Supreme Court का बड़ा फैसला – बहू को अपनी सास के घर में रहने का अधिकार है

Supreme Court
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
Rate this post

Supreme Court का बड़ा फैसला – बहू को अपनी सास के घर में रहने का अधिकार है

News Desk: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को बहू के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। 3-जजों की बेंच ने पुराने कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत, बहू को अपने पति के माता-पिता के घर में रहने का अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत, बहू को अपने पति के माता-पिता के घर में रहने का अधिकार है। न्यायाधीश अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने तरुण बत्रा मामले में दो न्यायाधीशों वाली पीठ के फैसले को पलट दिया।

ये भी पढ़े :- IAS अधिकारी सौम्य पांडे का कानपुर देहात तबादला, कठोर परिश्रम करने वाले अधिकारियों के प्रति सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) बेहद संवेदनशील

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि घरेलू हिंसा की शिकार महिला की पत्नी को परिवार की आवासीय संपत्ति में और आवासीय घर में भी अधिकार मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा है कि उत्तेजित पत्नी को अपनी सास की पैतृक और आम संपत्ति में रहने का कानूनी अधिकार होगा।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Google News Follow Me

पति के पास अधिग्रहित संपत्ति यानी अलग से निर्मित घर पर अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 का हवाला देते हुए अपने फैसले में कई बातों को स्पष्ट किया।

ये भी पढ़े :- कारगिल को कश्मीर से जोड़ने वाली Zoji La (ज़ोजिला दर्रा) सुरंग का काम आज से शुरू

मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने दो सदस्यीय पीठ के फैसले को पलट दिया और 6-7 सवालों के जवाब भी दिए। पीठ ने 2006 के एसआर बत्रा और अन्य बनाम तरुण बत्रा के मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया।

गौरतलब है कि तरुण बत्रा मामले में दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने कहा था कि कानून में बेटियां अपने पति के माता-पिता के स्वामित्व वाली संपत्ति में नहीं रह सकती हैं। अब तीन सदस्यीय पीठ ने तरुण बत्रा के फैसले को पलट दिया है और 6-7 सवालों के जवाब दिए हैं। अदालत ने कहा कि बहू को न केवल पति की अलग संपत्ति में, बल्कि साझा घर में भी अधिकार है।

ये भी पढ़े :- नौकरी वालों के लिए खुशखबरी! आपके पीएफ (PF) के लिए WhatsApp सेवा की शुरु

ज्ञात हो कि पहले दो सदस्यीय पीठ ने फैसला दिया था कि पत्नी के पास केवल अपने पति की संपत्ति पर अधिकार होता है। तरुण बत्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निधि गुप्ता ने बहस की। उन्होंने कहा कि अगर बहू संयुक्त परिवार की संपत्ति है, तो मामले की समग्रता पर ध्यान देने की जरूरत है। उसे घर में निवास करने का भी अधिकार है। अदालत ने तब याचिका को स्वीकार कर लिया।

ये भी पढ़े :-

Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
LinkedIn
Picture of TalkAaj

TalkAaj

हैलो, मेरा नाम PPSINGH है। मैं जयपुर का रहना वाला हूं और इस News Website के माध्यम से मैं आप तक देश और दुनिया से व्यापार, सरकरी योजनायें, बॉलीवुड, शिक्षा, जॉब, खेल और राजनीति के हर अपडेट पहुंचाने की कोशिश करता हूं। आपसे विनती है कि अपना प्यार हम पर बनाएं रखें ❤️

Leave a Comment

Top Stories