नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं में 3 गुना ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, जानें कैसे बचें!

by ppsingh
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नाइट शिफ्ट

नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं में 3 गुना ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, जानें कैसे बचें!

आज के समय में लोगों को अपने काम के चलते अलग-अलग शिफ्ट्स करनी पड़ती हैं, खासकर महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट करना एक बड़ा चैलेंज साबित हो रहा है। हाल ही में एक रिसर्च के अनुसार, नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा उन महिलाओं की तुलना में अधिक होता है जो दिन की शिफ्ट में काम करती हैं। यह जानकारी बेहद चिंताजनक है और इसके पीछे के कारणों को समझना जरूरी है ताकि हम इस जोखिम को कम कर सकें।

नाइट शिफ्ट और हमारे शरीर का पैटर्न

आज के कॉर्पोरेट कल्चर में काम का पैटर्न इतना बदल गया है कि व्यक्ति को हर शिफ्ट में काम करना पड़ता है। खासकर कुछ क्षेत्रों जैसे मेडिकल और कॉल सेंटर्स में 24 घंटे सेवाएं दी जाती हैं, जिससे कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट भी करनी पड़ती है। हमारे शरीर का एक प्राकृतिक पैटर्न होता है, जिसे हम “बॉडी क्लॉक” कहते हैं, जो दिन में काम करने और रात में सोने के हिसाब से डिजाइन हुआ है। लेकिन जब हम नाइट शिफ्ट में काम करते हैं, तो इस पैटर्न के विपरीत काम करने से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

रिसर्च: तीन गुना ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर का खतरा

जामा जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा तीन गुना ज्यादा होता है। इस स्टडी में यह पाया गया कि जब हमारे शरीर की 24 घंटे की बॉडी क्लॉक बाधित होती है, तो इससे कैंसर की कोशिकाओं का निर्माण शुरू हो सकता है। यह कोशिकाएं शरीर में कैंसर की गांठ बना सकती हैं, जिससे ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

मेलाटोनिन की कमी से बढ़ता कैंसर का खतरा

रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर सुदर्शन डे बताते हैं कि नाइट शिफ्ट में काम करने का सबसे बड़ा खतरा मेलाटोनिन हार्मोन की कमी से होता है। मेलाटोनिन एक ऐसा हार्मोन है, जो रात में सोते समय शरीर में बनता है और यह शरीर में कैंसर कोशिकाओं को रोकने में मदद करता है। लेकिन जब आप रात में जागते रहते हैं, तो इसका उत्पादन बाधित होता है। मेलाटोनिन का कम उत्पादन ट्यूमर के विकास में शामिल जीन को भी प्रभावित करता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में कैंसर का खतरा अधिक होता है।

स्मोकिंग और नाइट शिफ्ट का संबंध

नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोग अक्सर जागने के लिए स्मोकिंग का सहारा लेते हैं। रिसर्च से यह भी पता चला है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोग दिन की अपेक्षा रात में ज्यादा स्मोकिंग करते हैं ताकि वे जागते रहें। लेकिन स्मोकिंग शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देती है। ज्यादा स्मोकिंग से न सिर्फ फेफड़ों का कैंसर, बल्कि ब्रेस्ट कैंसर का भी खतरा बढ़ता है। इसलिए नाइट शिफ्ट के दौरान स्मोकिंग से बचना बेहद जरूरी है।

जंक फूड और बेवरेज का सेवन

नाइट शिफ्ट के दौरान लोग आमतौर पर जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन ज्यादा करते हैं। डॉक्टर डे के अनुसार, नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोग हेल्दी फूड की बजाय नमकीन स्नैक्स, पिज्जा, बर्गर और सॉफ्ट ड्रिंक्स का अधिक सेवन करते हैं। यह आदतें मोटापा, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को बढ़ावा देती हैं, जो कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकती हैं। रात में काम करने वालों को अपने खानपान पर ध्यान देना बेहद जरूरी है ताकि वे इन बीमारियों से बच सकें।

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पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा

नाइट शिफ्ट का असर सिर्फ महिलाओं पर ही नहीं, बल्कि पुरुषों पर भी पड़ता है। डॉक्टर डे बताते हैं कि जहां महिलाओं में नाइट शिफ्ट के कारण ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है, वहीं पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, प्रोस्टेट कैंसर के मामले अधिक उम्र में और लेट स्टेज में सामने आते हैं, लेकिन नाइट शिफ्ट करने वाले पुरुषों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए।

नाइट शिफ्ट से बचाव के उपाय

यदि आपकी नौकरी में नाइट शिफ्ट करना अनिवार्य है, तो कुछ सावधानियां बरतकर आप इस खतरे से बच सकते हैं:

  1. नाइट शिफ्ट से बचने की कोशिश करें: यदि संभव हो, तो दिन की शिफ्ट में काम करने का विकल्प चुनें। नाइट शिफ्ट से बचना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
  2. ब्रेक्स लेना जरूरी है: नाइट शिफ्ट के दौरान लगातार काम करने से बचें और बीच-बीच में छोटे ब्रेक्स लें। यह आपके शरीर को आराम देने में मदद करेगा।
  3. कैफीन का सेवन सीमित करें: नाइट शिफ्ट के दौरान ज्यादा चाय या कॉफी पीने से बचें, क्योंकि इससे आपकी नींद और शरीर की प्राकृतिक घड़ी और अधिक प्रभावित होती है।
  4. रोजाना एक्सरसाइज करें: नियमित व्यायाम से आपका शरीर स्वस्थ रहता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
  5. स्वस्थ खानपान अपनाएं: नाइट शिफ्ट में जंक फूड की जगह फल, सलाद, और हेल्दी स्नैक्स का सेवन करें। यह आपके शरीर को पोषण देगा और बीमारियों से बचाएगा।

नाइट शिफ्ट में काम करना आज की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। रिसर्च और विशेषज्ञों की राय को ध्यान में रखते हुए हमें नाइट शिफ्ट के खतरों को समझना और उनसे बचाव के उपाय करना बेहद जरूरी है।

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