Explainer: Byju’s की कहानी: कभी अरबों की वैल्यू, आज शून्य पर पहुंची
10 जून 2024 को, भारतीय एडटेक कंपनी Byju’s के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरे उद्योग को हिला कर रख दिया। कभी ₹18,37,59,29,00,000 की कंपनी Byju’s आज अपनी वैल्यू के मामले में जीरो पर पहुँच गई। यह कैसे हुआ, यह एक बड़ी कहानी है। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।
Byju’s की शुरुआत और सफलता
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Byju’s की शुरुआत 2011 में बायजू रवींद्रन ने की थी। उनका उद्देश्य था बच्चों को शिक्षा में मदद करना। उन्होंने एक ऐप लॉन्च किया, जिसमें वीडियो लेक्चर, क्विज और अन्य शिक्षण सामग्री थी। धीरे-धीरे, Byju’s बच्चों और उनके माता-पिता के बीच लोकप्रिय हो गया।
वित्तीय सफलता
Byju’s ने बहुत तेजी से वृद्धि की। साल 2021 में कंपनी की वैल्यू ₹18,37,59,29,00,000 तक पहुँच गई। इसने कई बड़े निवेशकों को आकर्षित किया। मार्क जुकरबर्ग के चान जुकरबर्ग इनिशिएटिव, टाइगर ग्लोबल, और टेनसेंट जैसी कंपनियों ने इसमें निवेश किया।
गलतियाँ जो भारी पड़ीं
- अत्यधिक विस्तार: Byju’s ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बहुत तेजी से विस्तार किया। कंपनी ने अमेरिका और यूरोप में कई कंपनियों का अधिग्रहण किया। यह विस्तार बिना समुचित योजना और स्थानीय बाजार की समझ के किया गया था।
- अधिक कर्ज: Byju’s ने अपने विस्तार के लिए भारी मात्रा में कर्ज लिया। यह कर्ज कंपनी पर बोझ बन गया। वित्तीय संकट के समय, कंपनी कर्ज चुकाने में असमर्थ रही।
- प्रबंधन में खामियां: कंपनी के प्रबंधन में कई खामियां थीं। महत्वपूर्ण निर्णय बिना समुचित विश्लेषण के लिए गए। इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई।
- शिक्षा गुणवत्ता में गिरावट: Byju’s ने तेजी से वृद्धि के कारण शिक्षा गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया। इसके परिणामस्वरूप, उपयोगकर्ता संतुष्ट नहीं रहे और धीरे-धीरे कंपनी से दूर हो गए।
वित्तीय संकट
2023 की शुरुआत में, Byju’s को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। कंपनी के खर्चे अधिक थे और आमदनी कम हो गई थी। इस स्थिति में, कंपनी ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की। इसके बावजूद, कंपनी का घाटा बढ़ता गया।
निवेशकों का भरोसा टूटा
Byju’s की वित्तीय स्थिति बिगड़ने के कारण, निवेशकों का भरोसा टूट गया। बड़े निवेशकों ने अपने पैसे वापस लेने शुरू कर दिए। कंपनी के शेयर की वैल्यू तेजी से गिरने लगी।
कानूनी समस्याएं
Byju’s को कई कानूनी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। कंपनी पर कई मुकदमे दायर हुए, जिनमें ग्राहकों ने गलत जानकारी देने और अनुचित व्यापार प्रथाओं का आरोप लगाया। इससे कंपनी की प्रतिष्ठा को बड़ा धक्का लगा।
कर्मचारियों का पलायन
Byju’s की वित्तीय समस्याओं के कारण, कर्मचारियों का पलायन भी शुरू हो गया। कंपनी में अस्थिरता के माहौल के चलते कई प्रमुख अधिकारी और कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया। इससे कंपनी की कार्यक्षमता पर भी बुरा असर पड़ा।
इस गलती की वजह से Byju’s को भारी कीमत चुकानी पड़ी
2015 में बायजू रविंद्रन ने बायजू ऐप लॉन्च किया। ऑनलाइन कोर्स की तैयारी और ट्यूशन ने पढ़ाई का तरीका बदल दिया। कोरोना और लॉकडाउन के समय जब सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद थे, बायजू का कारोबार तेजी से बढ़ने लगा। कंपनी ने जल्द ही 22 बिलियन डॉलर का वैल्यूएशन हासिल कर लिया। इसके बाद कंपनी ने आकाश इंस्टीट्यूट, आईरोबोट ट्यूटर, हैसलर्न, व्हाइट जूनियर और टॉपर जैसी कई कंपनियों का अधिग्रहण करना शुरू कर दिया। बायजू ने लोन लेकर इन कंपनियों को खरीदना शुरू कर दिया। बायजू ने 1.2 बिलियन डॉलर का लोन भी ले लिया। कर्ज का बोझ बढ़ता ही गया। बायजू ने निवेश काफी बढ़ा दिया था। देश के अलग-अलग हिस्सों में कोचिंग सेंटर और बायजू के ऑफिस खुलने लगे। सबसे बड़ी दिक्कत तब शुरू हुई जब कोरोना और लॉकडाउन खत्म हुआ। जैसे ही स्कूल और कॉलेज खुले, बायजू का कारोबार कम होने लगा। लॉकडाउन खत्म होने के बाद छात्रों की ऑनलाइन कोचिंग में रुचि खत्म होने लगी। इससे बायजू के कारोबार को बड़ा झटका लगा। छात्रों की घटती संख्या और बढ़ते कर्ज ने कंपनी की मुश्किलें बढ़ा दीं। एक समय ऐसा आया जब कंपनी की मासिक आय 30 करोड़ रुपये थी जबकि खर्च 150 करोड़ रुपये था। कंपनी ऋण चुकाने में विफल होने लगी।
सरकारी जाँच
भारतीय सरकार ने भी Byju’s की गतिविधियों की जाँच शुरू की। कंपनी पर कर चोरी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे। यह जाँच कंपनी की समस्याओं को और बढ़ा दिया।
Byju’s की कहानी एक बड़ी सीख है। यह दिखाता है कि अत्यधिक विस्तार और कर्ज बिना समुचित योजना के बहुत खतरनाक हो सकता है। कंपनी का प्रबंधन, गुणवत्ता, और पारदर्शिता हमेशा शीर्ष पर होनी चाहिए। Byju’s ने ये गलतियाँ कीं, जो आज उसके पतन का कारण बनीं। कभी ₹18,37,59,29,00,000 की कंपनी आज जीरो वैल्यू पर पहुँच गई है। उम्मीद है कि अन्य कंपनियाँ इस कहानी से सबक लेंगी और अपने निर्णय सोच-समझ कर लेंगी।
अब सवाल यह है कि Byju’s आगे कैसे बढ़ेगी। क्या यह कंपनी फिर से उठ खड़ी हो पाएगी या यह अंत है? यह तो समय ही बताएगा।
इस बीच, अन्य एडटेक कंपनियां भी इस घटना से सबक लेंगी और अपने वित्तीय प्रबंधन और ग्राहकों के साथ संबंधों पर ध्यान देंगी।
Byju’s की कहानी एक बार फिर साबित करती है कि व्यवसाय की दुनिया में सफलता और असफलता के बीच का फासला बहुत कम होता है। लेकिन सही योजना, प्रबंधन और ईमानदारी से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है।
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