिन बिताना पड़ा। उन्होंने वाराणसी में कई दिनों तक भूखे रहकर तपस्या की, जो उनके धैर्य और समर्पण का प्रतीक है। इसके अलावा, उन्होंने वृंदावन में रहकर भक्ति और आध्यात्म का गहन अध्ययन किया, जिससे उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई।

प्रेमानंद जी महाराज ने अपने सत्संग और भजन के माध्यम से हजारों लोगों को प्रभावित किया है। उनके भजन और कथा आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। वे न केवल एक संत हैं, बल्कि एक मार्गदर्शक भी हैं, जो लोगों को जीवन के सच्चे अर्थ और मोक्ष की ओर ले जाने में मदद करते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षा

प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षा सरल है – भक्ति और प्रेम ही मोक्ष का मार्ग है। उन्होंने हमेशा यह संदेश दिया है कि सच्ची भक्ति में ही जीवन की सार्थकता है। वे कहते हैं कि सांसारिक जीवन में उलझने के बजाय, हमें भगवान की भक्ति में लीन होना चाहिए।

वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज का योगदान

वृंदावन में रहते हुए, प्रेमानंद जी महाराज ने कई धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का आयोजन किया। उनके भजन, सत्संग और कथा वृंदावन के धार्मिक वातावरण को और भी पवित्र बनाते हैं। वे लोगों को भगवान की भक्ति और सेवा के महत्व के बारे में बताते हैं और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज का संदेश

प्रेमानंद जी महाराज का संदेश है कि जीवन में सच्ची खुशी और शांति भगवान की भक्ति में ही मिलती है। वे कहते हैं कि हमें अपने जीवन को भगवान के चरणों में समर्पित कर देना चाहिए और भक्ति के मार्ग पर चलना चाहिए। उनके जीवन और शिक्षाओं से हमें यह सीखने को मिलता है कि सच्ची भक्ति में ही जीवन की सार्थकता है।


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि TalkAaj.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

NO: 1 हिंदी न्यूज़ वेबसाइट Talkaaj.com (बात आज की)

(देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले पढ़ें Talkaaj (Talk Today) पर , आप हमें FacebookTwitterInstagram और  Youtube पर फ़ॉलो करे)

You may also like

Leave a Comment

www.talkaaj.com_ (2)

TalkAaj (Aaj Ki Baat)
Read Hindi news from the country and the world on TalkAaj.com, know every update on business, entertainment, government schemes, education, jobs, sports and politics. Read all Hindi …
Contact us: Talkaajnews@gmail.com

All Right Reserved. Designed and Developed by talkaaj.com

दुनिया की 7 सबसे महंगी कारें, जानकर हो जाएंगे हैरान जिम ट्रेनर ने प्रेमानंद महाराज से पूछा, “बच्चे देसी खाने से दूर क्यों हो रहे हैं?” यह जवाब मिला पैरों से रौंदा, गंदी बाल्टी में डाला और…, देखें कैसे बनता है सोया चाप, VIDEO Top 10 Mobile Brands in India 2024 Best Places To Visit In Singapore 2024