World 4th Largest Economy India: भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: जापान पीछे छूटा, अब सिर्फ तीन देश आगे!
“भारत का डंका फिर दुनिया में गूंजा” – अब हम चौथे नंबर पर!
Indian Economy: नई दिल्ली से अगर आप किसी अर्थशास्त्री से बात करें या फिर ग्राउंड पर किसी आम आदमी की राय लें, तो एक बात ज़रूर सुनने को मिलेगी – “अब भारत रुकने वाला नहीं है।” और ये बात अब महज़ भावना नहीं, बल्कि IMF के ताज़ा आंकड़ों से भी साबित हो गई है।
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार को हुई गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक के बाद एक बड़ी घोषणा की। उनके शब्द थे –
“जब मैं ये कह रहा हूं, उसी पल हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।”
उनके मुताबिक, भारत अब $4 ट्रिलियन (4,000 अरब डॉलर) की इकोनॉमी बन चुका है। जापान को पीछे छोड़ते हुए, भारत ने ये ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है।
अब बस तीन देश हैं भारत से आगे
IMF की ताज़ा रिपोर्ट के हवाले से सुब्रह्मण्यम ने बताया कि भारत अब अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद चौथे पायदान पर है।
“अगर हमारी आर्थिक योजना इसी तरह चलती रही,” उन्होंने आगे कहा, “तो आने वाले 2.5 से 3 वर्षों में हम जर्मनी को भी पीछे छोड़ देंगे।”
इसका मतलब ये है कि भारत अब तीसरे स्थान की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है — और ये सिर्फ एक दावा नहीं, बल्कि ट्रेंड है।
ऐसे वक्त में आया ग्रोथ का तूफ़ान, जब दुनिया में मंदी की आशंका
आप सोच सकते हैं कि क्या अमेरिका की टैरिफ नीतियों, रूस-यूक्रेन संघर्ष, या फिर मिडल ईस्ट की अस्थिरता जैसी वैश्विक परिस्थितियों ने भारत की रफ्तार को धीमा किया? लेकिन नहीं।
टैरिफ, जियो-पॉलिटिक्स, या पाकिस्तान के साथ तनाव – कुछ भी भारत की ग्रोथ को नहीं रोक सका।
भारत एक लंबे वक्त से दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहा है। और अब, जब दुनिया अनिश्चितताओं से जूझ रही है, भारत ने अपनी गति बनाए रखी और जापान को पीछे छोड़ते हुए नया रिकॉर्ड कायम कर दिया।
Apple iPhone, टैरिफ और भारत का निर्माण क्षेत्र – क्या चल रहा है पर्दे के पीछे?
जब सुब्रह्मण्यम से अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के उस बयान के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने अमेरिका में Apple iPhone के निर्माण पर ज़ोर दिया था, तो उन्होंने कुछ हिचकिचाते हुए कहा –
“हमें उम्मीद है कि iPhone का निर्माण अमेरिका में होगा, लेकिन अगर लागत और लोकेशन को देखा जाए, तो भारत हमेशा एक सस्ती और रणनीतिक जगह रहेगा।”
उन्होंने ये भी बताया कि भारत की निर्माण नीति में गतिशीलता है और आने वाले महीनों में एसेट मोनेटाइजेशन की दूसरी लहर अगस्त में लॉन्च की जाएगी।
अर्थव्यवस्था की रफ्तार – क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?
IMF हो या World Bank, सब मान रहे हैं कि भारत की ग्रोथ को अब रोका नहीं जा सकता।
हाल ही में CareEdge Ratings की एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि FY2025 की चौथी तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ (India GDP Growth) 6.8% तक रह सकती है, जिससे पूरे वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 6.3% तक रह सकती है।
रिपोर्ट में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि कृषि, होटल, ट्रांसपोर्ट और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में बेहतर प्रदर्शन के चलते ये ग्रोथ आ रही है।
🇯🇵 जापान की गिरती अर्थव्यवस्था – क्या कारण हैं पीछे छूटने के?
जैसे भारत ने तेज़ी से आगे बढ़ते हुए जापान को पीछे छोड़ा, वैसे ही जापान की इकोनॉमी अंदर से जूझ रही है।
टैरिफ (Donald Trump Tariff), धीमी जनसंख्या वृद्धि, और लगातार बढ़ती महंगाई – ये सब मिलकर जापान की अर्थव्यवस्था को झकझोर रहे हैं।
हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अप्रैल 2025 में जापान में महंगाई दर (Japan Inflation) 3.5% तक पहुंच गई – जो बाज़ार की अपेक्षाओं से कहीं ज़्यादा है। इससे उनके घरेलू खर्च और व्यापारिक विश्वास पर असर पड़ा है।
अब सवाल ये है कि जब भारत तीसरे स्थान की ओर अग्रसर है, तो क्या उसे वहां पहुंचने में कोई बाधा आएगी?
संभवत: नहीं, लेकिन कुछ चीज़ें ऐसी हैं जिन पर सरकार और नीति निर्माताओं को ध्यान देना होगा:
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घरेलू महंगाई को नियंत्रण में रखना
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युवा आबादी को कौशल और रोजगार से जोड़ना
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निर्यात को बढ़ावा देना
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ग्रीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी में अग्रणी भूमिका निभाना
अगर ये सब सही दिशा में चलता रहा, तो 2030 से पहले ही भारत तीसरी नहीं, शायद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन सकता है – ऐसा कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा।
FAQs: भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ से जुड़े सवाल
Q1. क्या भारत सच में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है?
हाँ, IMF की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार भारत ने जापान को पीछे छोड़ दिया है और $4 ट्रिलियन इकोनॉमी बन चुका है।
Q2. कौन-कौन से देश अब भारत से आगे हैं?
सिर्फ अमेरिका, चीन और जर्मनी – भारत अब चौथे स्थान पर है।
Q3. क्या भारत जल्द ही तीसरे स्थान पर आ सकता है?
नीति आयोग के अनुसार अगर योजनाएं सही दिशा में चलती रहीं, तो अगले 2.5 से 3 सालों में भारत जर्मनी को भी पीछे छोड़ सकता है।
Q4. जापान की अर्थव्यवस्था क्यों गिर रही है?
महंगाई, जनसंख्या में गिरावट और टैरिफ संबंधी मुद्दों के चलते जापान की इकोनॉमी दबाव में है।
Q5. भारत की ग्रोथ को किन सेक्टर्स से समर्थन मिल रहा है?
कृषि, ट्रांसपोर्ट, होटल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मज़बूत परफॉर्मेंस इसकी वजह है।
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