Friday, December 5, 2025

Rajasthan High Court: आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश जारी

by TALKAAJ
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Rajasthan High Court Stray Dogs

राजस्थान में आवारा कुत्तों का आतंक: Rajasthan High Court का सख्त आदेश, विरोध करने वालों पर लगेगा जुर्माना

Rajasthan High Court Stray Dogs : राजस्थान में आवारा कुत्तों का बढ़ता आतंक अब एक गंभीर समस्या बन चुका है. हाल ही में, राजस्थान के कई जिलों से बच्चों पर कुत्तों के हमले की खबरें सामने आई हैं. इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए, राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और नगर निकायों को सड़कों से आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों को हटाने का सख्त निर्देश दिया है. यह फैसला लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि नगर निकाय इन जानवरों को हटाते समय यह सुनिश्चित करें कि उन्हें कम से कम शारीरिक नुकसान पहुँचे. इसके साथ ही, कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण निर्देश दिया है. यदि कोई व्यक्ति नगर निकायों को उनके इस काम में बाधा डालता है, तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसमें लोक सेवकों को उनके कर्तव्य का पालन करने से रोकने के लिए एफआईआर दर्ज करना भी शामिल है. यह आदेश उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अक्सर सार्वजनिक जगहों पर जानवरों को खाना खिलाते हैं, जिससे वे वहीं पर जमा हो जाते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का अनुसरण

यह ध्यान देने योग्य है कि राजस्थान हाईकोर्ट का यह फैसला हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से प्रेरित है. सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को तुरंत हटाकर उन्हें कुत्ता आश्रय स्थलों में पहुँचाएं. यह दिखाता है कि देश भर में आवारा पशुओं की समस्या को गंभीरता से लिया जा रहा है और अदालतों द्वारा इस पर सख्त रुख अपनाया जा रहा है.

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में नगर निगमों से यह भी अपेक्षा की है कि वे टेलीफोन नंबर, मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी अधिसूचित करें, जहाँ नागरिक आवारा जानवरों से जुड़ी शिकायतें दर्ज करा सकें. यह कदम नागरिकों को इस समस्या के समाधान में सीधे तौर पर भागीदार बनाने के लिए उठाया गया है. कोर्ट ने आम जनता से यह भी अपील की है कि अगर वे जानवरों को खाना खिलाना चाहते हैं, तो उन्हें नगर पालिकाओं या निजी संस्थाओं द्वारा बनाए गए कुत्ता आश्रयों और गौशालाओं में जाकर ऐसा करना चाहिए, न कि सार्वजनिक सड़कों पर.

जोधपुर AIIMS और हाईवे पर विशेष ध्यान

जस्टिस कुलदीप माथुर और जस्टिस रवि चिरानिया की खंडपीठ ने विशेष रूप से जोधपुर नगर निगम को एम्स और जिला न्यायालय परिसर में तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. ये ऐसी जगहें हैं जहाँ बड़ी संख्या में लोग इलाज या काम के लिए आते हैं, इसलिए वहाँ से आवारा पशुओं को हटाना प्राथमिकता है. इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और राज्य राजमार्ग प्राधिकरण को भी सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने के लिए नियमित गश्त करने का निर्देश दिया गया है, ताकि राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही बिना किसी बाधा के सुनिश्चित हो सके. इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी, जिससे यह साफ है कि कोर्ट इस विषय पर लगातार नज़र रखेगा. यह फैसला राजस्थान में सार्वजनिक सुरक्षा और स्वच्छता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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