Rajasthan Big News: राजस्थान में अजमेर ब्लैकमेल कांड जैसा सनसनीखेज मामला! नाबालिग हिंदू लड़कियों के साथ रेप, धर्मांतरण और कलमा पढ़ने की ट्रेनिंग…जानिए पूरा मामला!!

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Rajasthan Big News: राजस्थान में अजमेर ब्लैकमेल कांड! हिंदू लड़कियों से बलात्कार, धर्म परिवर्तन और कलमा पढ़ने की ट्रेनिंग…यहां तक ​​कि रेट भी तय

Rajasthan Big News: अजमेर ब्लैकमेल कांड जैसा ही मामला राजस्थान के ब्यावर जिले में सामने आया है। यहां छह नाबालिग लड़कियों से बलात्कार कर उन्हें ब्लैकमेल किया गया। 10 से 15 लड़कों का यह गिरोह यह काम कर रहा था। लड़कियों के परिजनों ने बताया कि कुछ लड़कियों को कलमा पढ़ना भी सिखाया जा रहा था। पैसे लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।

राजस्थान के ब्यावर जिले के विजयनगर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक समुदाय विशेष के युवकों ने स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग लड़कियों को फंसाकर ब्लैकमेल किया, उनका यौन शोषण किया और उन्हें एक खास धर्म में आस्था रखने के लिए मजबूर किया। मामले को लेकर स्थानीय लोगों, अभिभावकों और हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर मामला दर्ज कराया। लोगों के मुताबिक करीब 12-15 युवकों का गिरोह यह सब कर रहा था। इसके बाद पुलिस ने पांच युवकों को गिरफ्तार किया, जबकि दो नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।

पूरे मामले में पुलिस ने बताया कि पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर सात युवकों को हिरासत में लिया गया है। इन पर एक धर्म विशेष में आस्था रखने का दबाव बनाने का भी आरोप है। जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मसूदा के डीवाई एसपी सज्जन सिंह राठौर ने बताया कि परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें बताया गया है कि आरोपी नाबालिग छात्राओं को डरा धमकाकर ब्लैकमेल कर रहे थे और जान से मारने की धमकी दे रहे थे। उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। उनसे पैसे मांगते थे और अपने धर्म में आस्था रखने का दबाव बनाते थे।

मामले में 3 एफआईआर दर्ज

इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। कुछ आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। आज पांच पीड़ित लड़कियों के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किए गए हैं और आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस मामले को पोक्सो कोर्ट में भेजा जाएगा और केस ऑफिसर स्कीम के तहत पूरे मामले की जांच की जाएगी, ताकि पीड़ित लड़कियों को जल्द न्याय मिले और सभी आरोपियों को कड़ी सजा मिले।

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पहले एक निजी स्कूल की छात्रा को अपने जाल में फंसाया। उसे चाइनीज मोबाइल मुहैया कराया। उसे परेशान कर ब्लैकमेल करने लगे। इसके बाद उसके सामने शर्त रखी कि अगर वह अपनी क्लास की अन्य छात्राओं से संपर्क कराएगी तो वे उसे छोड़ देंगे। इस तरह उन्होंने छात्रा की क्लास में पढ़ने वाली पांच-छह लड़कियों को अपने जाल में फंसाया और उन्हें धमकाकर ब्लैकमेल करने लगे। आरोपी उन पर अपने धर्म की बातें अपनाने का दबाव भी बनाते थे। गिरफ्तार आरोपियों में रिहान मोहम्मद, सोहेल मंसूरी, लुकमान, अरमान पठान और साहिल कुरैशी शामिल हैं।

पैसे चोरी होने से हुआ पूरा मामला

पीड़ित छात्रा ने घर से दो हजार रुपये चोरी करके आरोपियों को दिए थे। इसी बीच घर से पैसे चोरी होने पर परिजनों ने छात्रा पर नजर रखनी शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने बेटी को मोबाइल पर किसी से बात करते हुए पकड़ लिया। उससे पूछताछ की गई तो पूरा मामला सामने आया। पीड़ित परिवार ने लव जिहाद के तहत मामला दर्ज कराया। पुलिस ने योजना बनाकर छात्रा को दिए गए मोबाइल के जरिए आरोपियों को जाल में फंसाया।

मौके पर पहुंचकर उन्हें पकड़ लिया गया। बाद में मामले में शामिल कुछ अन्य युवकों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। घटना के बाद हिंदू संगठनों में रोष है। सोमवार को विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रशासन के समक्ष आपत्ति जताई और सख्त कार्रवाई की मांग की।

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10 से 15 लड़कों का गिरोह कर रहा है यह काम

