प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने किसानों को दिया तोहफा, अब DAP खाद के बैग मात्र 1200 रुपये
न्यूज़ डेस्क:- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने DAP उर्वरक के एक बैग की कीमत 2400 रुपये से घटाकर 1200 रुपये कर दी है। इस जानकारी को खुद पीएम ने ट्विटर पर साझा किया है।
केंद्र सरकार ने किसानों को तोहफा देकर डाइमोनिया फॉस्फेट (DAP) उर्वरक की एक बोरी की कीमत कम कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है.
आधी कीमत पर मिलेगी खाद
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए, अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के बावजूद, हमने उन्हें पुरानी दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने का फैसला किया है। आज के फैसले के बाद डीएपी खाद की एक बोरी 2400 रुपये की जगह 1200 रुपये में मिलेगी।’
सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में बढ़ोतरी के बावजूद हमने उन्हें पुरानी दरों पर ही खाद मुहैया कराने का निर्णय लिया है। आज के फैसले के बाद DAP खाद का एक बैग 2400 रु की जगह 1200 रु में ही मिलेगा।https://t.co/cjJcqUsgEG
— Narendra Modi (@narendramodi) May 19, 2021
अब मिलेगी 140 फीसदी सब्सिडी
दरअसल सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी 500 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1200 रुपये कर दी है. आसान शब्दों में कहें तो सब्जी को घटाकर 140 फीसदी कर दिया गया है. इससे किसानों को 2400 रुपये प्रति बोरी की जगह 1200 रुपये खर्च करने होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया है.
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हाल ही में, कीमतों में 60-70% की वृद्धि हुई है
गौरतलब है कि पिछले साल डीएपी की वास्तविक कीमत 1,700 रुपये प्रति बोरी थी। इस पर केंद्र सरकार 500 रुपये की सब्सिडी देती थी. इस तरह किसानों को 1200 रुपये प्रति बोरी की कीमत चुकानी पड़ी। हालांकि, हाल ही में डीएपी में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड (PhosPhoric Acid), अमोनिया (Amonia) आदि के दाम 60 से 70 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इससे डीएपी की एक बोरी की कीमत बढ़ाकर 2400 रुपये कर दी गई है। उर्वरक कंपनियों को सब्सिडी 1900 रुपये प्रति बोरी में बेची जाती है।
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क्या दूर होगा किसानों का गुस्सा?
केंद्र सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब हाल ही में सरकार को कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर नाराजगी और आंदोलन का सामना करना पड़ा है। इस फैसले को किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. ज्ञात हो कि सरकार तीन कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर पिछले साल से आंदोलन और नारों का सामना कर रही है. यही वजह है कि हाल के चुनावों में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है.
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