RBI ने Repo Rate 0.50% घटाया: अब सस्ती होंगी आपकी EMI, जानें पूरी रिपोर्ट

RBI reduced Repo Rate
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Summary

  • RBI ने Repo Rate में 0.50% की कटौती की — अब नई दर 5.5%।

  • लगातार तीसरी बार रेपो रेट में गिरावट, फरवरी और अप्रैल में भी कटौती हुई थी।

  • EMI पर सीधा असर — होम, कार, पर्सनल लोन की किस्तें होंगी सस्ती।

  • देश में महंगाई 4% से नीचे, GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% पर स्थिर।

  • RBI ने मौद्रिक नीति का रुख बदला: ‘एकोमॉडेटिव’ से ‘न्यूट्रल’ किया।


मानसून से पहले बड़ी राहत: RBI का फैसला EMI पर लाएगा असर

RBI reduced Repo Rate : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मानसून के मौसम से पहले देशवासियों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। अब यह दर 5.5 प्रतिशत पर आ गई है। यह लगातार तीसरी बार है जब RBI ने रेपो रेट को घटाया है — और इसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलने वाला है।

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रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती क्यों की गई?

क्या मौजूदा आर्थिक हालात ने RBI को यह फैसला लेने के लिए प्रेरित किया?

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के अनुसार, देश में महंगाई दर लगातार 4% से नीचे बनी हुई है और GDP ग्रोथ स्थिर और सकारात्मक है। इसके साथ-साथ राजनीतिक स्थिरता और वैश्विक स्तर पर भारत की मजबूत छवि ने भी इस निर्णय में भूमिका निभाई।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय पूरी तरह से मूल्य स्थिरता को बनाए रखने और देश के भीतर आर्थिक विकास को गति देने की मंशा से लिया गया है।


पॉलिसी में बदलाव: ‘एकोमॉडेटिव’ से ‘न्यूट्रल’

RBI ने न केवल रेपो रेट घटाया, बल्कि अपने मौद्रिक रुख को भी ‘एकोमॉडेटिव’ से ‘न्यूट्रल’ में परिवर्तित कर दिया है। इसका अर्थ यह है कि अब RBI किसी एक ओर झुकाव नहीं रखेगा, बल्कि आने वाले समय में आर्थिक डेटा के अनुसार लचीलापन दिखाएगा।


रेपो रेट क्या है और इससे आपकी EMI कैसे घटेगी?

रेपो रेट का EMI पर सीधा असर कैसे होता है?

रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर RBI देश के बैंकों को कर्ज देता है। जब यह दर घटती है, तो बैंकों की फंडिंग लागत घटती है, जिससे वे अपने ग्राहकों को सस्ते ब्याज दरों पर लोन देने में सक्षम होते हैं। इसका सीधा असर आपकी EMI पर पड़ता है।

उदाहरण: अगर आपने होम लोन लिया है और उसका इंटरेस्ट रेट रेपो से लिंक है, तो रेपो रेट में गिरावट आने पर आपकी EMI कम हो जाएगी या आप लोन को जल्दी चुका पाएंगे।


भारत की अर्थव्यवस्था को मिलेगा प्रोत्साहन

क्या रेपो रेट कटौती से देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी?

RBI का मानना है कि सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने से घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा, जो अंततः घरेलू ग्रोथ को गति देगा। जब वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है, तब भारत जैसे देश में आंतरिक आर्थिक मजबूती ही सबसे बड़ा हथियार है।

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RBI ने वर्ष 2025-26 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बनाए रखा है और रिटेल महंगाई को घटाकर 3.7% कर दिया है। इससे स्पष्ट है कि RBI विकास और स्थिरता दोनों को संतुलन में रखने की कोशिश कर रहा है।


भारत बना FDI का हॉटस्पॉट

क्या विदेशी निवेशक अब भी भारत में रुचि दिखा रहे हैं?

बिलकुल। वैश्विक स्तर पर अस्थिरता के बावजूद, भारत Foreign Direct Investment (FDI) के लिहाज से एक विश्वसनीय और पसंदीदा गंतव्य बना हुआ है। RBI गवर्नर ने भी इस बात पर ज़ोर दिया कि निवेशकों को भारत की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता में भरोसा है।

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FAQ 

 रेपो रेट घटने का सीधा लाभ आम नागरिक को कैसे मिलेगा?

रेपो रेट में कमी के बाद बैंक सस्ते ब्याज पर लोन देते हैं, जिससे आपकी होम, कार या पर्सनल लोन की EMI घट सकती है।


क्या रेपो रेट घटने से हर किसी की EMI कम हो जाएगी?

नहीं, सिर्फ उन्हीं लोन अकाउंट्स पर असर पड़ेगा जो फ्लोटिंग इंटररेस्ट रेट पर हैं और रेपो रेट से लिंक्ड हैं।


क्या यह सही समय है नया लोन लेने का?

अगर आपने लोन लेने की योजना बनाई है, तो यह समय बेहद अनुकूल है क्योंकि ब्याज दरें कम हैं। जल्द लोन लेने पर आप कम EMI के साथ लोन की सुविधा उठा सकते हैं।


RBI आगे और रेपो रेट घटा सकता है?

यह पूरी तरह से भविष्य के आर्थिक संकेतकों और वैश्विक परिस्थिति पर निर्भर करेगा। फिलहाल RBI ने ‘न्यूट्रल’ रुख अपनाया है, जिससे लचीलापन बना रहेगा।


EMI में राहत और विकास को रफ्तार

RBI का यह फैसला आम आदमी की जेब को सीधी राहत पहुंचाने वाला है। लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती कर के भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह महंगाई को नियंत्रण में रखते हुए आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना चाहता है। यह कदम सिर्फ EMI घटाने तक सीमित नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक गति को बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा है।


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