सरकार मुफ्त में दे रही है घर और सुविधाएं, बिना एक पैसा खर्च किए मिलेंगी सभी सुविधाएं!
इंग्लैंड के ग्रेटर मैनचेस्टर में ‘हाउसिंग फर्स्ट’ नाम से एक योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत बेघर लोगों को मुफ्त में घर और सुविधाएं दी जा रही हैं। यह एक अनोखी पहल है, जिसमें न सिर्फ लोगों को घर दिया जा रहा है, बल्कि जीवन की हर जरूरी सुविधा भी मुफ्त में मुहैया कराई जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि जो लोग सड़क पर जिंदगी बिता रहे हैं, उन्हें स्थायी घर और बेहतर जीवनशैली दी जा सके।
फिनलैंड में भी ऐसी योजना पहले से ही सफलतापूर्वक चल रही है, जहां किसी भी व्यक्ति को बेघर नहीं छोड़ा जाता। इंग्लैंड अब उसी रास्ते पर चल रहा है, और बेघरों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है।
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प्रधानमंत्री आवास योजना से अलग पहल:
इंग्लैंड की ‘हाउसिंग फर्स्ट’ योजना को भारत की प्रधानमंत्री आवास योजना से अलग एक कदम आगे कहा जा सकता है। जहां प्रधानमंत्री आवास योजना में लोगों को घर के लिए कुछ अंशदान करना होता है, वहीं इंग्लैंड की यह योजना पूरी तरह मुफ्त है। सरकार सड़क पर रहने वाले लोगों को न केवल घर दे रही है, बल्कि उनकी सारी सुविधाओं का ध्यान भी रख रही है, जिसमें इलाज से लेकर जीवन की अन्य मूलभूत सुविधाएं शामिल हैं। इस योजना में कोई शर्त भी नहीं रखी गई है, जिससे कोई भी पात्र व्यक्ति इसका लाभ उठा सकता है।
ग्रेटर मैनचेस्टर में स्कीम की शुरुआत:
ग्रेटर मैनचेस्टर के मेयर एंडी बर्नहैम ने ‘हाउसिंग फर्स्ट’ योजना की शुरुआत की। योजना के पहले चरण में 400 लोगों को घर दिए जाएंगे। इसका पूरा खर्च इंग्लैंड की केंद्र सरकार वहन करेगी। खास बात यह है कि इस योजना का लाभ सबसे पहले मानसिक समस्याओं से पीड़ित और नशे की लत वाले लोगों को दिया जा रहा है, ताकि उन्हें सुरक्षित और स्थिर जीवन मिल सके।
मेयर एंडी बर्नहैम ने बताया कि पहले भी इस तरह की योजना चलाई गई थी, जिसमें 413 लोगों को घर मुहैया कराया गया था। इस योजना के तहत बेघर लोगों को रहने के लिए एक स्थायी जगह मिली, जिससे शहर की सड़कों पर बेघर लोग नहीं दिखे और उनका जीवन बेहतर हुआ।
फिनलैंड की प्रेरणा से बनी योजना:
यह योजना फिनलैंड की ‘हाउसिंग फर्स्ट’ स्कीम से प्रेरित है। फिनलैंड ने पहले ही घोषणा की थी कि उनके देश में कोई भी व्यक्ति बेघर नहीं रहेगा। उनकी राजधानी हेलसिंकी में आज कोई भी बेघर सड़क पर सोता या भीख मांगता नजर नहीं आता। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अगर कोई व्यक्ति बेघर पाया जाता है, तो उसे तुरंत आश्रय और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
फिनलैंड की सफलता की कहानी:
1987 में फिनलैंड में 18,000 से ज्यादा लोग बेघर थे। ये लोग सड़क पर सोते और अपनी रातें ठंड में काटते थे। लेकिन 2007 में ‘हाउसिंग फर्स्ट’ पॉलिसी के तहत इन लोगों को ढूंढ-ढूंढकर घर दिए गए। नशे की लत वाले लोगों को उपचार के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी गई, ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें और समाज में वापस जुड़ सकें।
आज के समय में, फिनलैंड में बहुत ही कम लोग बेघर पाए जाते हैं, और यह नीति पूरी तरह से सफल मानी जा रही है। फिनलैंड की इस योजना का मुख्य मकसद था कि किसी भी नागरिक को बेघर नहीं छोड़ा जाए। आज फिनलैंड सरकार ने यह साबित कर दिया है कि यह संभव है।
इंग्लैंड की नई पहल:
इंग्लैंड की ‘हाउसिंग फर्स्ट’ योजना अब फिनलैंड के इसी मॉडल को अपनाकर बेघर लोगों को एक स्थायी ठिकाना दे रही है। सरकार ने यह तय किया है कि इस योजना के तहत न सिर्फ घर दिए जाएंगे, बल्कि उन लोगों की हर संभव मदद की जाएगी ताकि वे फिर से सामान्य जीवन जी सकें।
अन्य देशों के लिए एक मिसाल:
इंग्लैंड और फिनलैंड की ये योजनाएं दुनियाभर के अन्य देशों के लिए भी एक प्रेरणा हैं, जो अपने यहां बेघर लोगों की समस्या से जूझ रहे हैं। भारत में भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को घर दिया जा रहा है, लेकिन इस दिशा में अभी भी बहुत कुछ किया जा सकता है। यदि भारत और अन्य देश इंग्लैंड और फिनलैंड के इस मॉडल को अपनाते हैं, तो बेघर लोगों की समस्या का स्थायी समाधान मिल सकता है।
इंग्लैंड की ‘हाउसिंग फर्स्ट’ योजना बेघर लोगों के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला रही है। न केवल लोगों को घर मिल रहे हैं, बल्कि उन्हें नई शुरुआत करने का मौका भी दिया जा रहा है। यह योजना साबित करती है कि सही सोच और ठोस कदम उठाए जाएं, तो समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। ऐसी योजनाएं दुनियाभर के देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, जो बेघर लोगों की समस्याओं को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं।
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