Explainer: क्या होता है Grey Divorce?
TalkAaj Desk: आज के समय में, तलाक की कई नई और अद्भुत अवधारणाएँ सामने आ रही हैं। एक ऐसी अवधारणा है “ग्रे तलाक” (Grey Divorce), जो विशेष रूप से वृद्ध लोगों के बीच बढ़ रही है। यह शब्द उन तलाकों को दर्शाता है जो 40, 50 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के बीच होते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि ग्रे तलाक क्या है, इसके कारण क्या हैं, और इसके प्रभाव क्या हो सकते हैं।
क्या होता है ग्रे डिवोर्स? (What is Grey Divorce?)
बता दें कि शादी के 15 से 20 साल बाद होने वाले तलाक को ग्रे डिवोर्स कहते हैं। यानी जब कोई कपल 15 से 20 साल शादी के रिश्ते में रहता है और इसके बाद अलग होने का फैलसा लेता है, तो उनके बीच होने वाले डिवोर्स को ग्रे डिवोर्स कहा जाता है। इससे अलग ग्रे डिवोर्स को सिल्वर स्प्लिटर्स (Silver Splitters) या फिर डायमंड तलाक भी कहा जाता है। इस तरह का तलाक ज्यादातर 40-50 की उम्र के लोगों के बीच होता है।
Grey Divorce के कारण
- जीवनशैली में बदलाव: आजकल लोग लंबी उम्र तक जी रहे हैं। इसके साथ ही उनकी जीवनशैली भी बदल रही है। कई बार, उम्र के साथ-साथ लोगों की प्राथमिकताएँ और इच्छाएँ भी बदल जाती हैं। यह परिवर्तन विवाह संबंधों में तनाव उत्पन्न कर सकता है।
- अलग-अलग रुचियाँ: जैसे-जैसे लोग बड़े होते हैं, उनकी रुचियाँ और आदतें बदल जाती हैं। कभी-कभी ये बदलाव दांपत्य जीवन में असमंजस पैदा करते हैं। यदि दंपति के पास समान रुचियाँ नहीं होतीं, तो यह उनके रिश्ते को प्रभावित कर सकता है।
- स्वास्थ्य समस्याएँ: उम्र बढ़ने के साथ स्वास्थ्य समस्याएँ भी बढ़ सकती हैं। इनमें से कई समस्याएँ दांपत्य जीवन को प्रभावित करती हैं। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ तनाव और असंतोष का कारण बन सकती हैं, जो तलाक का कारण बन सकती हैं।
- आर्थिक स्वतंत्रता: आधुनिक समाज में, महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ गई है। अधिक महिलाएँ अब अपने पैरों पर खड़ी हैं और आत्मनिर्भर हैं। इससे वे अपने दांपत्य जीवन में असंतोष महसूस करने पर तलाक का निर्णय ले सकती हैं।
- सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन: जब लोग सेवानिवृत्त होते हैं, तो वे अक्सर अधिक समय एक साथ बिताते हैं। इस समय के दौरान, वे एक-दूसरे की आदतों और व्यवहारों को फिर से जानने लगते हैं। इससे तनाव और असंतोष पैदा हो सकता है।
Grey Divorce के प्रभाव
- परिवार पर प्रभाव: ग्रे तलाक का प्रभाव केवल दंपति पर ही नहीं, बल्कि उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है। बच्चों और पोते-पोतियों को यह स्थिति समझना और स्वीकार करना मुश्किल हो सकता है। इससे परिवार में टकराव और तनाव पैदा हो सकता है।
- आर्थिक असर: तलाक के बाद, दंपति को अपनी संपत्ति और अन्य आर्थिक संसाधनों का विभाजन करना पड़ता है। इससे दोनों पार्टनरों को वित्तीय सुरक्षा की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
- मनोरंजन और सामाजिक जीवन: तलाक के बाद, कई लोगों को अपने पुराने मित्रों और सामाजिक सर्कल को फिर से स्थापित करने की चुनौती का सामना करना पड़ता है। यह उनके सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।
- मानसिक स्वास्थ्य: ग्रे तलाक के बाद, लोगों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अकेलापन, अवसाद और चिंता जैसी समस्याएँ आम हो सकती हैं।
- नया जीवन शुरू करना: तलाक के बाद, दंपति को अपनी जीवनशैली को नए तरीके से अपनाना पड़ता है। नए रिश्तों की शुरुआत और अकेले रहने की स्थिति में सामंजस्य स्थापित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
Grey Divorce से निपटने के उपाय
- समर्पण और समझौता: दांपत्य जीवन में समस्याओं को हल करने के लिए समर्पण और समझौते की जरूरत होती है। यदि दंपति अपने मुद्दों को बातचीत और समझौते से सुलझा सकें, तो ग्रे तलाक की संभावना कम हो सकती है।
- परिवारिक परामर्श: परिवारिक परामर्श और थेरेपी का सहारा लेकर दंपति अपनी समस्याओं को हल कर सकते हैं। यह उन्हें अपनी समस्याओं को समझने और उनके समाधान की दिशा में मदद कर सकता है।
- स्वास्थ्य पर ध्यान दें: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। नियमित स्वास्थ्य जांच और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने से तलाक की संभावना को कम किया जा सकता है।
- आर्थिक योजना: तलाक के बाद आर्थिक स्थिति को मजबूत रखने के लिए एक ठोस वित्तीय योजना बनाना महत्वपूर्ण है। इससे दंपति की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है।
- सामाजिक समर्थन: दोस्तों और परिवार से सामाजिक समर्थन प्राप्त करना तलाक के बाद की समस्याओं को कम कर सकता है। यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बनाए रखने में मदद कर सकता है।
Grey Divorce एक ऐसी स्थिति है जो वृद्धावस्था में तलाक के बढ़ते ट्रेंड को दर्शाता है। इसके कई कारण होते हैं, जैसे जीवनशैली में बदलाव, स्वास्थ्य समस्याएँ, और आर्थिक स्वतंत्रता। ग्रे तलाक के प्रभाव केवल दंपति पर ही नहीं, बल्कि उनके परिवार और समाज पर भी पड़ते हैं। इसके बावजूद, सही कदम और उपायों से ग्रे तलाक से निपटा जा सकता है और एक नई शुरुआत की जा सकती है।
इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए, दंपतियों को अपने दांपत्य जीवन की समस्याओं का समाधान समर्पण और समझौते के साथ करना चाहिए। इससे वे अपने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं और एक सुखी जीवन जी सकते हैं।
वहीं, अगर ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन तलाक लेंगे तो ये ग्रे डिवोर्स का पहला मामला नहीं होने वाला है। इससे अलग आमिर खान-किरण राव, फरहान अख्तर-अधुना भबानी, अरबाज खान-मलाइका अरोड़ा, अर्जुन रामपाल-मेहर जेसिया कैसे कई फेमस स्टार कपल भी ग्रे तलाक ले चुके हैं।