Pandupol Hanuman Mandir: वो पौराणिक जगह जहां भीम का घमंड चकनाचूर हुआ!
Pandupol Hanuman Mandir Hindi: राजस्थान का Alwar जिला, जिसे सिंह द्वार के नाम से भी जाना जाता है, देशभर में अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। दिल्ली और जयपुर से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह जगह किलों, झीलों, हेरिटेज हवेलियों और अभ्यारणों का केंद्र है। लेकिन अलवर के धार्मिक और आस्था से जुड़े स्थानों में सबसे प्रमुख नाम Pandupol Hanuman Mandir का है, जो सरिस्का के जंगलों के बीच स्थित है। यह मंदिर सिर्फ धार्मिक महत्व का ही नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है।
इस मंदिर का इतिहास Mahabharat काल से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब पांडवों को अज्ञातवास मिला, तो वे यहां से गुजरे थे। उस समय पांडव पानी की तलाश में थे, लेकिन घनी पहाड़ियों के कारण उनका रास्ता बंद हो गया। इस पर महाबली Bhim ने अपनी gada से पहाड़ को मारकर उसमें छेद कर दिया, और इस तरह रास्ता खुल गया। इस घटना के बाद से ही इस स्थान को Pandupol कहा जाने लगा।
यहां एक और महत्वपूर्ण घटना घटी, जिसने इस जगह को और भी खास बना दिया। मान्यताओं के अनुसार, इसी स्थान पर Hanuman ji ने वानर रूप में भीम के घमंड को तोड़ा था। Bhim जब इस रास्ते से गुजर रहे थे, तब Hanuman ji वानर रूप में रास्ते में लेटे हुए थे। Bhim ने उनसे रास्ता छोड़ने के लिए कहा, लेकिन Hanuman ji ने कहा कि वे बूढ़े और लाचार हैं, और Bhim से कहा कि वे उनकी पूंछ को हटाकर रास्ता साफ कर लें।
भीम ने कई बार प्रयास किया, लेकिन Hanuman ji की पूंछ को हिला तक नहीं सके। इससे Bhim को एहसास हुआ कि यह कोई साधारण वानर नहीं हैं। तब Hanuman ji ने अपने दिव्य रूप में भीम को दर्शन दिए। इसके बाद, भीम ने अपने भाइयों को बुलाया, और सभी पांडवों ने हनुमान जी की पूजा की। यहीं पर पांडवों ने Hanuman ji का मंदिर स्थापित किया, जो आज Pandupol Hanuman Mandir के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर में Hanuman ji की लेटी हुई मूर्ति है, जो Mahabharat काल की मानी जाती है।
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Pandupol Hanuman Mandir न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सरिस्का के घने जंगलों के बीच स्थित होने के कारण एक प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहर भी है। यहां हर मंगलवार और शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर जन-जन की आस्था का प्रमुख केंद्र है, और यहां मन्नत मांगने पर Hanuman ji भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।
मान्यता है कि यहां Hanuman ji के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर होते हैं, और मन्नत पूरी होने पर यहां सवामणि चढ़ाई जाती है। मंदिर के महंत, बाबूलाल शर्मा, के अनुसार, पिछले साल पांडुपोल मेले के दौरान अव्यवस्था के कारण देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी हुई थी। हालांकि, हर साल यहां का मेला काफी प्रसिद्ध होता है।
Pandupol Hanuman Mandir का वार्षिक मेला Bhado Shukla Paksha की अष्टमी को लगता है, जिसमें देशभर से हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। यह मेला अलवर जिले के सबसे बड़े मेलों में से एक है और हर साल यहां अलग-अलग राज्यों से लोग आते हैं। इस मेले में कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं।
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Sariska Tiger Reserve के पास स्थित इस मंदिर के कारण यहां पर्यटकों की भीड़ भी देखने को मिलती है। सरिस्का अभ्यारण्य भारी बारिश के चलते तीन महीने के लिए बंद रहता है, लेकिन इसके बाद यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए फिर से खुल जाता है। लोग यहां आकर न केवल हनुमान जी के दर्शन करते हैं, बल्कि जंगल की खूबसूरती का भी आनंद उठाते हैं।
Pandupol Hanuman Mandir और सरिस्का के आसपास के क्षेत्र का दौरा करने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक आस्था, और ऐतिहासिक महत्व का अनूठा अनुभव मिलता है। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी खास स्थान रखता है।
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ब्यूरो रिपोर्ट, टॉकआज मीडिया (Talkaaj Media)
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