चंदेरी साड़ी को क्यों कहा जाता है 'साड़ियों की रानी', जानें इससे जुड़े रोचक तथ्य
चंदेरी साड़ी को क्यों कहा जाता है 'साड़ियों की रानी', जानें इससे जुड़े रोचक तथ्य
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चंदेरी सिल्क साड़ी का नाम विंध्याचल पर्वत श्रृंखला के छोटे से कस्बे चंदेरी पर पड़ा है। इस स्थान का अपना एक समृद्धशाली इतिहास रहा है।
चंदेरी सिल्क साड़ी का नाम विंध्याचल पर्वत श्रृंखला के छोटे से कस्बे चंदेरी पर पड़ा है। इस स्थान का अपना एक समृद्धशाली इतिहास रहा है।
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चंदेरी सिल्क का सबसे ज्यादा विस्तार 13वीं या 14वीं शताब्दी में हुआ जब बंगाल से सूफी संत वजीउद्दीन चंदेरी आए। तब से आज तक ढाका से आए मलमल और कॉटन के ब्लेंड से चंदेरी सिल्क को तैयार किया जा रहा है।
चंदेरी सिल्क का सबसे ज्यादा विस्तार 13वीं या 14वीं शताब्दी में हुआ जब बंगाल से सूफी संत वजीउद्दीन चंदेरी आए। तब से आज तक ढाका से आए मलमल और कॉटन के ब्लेंड से चंदेरी सिल्क को तैयार किया जा रहा है।
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एक पूरी चंदेरी साड़ी को तैयार करने में 1 से 2 महीने लग जाते हैं। पहले बुनाई होती हैं और साथ-साथ कसीदाकारी भी की जाती है। इसके बाद साड़ी को डाई किया जाता है।
एक पूरी चंदेरी साड़ी को तैयार करने में 1 से 2 महीने लग जाते हैं। पहले बुनाई होती हैं और साथ-साथ कसीदाकारी भी की जाती है। इसके बाद साड़ी को डाई किया जाता है।
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इस साड़ी की बुनाई से पहले पेपर की एक प्लेन शीट पर पूरी साड़ी को पेंट किया जाता है और ग्राफ पेपर पर इसका नक्शा बनाया जाता है। इसे बाद जो तय होता है उसके अनुसार धागे का रंग चुना जाता है और साड़ी को बुना जाता है।
इस साड़ी की बुनाई से पहले पेपर की एक प्लेन शीट पर पूरी साड़ी को पेंट किया जाता है और ग्राफ पेपर पर इसका नक्शा बनाया जाता है। इसे बाद जो तय होता है उसके अनुसार धागे का रंग चुना जाता है और साड़ी को बुना जाता है।
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बाकी तरह की सिल्क साड़ियों से चंदेरी सिल्क बहुत अलग होता है। यह एक ट्रांसपेरेंट फैब्रिक होता है और वजन में बहुत हल्का होता है। अगर आप शुद्ध चंदेरी फैब्रिक लेंगी तो यह अल्ट्रा सॉफ्ट होता है और इसकी फिनिशिंग ग्लॉसी होती है।
बाकी तरह की सिल्क साड़ियों से चंदेरी सिल्क बहुत अलग होता है। यह एक ट्रांसपेरेंट फैब्रिक होता है और वजन में बहुत हल्का होता है। अगर आप शुद्ध चंदेरी फैब्रिक लेंगी तो यह अल्ट्रा सॉफ्ट होता है और इसकी फिनिशिंग ग्लॉसी होती है।
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ऐसा कहा जाता है कि आप अपने गालों पर चंदेरी सिल्क को रगड़ कर, उसके असली और नकली होने का पता लगा सकती हैं। गालों पर जब चंदेरी सिल्क लगता है, तो वह बहुत ही मुलायम महसूस होता है।
ऐसा कहा जाता है कि आप अपने गालों पर चंदेरी सिल्क को रगड़ कर, उसके असली और नकली होने का पता लगा सकती हैं। गालों पर जब चंदेरी सिल्क लगता है, तो वह बहुत ही मुलायम महसूस होता है।
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अगर चंदेरी साड़ी के प्रचलित डिजाइंस की बात की जाए तो आपको इसमें गोल्डन सिक्का डिजाइन की साड़ी जरूरी खरीदनी चाहिए।
अगर चंदेरी साड़ी के प्रचलित डिजाइंस की बात की जाए तो आपको इसमें गोल्डन सिक्का डिजाइन की साड़ी जरूरी खरीदनी चाहिए।
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अब तो आपको इसमें डांसर, स्तूप और दुल्हन की डोली डिजाइन भी मिल जाएगी। बाजार में आपको ब्राइडल साड़ी में भी चंदेरी सिल्क देखने को मिल जाएगा।
अब तो आपको इसमें डांसर, स्तूप और दुल्हन की डोली डिजाइन भी मिल जाएगी। बाजार में आपको ब्राइडल साड़ी में भी चंदेरी सिल्क देखने को मिल जाएगा।
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अगर इस साड़ी के मूल्य की बात की जाए तो आपको बता दें कि अब आपको 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक में यह साड़ी बाजार में और ऑनलाइन मिल जाएगी।
अगर इस साड़ी के मूल्य की बात की जाए तो आपको बता दें कि अब आपको 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक में यह साड़ी बाजार में और ऑनलाइन मिल जाएगी।
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