क्या आप भी उबालते हैं पैकेट वाला दूध? जानिए क्यों है आपकी सेहत के लिए खतरनाक!
Side Effects Of Boiling Packaged Milk: पैकेज्ड दूध को पाश्चुरीकरण प्रक्रिया से गुजारा जाता है। यह एक गर्मी उपचार प्रक्रिया है, जिसमें दूध को सुरक्षित और लंबे समय तक चलने वाला बनाने के लिए हानिकारक बैक्टीरिया मारे जाते हैं।
दूध और सेहत
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दूध एक महत्वपूर्ण कैल्शियम और प्रोटीन का स्रोत है। जो लोग बचपन से इसे पीते आए हैं, वे इसकी सेहत के लिए होने वाले फायदों की गवाही दे सकते हैं, खासकर हड्डियों और जोड़ों की मजबूती के लिए। दूध में सभी नौ जरूरी अमीनो एसिड होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। चूंकि आज के समय में ताजा दूध मिल पाना मुश्किल हो गया है, ज़्यादातर घरों में पैकेज्ड दूध का इस्तेमाल किया जाता है। चाहे वो टेट्रा पैक हो या पैकेट, कई लोग इसे उबालकर ही पीते हैं। लेकिन, विशेषज्ञ कहते हैं कि पैकेज्ड दूध को उबालना जरूरी नहीं होता।
पैकेज्ड दूध को क्यों नहीं उबालना चाहिए?
पैकेज्ड दूध को पहले से ही पाश्चुरीकरण प्रक्रिया से गुजारा जाता है। पाश्चुरीकरण का मतलब है कि दूध को एक खास तापमान (71 डिग्री सेल्सियस) पर गर्म किया जाता है, जिससे इसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया जैसे ई. कोलाई, लिस्टेरिया, माइकोबैक्टीरियम, और कैम्पिलोबैक्टर नष्ट हो जाते हैं। ये बैक्टीरिया कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं, जिनमें लिस्टेरियोसिस, टाइफाइड, तपेदिक, डिप्थीरिया जैसी बीमारियां शामिल हैं। इसलिए, पाश्चुरीकरण से दूध पहले से ही सुरक्षित हो जाता है और इसे उबालने की कोई जरूरत नहीं होती।
पाश्चुरीकरण न केवल दूध के बैक्टीरिया को मारता है, बल्कि दूध को जल्दी खराब होने से भी बचाता है और उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाता है। इसके अलावा, इस प्रक्रिया से दूध का स्वाद और पोषण मूल्य भी बरकरार रहता है।\
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जब आप पाश्चुरीकृत पैकेज्ड दूध को उबालते हैं तो क्या होता है?
अगर आप पहले से पाश्चुरीकृत दूध को फिर से उबालते हैं, तो इसके पोषण मूल्य में कमी आ जाती है। इस प्रक्रिया में नुकसान इस प्रकार हैं:
- पोषक तत्वों की कमी:
जब पाश्चुरीकृत दूध को 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर 10 मिनट या उससे अधिक समय तक उबाला जाता है, तो इसमें मौजूद विटामिन डी नष्ट हो जाता है। विटामिन डी शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है, और इसकी कमी से हड्डियों की मजबूती में दिक्कतें आ सकती हैं। - विटामिन बी की कमी:
पाश्चुरीकृत दूध को दोबारा उबालने से उसमें मौजूद विटामिन बी की मात्रा भी 25% तक घट जाती है। विटामिन बी ऊर्जा उत्पादन और मस्तिष्क के कार्यों के लिए आवश्यक होता है। - प्रोटीन की कमी:
उबालने से दूध में मौजूद व्हे प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है। व्हे प्रोटीन मांसपेशियों के विकास, हड्डियों की मरम्मत और वजन घटाने में मदद करता है। - स्वाद और बनावट में बदलाव:
पाश्चुरीकृत दूध को उबालने से इसका स्वाद और बनावट भी बदल सकती है। दूध का स्वाद फीका हो सकता है और उसकी प्राकृतिक मिठास गायब हो सकती है।
क्या इसके कुछ फायदे भी हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, पाश्चुरीकृत दूध को उबालने की जरूरत नहीं होती, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इसमें कुछ छोटे फायदे हो सकते हैं:
- पाचन में सुधार:
कुछ लोग मानते हैं कि उबालने से दूध में मौजूद लैक्टोज टूट जाता है, जिससे पाचन आसान हो जाता है। खासकर लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोग उबले दूध को बेहतर पचा पाते हैं। - मनोवैज्ञानिक आराम:
दूध उबालना कई संस्कृतियों में परंपरा का हिस्सा रहा है। कई लोग इस प्रक्रिया को मानसिक शांति देने वाली मानते हैं और इसे अपनाकर सहज महसूस करते हैं।
सही तरीका क्या है?
पैकेज्ड दूध को पीने का सही तरीका यह है कि इसे सीधे ठंडा या हल्का गर्म करके पिया जाए। अगर आपको इसे गर्म करना ही है, तो इसे 3-5 मिनट तक हल्का गर्म करें, लेकिन उबालने से बचें। ध्यान रखें, पैकेज्ड दूध और कच्चे दूध में फर्क होता है। कच्चे दूध को जरूर उबालना चाहिए क्योंकि यह पाश्चुरीकृत नहीं होता और उसमें हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं।
अगली बार जब आप पैकेज्ड दूध का इस्तेमाल करें, तो उसे उबालने की बजाय हल्का गर्म करने पर विचार करें। इससे दूध के पोषक तत्वों की सुरक्षा होगी और आपका स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहेगा। याद रखें, दूध एक पोषक तत्वों से भरा हुआ पेय है, और उसे सही तरीके से इस्तेमाल करना आपके शरीर के लिए फायदेमंद होगा।
इस तरह, आपको पैकेज्ड दूध को उबालने की जरूरत नहीं है। सही जानकारी के साथ इसे पीने का तरीका समझें और अपने सेहत के लिए सही कदम उठाएं।
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