यह एक गिरोह है (करीब 10-15 लड़के काम कर रहे हैं) जिसमें सोहेल मंसूरी, सोहेब, अयान, अफरान, साहिल, आशिक कुरैशी, साहिल की मौसी का बेटा, अज्ञात, रेयान, जावेद, अमन, करीम, सोहेल का पड़ोसी (फैजान) और अन्य 10-15 लड़के शामिल हैं, जो हर दिन इस तरह का काम कर रहे हैं और हमारी बेटियों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें मोबाइल जैसे छोटे-छोटे खिलौनों का लालच दे रहे हैं।

आरोपीगण अन्य नाबालिग लड़कियों को धमकाकर, उनके साथ जबरन कैफे आदि में जाकर, अपनी पसंद के कपड़े पहनने का दबाव बनाकर, आदि दबाव बना रहे थे। नाबालिग लड़कियों ने बताया कि कई बार आरोपियों ने उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की थी तथा शारीरिक शोषण के लिए उन पर एक-दूसरे के दोस्तों से मिलवाने का दबाव बनाया जाता था। उन्हें कलमा पढ़ने तथा रोजा रखने के लिए मजबूर किया जाता था तथा मना करने पर उनके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी दी जाती थी।

फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी

जब हमने अपनी बेटियों की सहेलियों के परिवार वालों से संपर्क किया तो पता चला कि उनकी बेटियों के पास भी ऐसे ही फोन हैं। उनके साथ भी ऐसी ही घटनाएं हुई हैं। नाबालिग लड़कियों को गिरोह बनाकर शिकार बनाया जा रहा है तथा उनका यौन शोषण किया जा रहा है, उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। तथा धोखे से खींचे गए उनके संदिग्ध फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी दी जा रही है तथा उनका धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया जा रहा है। यह गिरोह हमारी बेटियों के अलावा अन्य नाबालिग लड़कियों के फोटो व वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है तथा अन्य लड़कियों से संपर्क करने पर उन्हें छोड़ने का झूठा आश्वासन दिया जा रहा है।

पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि पांचों आरोपी दोस्त हैं। इनमें से कुछ एक ही मोहल्ले के हैं। सभी वेल्डिंग, पेंटिंग और फर्नीचर का काम करते हैं। आरोपियों में से कोई भी स्कूल में नहीं पढ़ता। इसके बावजूद उन्होंने कई स्कूली लड़कियों को अपने जाल में फंसाया। जिन लड़कियों को उन्होंने शिकार बनाया, वे भी उसी मोहल्ले में रहती हैं। आरोपियों ने एक के बाद एक कई लड़कियों को अपना शिकार बनाया।

यह मामला भी अजमेर ब्लैकमेल केस जैसा है

गिरोह में शामिल हर आरोपी इन लड़कियों के नंबर एक-दूसरे से शेयर करता था, जो भी लड़की आरोपियों का शिकार बनती थी, उसकी अश्लील फोटो और वीडियो बना ली जाती थी। इसके आधार पर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था। लड़कियों पर रोजा रखने और कलमा पढ़ने का भी दबाव बनाया जाता था। सभी आरोपियों द्वारा नाबालिग लड़कियों को फंसाने और उनका शिकार बनाने का तरीका 1992 के अजमेर ब्लैकमेल केस के आरोपियों के तरीके जैसा ही था। यहां भी आरोपियों ने एक ही निजी स्कूल की लड़कियों को निशाना बनाया था। दरअसल, इन सभी लड़कियों के स्कूल आने-जाने का रास्ता कुछ आरोपियों के मोहल्ले के पास से होकर गुजरता था। आरोपियों ने इसका फायदा उठाया था।

अजमेर नगर निगम के उप महापौर ने क्या कहा? इस मामले पर भाजपा के अजमेर नगर निगम उप महापौर नीरज जैन ने कहा कि यह घटना अजमेर ब्लैकमेल मामले की तरह है। नीरज जैन ने कहा कि यह एक समुदाय विशेष के उन युवकों की मानसिकता को दर्शाता है, जो नाबालिग लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे, उन्हें कलमा पढ़ने के लिए मजबूर कर रहे थे, उन्हें रोजा रखने के लिए मजबूर कर रहे थे और अगर वे रोजा नहीं रखती थीं, तो उनके साथ मारपीट की जाती थी। यह सीधे तौर पर धर्म परिवर्तन का रैकेट है। इस रैकेट के जरिए लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाकर लव जिहाद का रैकेट चलाया जा रहा था, जो बिल्कुल अजमेर ब्लैकमेल मामले की तरह है। अजमेर ब्लैकमेल मामले में जहां शारीरिक शोषण मुख्य उद्देश्य था, वहीं इस मामले में शारीरिक शोषण के साथ-साथ धर्म परिवर्तन और लव जिहाद भी था। नीरज जैन ने कहा कि मैं राज्य सरकार और राजस्थान के पुलिस प्रशासन से मांग करता हूं कि इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जाए और इसमें शामिल मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। साथ ही राजस्थान में धर्म परिवर्तन और लव जिहाद में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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