स्टूडेंट वीजा पर गया था Pakistan, 7 साल बाद बना खूंखार आतंकी: आदिल अहमद थोकर ने पहलगाम में मचाया नरसंहार
Pahelgam Terrorist Attack : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों का शिकंजा अब तेजी से कसता जा रहा है। हाल ही में हुए पहलगाम के बैसरन मैदान आतंकी हमले ने एक बार फिर से घाटी में आतंकवाद के खतरे को उजागर कर दिया है। जांच में सामने आया है कि इस हमले का मास्टरमाइंड आदिल अहमद थोकर है, जो 2018 में स्टूडेंट वीजा पर पाकिस्तान गया था और सात साल बाद एक प्रशिक्षित आतंकी बनकर भारत लौटा।
22 अप्रैल का खूनी दिन: बैसरन में हुआ बड़ा हमला
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। जांच में पता चला कि आदिल अहमद थोकर ने तीन से चार आतंकियों के एक समूह के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया।
आदिल अहमद थोकर का सफर: छात्र से आतंकवादी तक
आदिल अहमद थोकर अनंतनाग जिले के बिजबेहरा इलाके के गुर्रे गांव का रहने वाला है। 2018 में वह स्टूडेंट वीजा लेकर पाकिस्तान गया था। हालाँकि, पाकिस्तान पहुँचने के बाद उसका असली चेहरा सामने आया। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान जाने से पहले भी आदिल की सोच में कट्टरता का बीज बोया जा चुका था। उसके संपर्क स्थानीय आतंकवादी संगठनों से थे और देशविरोधी गतिविधियों में उसकी भूमिका की आशंका जताई जा रही थी।
पाकिस्तान पहुँचने के बाद आदिल ने लश्कर-ए-तैयबा जैसे खूंखार आतंकी संगठन का दामन थाम लिया। उसे वहाँ बाकायदा हथियारों के इस्तेमाल और युद्ध जैसी स्थितियों में लड़ने की पेशेवर ट्रेनिंग दी गई। चौंकाने वाली बात यह रही कि पाकिस्तान में रहने के दौरान आदिल ने न तो अपने परिवार से कोई संपर्क साधा और न ही उसकी कोई डिजिटल एक्टिविटी ट्रेस हो सकी, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को उस पर नजर रखने में मुश्किल हुई।
घाटी में आतंकी नेटवर्क को सपोर्ट करने वाले लोकल आतंकियों पर कार्रवाई
सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 14 स्थानीय आतंकियों की पहचान की है, जो घाटी में पाकिस्तानी आतंकियों को लॉजिस्टिक और अन्य प्रकार का समर्थन दे रहे थे। पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जैसे इलाकों में लश्कर से जुड़े सात आतंकियों के घरों को भी ध्वस्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
175 संदिग्ध हिरासत में, आदिल के खिलाफ बड़े सबूत
पहलगाम के बैसरन में हुए हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने 175 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पूछताछ और जांच के दौरान आदिल अहमद थोकर के इस हमले में संलिप्त होने की पुष्टि हुई। सूत्रों के अनुसार, आदिल ने न केवल हमले की साजिश रची, बल्कि आतंकियों की घुसपैठ और हमले के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन भी किया था।
मुख्य आरोपियों की पहचान, सरकार ने रखा 20 लाख का इनाम
सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले में शामिल आतंकियों के स्केच भी जारी कर दिए हैं। आदिल अहमद थोकर के साथ दो अन्य आतंकियों—हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई—की पहचान की गई है। सरकार ने इन तीनों की गिरफ्तारी या सूचना देने पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग का चलन
यह कोई पहली बार नहीं है कि कोई भारतीय नागरिक पाकिस्तान जाकर आतंकी बनकर लौटा हो। 1990 के दशक से पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद कश्मीर में सक्रिय रहा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और अन्य इलाकों में कई आतंकी प्रशिक्षण शिविर सक्रिय हैं, जहाँ युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा के साथ हथियार चलाने और गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी जाती है। आदिल भी इन्हीं शिविरों में प्रशिक्षित हुआ और वापस लौटकर भारत में खूनी खेल रचाया।
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घाटी में आतंक की उलटी गिनती शुरू
पहलगाम का नरसंहार इस बात का प्रमाण है कि घाटी में आतंक की चुनौती अब भी जिंदा है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इसे जड़ से खत्म करने के लिए कमर कस चुकी हैं। आदिल अहमद थोकर जैसे आतंकियों का नेटवर्क अब तेज़ी से उजागर हो रहा है। सरकार का स्पष्ट संदेश है—भारत के खिलाफ साजिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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