Train coach color in Hindi : इसलिए कोच का रंग लाल, हरा और नीला होता है; क्या आप कारण जानते हैं?

Train coach color in Hindi
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
Rate this post

Train coach color in Hindi : इसलिए कोच का रंग लाल, हरा और नीला होता है; क्या आप कारण जानते हैं?

Indian Railway Coach Color: आपने ट्रेन से कई बार सफर किया होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन में अलग-अलग तरह के कोच क्यों होते हैं? अगर नहीं जानते तो आज जान लीजिए.

Railway coach color: करोड़ों लोग रोजाना भारतीय रेलवे का इस्तेमाल करते हैं। भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। आपने भी ट्रेन में सफर किया होगा। आपने रेलवे स्टेशनों पर देखा होगा कि वहां अलग-अलग रंग की ट्रेनें खड़ी होती हैं। आपने नीले, लाल, हरे और पीले रंग के डिब्बे देखे होंगे। क्या आपने कभी सोचा है कि इन कोचों का रंग अलग-अलग क्यों होता है? आप इन रंगों के जरिए ही उन कोचों की खूबियों का पता लगा सकते हैं। यह कोच कहां बना होगा, यह आप कोच को देखकर ही बता सकते हैं, तो आइए जानते हैं इसके बारे में।

आपके लिए | Marriage Certificate से मिलेंगे अब 5 लाख रुपये! जल्द इस तरह करें आवेदन

अगर कोच का रंग हरा है

गरीब रथ ट्रेन में हरे रंग के डिब्बों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा मीटर गेज ट्रेनों में भूरे रंग के डिब्बों का प्रयोग किया जाता है। बिलिमोरा वाघाई पैसेंजर जैसी नैरो गेज ट्रेनों में हल्के हरे रंग के कोच लगाए जाते हैं। इनमें भूरे रंग के कोच का भी इस्तेमाल किया जाता है।

आपके लिए |  सरकार का बड़ा ऐलान! महज 500 रुपये में मिलेगा सिलेंडर, जानिए कैसे?

अगर कोच का रंग नीला है तो इसका क्या मतलब है

आपने ज्यादातर नीले रंग के कोच देखे होंगे। इन्हें इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (Integral Coach Factory ICF) भी कहा जाता है। ये कोच लोहे के बने होते हैं और इन कोचों में एयर ब्रेक लगे होते हैं। ये चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में बनाए जाते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इन्हें चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाता है और इनकी जगह LBH कोच ले लेते हैं। वैसे तो आज भी कई मेल एक्सप्रेस और इंटरसिटी ट्रेनों में इन कोचों का इस्तेमाल होता है।

आपके लिए |  पैन कार्ड वालों के लिए बड़ी खबर, इस वजह से देना होगा 10,000 रुपये का जुर्माना या हो सकती है जेल

लाल रंग

लाल रंग के कोचों को लिंक हॉफमेन बुश (LHB) कोच के रूप में जाना जाता है। ये कोच साल 2000 में जर्मनी से लाए गए थे, लेकिन अब ये कोच पंजाब के कपूरथला में बनते हैं। ये एल्युमिनियम के बने होते हैं और दूसरे कोचों के मुकाबले हल्के होते हैं। इन कोचों में डिस्क ब्रेक का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसी खासियत की वजह से ये कोच 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम हैं। इन कोचों का इस्तेमाल राजधानी और शताब्दी जैसी हाई स्पीड ट्रेनों के लिए किया जाता है। हालांकि अब इन कोचों को अन्य कोचों में भी इस्तेमाल करने की योजना बनाई जा रही है।

Posted by Talkaaj.com

click here

Talkaaj

आपके लिए | घरेलू महिलाओं के लिए बिजनेस आइडिया 2023 | Business Idea for Housewife In Hindi 2023

आपके लिए | आधार कार्ड है इतना पुराना तो जल्द ही ये अपडेट करवाएं, वरना हो जायेगा बड़ा नुकसान

आपके लिए |  घर बैठें पैन कार्ड बनाने से जुड़ी सारी जानकारी

आपके लिए | फ्री में होगा अब इलाज बस आपके पास होना चाहिए ये कार्ड, जानिए कैसे मिलेगा कार्ड 

आपके लिए | प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत फ्री सिलेंडर के लिए ऐसे करें आवेदन

आपके लिए | 2000 रुपये चाहिए तो काम आएगी सरकार की ये योजना, ऐसे उठाएं फायदा

आपके लिए | Mudra Loan Yojana Ki Puri Jankari : घर बैठे मिलेंगे 10 लाख रुपये, ये लोग कर सकते हैं आवेदन

आपके लिए | Life Insurance: There are 8 types of policies available, take a plan according to your need

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे Like और Share जरूर करें ।

इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद…

?? Join Our Group For All Information And Update, Also Follow me For Latest Information??

? WhatsApp                       Click Here
? Facebook Page                  Click Here
? Instagram                  Click Here
? Telegram                   Click Here
? Koo                  Click Here
? Twitter                  Click Here
? YouTube                  Click Here
? Google News                  Click Here

Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
Print

Leave a Comment

Top Stories

DMCA.com Protection Status