किसानों के लिए बड़ी खबर! केंद्र ने रबी फसलों के लिए नए MSP की घोषणा की, जानिए कितना पैसा बढ़ा
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने लोकसभा को बताया कि कैबिनेट की बैठक में आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने रबी फसलों (Rabi Crop) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इसके तहत गेहूं, सरसों, जौ समेत कई फसलों का एमएसपी बढ़ाया गया है।
कृषि लागत व मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices) की सिफारिशों के बाद, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने का फैसला किया है। बता दें कि आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया कि एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह बरकरार रहेगी।
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नए कानून के साथ, किसानों को अपनी उपज को बाजार के बाहर और कहीं भी बेचने की आजादी मिलेगी। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, केंद्र ने कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए राज्यों के कृषि उत्पादन विपणन समिति (APMC) अधिनियम के तहत संचालित मंडियों के अलावा वैकल्पिक चैनल प्रदान करने के लिए एक नया कानून बनाया है।
अधिक एमएसपी जहां किसानों को सशक्त करेगी, वहीं उनकी आय दोगुनी करने में भी मदद करेगी। कृषि सुधारों को संसद की मंजूरी के साथ बढ़ी हुई एमएसपी से अन्नदाताओं की गरिमा और समृद्धि सुनिश्चित होगी। जय किसान!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 21, 2020
गेहूं के एमएसपी में वृद्धि के कारण किसानों को 106% लाभ होगा
कृषि उत्पादों के MSP को लेकर चल रहे विवाद के बीच, आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने सोमवार को मोदी कैबिनेट की एक बैठक में रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा को बताया कि रबी विपणन वर्ष 2021-22 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।
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तोमर ने सदन को बताया कि गेहूं का एमएसपी 50 रुपये बढ़ाकर 1,975 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इससे गेहूं किसानों को लागत पर 106 प्रतिशत तक लाभ होगा। इस दौरान, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद आगे भी जारी रहेगी।
चना के एमएसपी में 225 रुपये तो जौं में 75 रुपये की बढ़ोतरी की
कृषि मंत्री ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब किसान पंजाब, हरियाणा और देश के कुछ स्थानों पर संसद में पारित दो कृषि संबंधी बिलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। तोमर ने सदन को बताया कि सीसीईए ने चने का समर्थन मूल्य 4.6 प्रतिशत, यानी 225 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने का फैसला किया है।
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इसके साथ ही चना का एमएसपी बढ़ाकर 5,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इससे किसानों को लागत के मुकाबले 78 प्रतिशत का लाभ होगा। वहीं, मोटे अनाजों में जौ का समर्थन मूल्य 4.9 प्रतिशत या 75 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है और इसके एमएसपी को बढ़ाकर 1,600 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इससे किसानों को लागत पर 65 प्रतिशत लाभ मिलेगा।
मसूर और सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी वृद्धि हुई
संसद के मानसून सत्र के दौरान, केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि सीसीईए ने दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 5,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। दूसरे शब्दों में, इसके एमएसपी में 6.3 प्रतिशत या 300 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। इससे किसानों को लागत पर 78 प्रतिशत लाभ होगा।
वहीं सरसों और रेपसीड के समर्थन मूल्य में 5.1 प्रतिशत यानी 225 रुपये से 4,650 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। कुसुंभ का एमएसपी 112 रुपये बढ़ाकर 5,327 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसके अलावा धान का एमएसपी बढ़ाकर 1868 रुपये, उड़द का 6,000 रुपये, मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7,196 रुपये और मूंगफली का एमएसपी बढ़ाकर 5,275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
जानिए- किस पर कितनी बड़ी MSP
चना
समर्थन मूल्य – 5100 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि – 4.6 प्रतिशत यानि 225 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 78 प्रतिशत
जौ
समर्थन मूल्य – 1600 रुपये प्रति क्विंटल
विकास दर – 4.9 प्रतिशत यानि 75 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 65 प्रतिशत
मसूर
समर्थन मूल्य – 5100 रुपये प्रति क्विंटल
विकास दर – 6.3 प्रतिशत यानी 300 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 78 प्रतिशत
सरसों और रेपसीड–
समर्थन मूल्य – 4650 रुपये प्रति क्विंटल
विकास दर – 5.1 प्रतिशत यानि 225 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 93 प्रतिशत
कुसुम्भ
समर्थन मूल्य – 5327 रुपये प्रति क्विंटल
विकास दर – 2.1 प्रतिशत यानि 112 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 50 प्रतिशत
गेहूँ
समर्थन मूल्य – 1975 प्रति क्विंटल
विकास दर – 2.6 प्रतिशत यानी 50 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 106 प्रतिशत
अनाज–
समर्थन मूल्य – 1868 रुपये प्रति क्विंटल
नए कृषि सुधारों ने देश के हर किसान को आजादी दे दी है कि वो किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल, अपने फल-सब्जियां अपनी शर्तों पर बेच सकता है।
किसानों को मिली इस आजादी के कई लाभ दिखाई देने शुरू भी हो गए हैं।
अब देश अंदाजा लगा सकता है कि अचानक कुछ लोगों को दिक्कत क्यों हो रही है। pic.twitter.com/qQixQTPNsC
— Narendra Modi (@narendramodi) September 21, 2020
नए सुधारों से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा, किसानों को आधुनिक टेक्नोलॉजी मिलेगी, साथ ही उनके उत्पाद और आसानी से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहुंचेंगे। pic.twitter.com/4Lfv12LpM8
— Narendra Modi (@narendramodi) September 21, 2020
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