दूध बेचकर भजनलाल शर्मा ने संघर्ष की शुरुआत की, जानें Bhajanlal Sharma का राजनीति का सफर
Key Point
- सरपंच से शुरू किया राजनीति का सफर
- पिता ने कहा वह तो पूरे प्रदेश की जनता का लाल है
- पिता चाहते थे बेटा बने मास्टर, लेकिन बन गए नेताजी
- दूध बेचकर भजन लाल शर्मा ने संघर्ष की शुरुआत की
पहली बार के विधायक भजन लाल शर्मा राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे ये आखिर किस ने सोचा था…दूध बेचने वाले भजनलाल शर्मा कैसे CM बन गए ये सवाल हर किसी के जेहन में आरहा है क्यों की जिस होटल ललित में मुख्यमंत्री के नाम की चर्च हो रही थी उसी के सामने ही भजनलाल शर्मा एक फ्लेट में रहते है उन्हें और उनके परिवार को खबर भी नही थी की खुशिया कैसे उनके घर के सामने ही खड़ी उनका इंतजार कर रही है
आइये जानते है की कैसे कल तक जो एक साधारण व्यक्ति थे वो आज कैसे मुख्यमंत्री बन गए पर लेकिन उस से पहले हम आपको सुनते है उनके ही घर के पास रहने वाले व्यक्ति की विडियो जिनके पास अक्सर भजनलाल शर्मा और उनका परिवार सामान लेने जाया करता था
राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Rajasthan CM Bhajanlal Sharma) ने अपने जीवन के संघर्ष में पढ़ाई के साथ राजनीति से भी नाता जोड़े रखा। इसका फल उन्हें आज मिला है। भजनलाल शर्मा के पिता उन्हें टीचर बनाना चाहते थे। लेकिन उनका राजनीति की तरफ रुझान उन्हें मुख्यमंत्री की और लेगया….भजनलाल शर्मा और पीएम मोदी के संघर्ष की कहानी कुछ मिलती-जुलती है। पीएम मोदी ने अपने संघर्ष के दिनों में चाय बेची और राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संघर्ष के दिनों में दूध बेचा
नए Rajasthan CM Bhajanlal Sharma साधारण परिवार से हैं। उनका जीवन काफी संघर्ष से भरा रहा। शुरुआती दौर में उन्होंने गोपालन का काम भी किया। इस दौरान वे दूध बेचने का काम भी करते थे। भजनलाल शर्मा के एक साधारण इंसान से मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का संघर्ष आसान तो नहीं रहा उन्होंने अपने पिता के साथ कृषि कार्यों में भी हाथ बटाया। भजन लाल अपने पिता किशन स्वरूप शर्मा के इकलौती बेटे थे। हालांकि उनकी तीन बहने भी हैं। भजन लाल शर्मा अपने गांव से निकलकर भरतपुर में किराए के मकान में रहते थे। जहां उन्होंने पढ़ाई के साथ राजनीति में भी प्रवेश किया।
भजनलाल शर्मा ने भले ही बीएड की डिग्री प्राप्त कर ली थी, लेकिन उनका मन तो राजनीति में रमा हुआ था। भजनलाल नदबई विधानसभा क्षेत्र के अटारी गांव के रहने वाले हैं। वर्ष 2000 में वे गांव के सरपंच चुने गए। इसके बाद भजनलाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह आगे बढ़ते रहे। 2003 में उन्होंने नदबई विधानसभा से चुनाव लड़ा। लेकिन इस चुनाव में उनकी हार हुई। इसके बाद भी भजनलाल भाजपा संगठन से जुड़े रहे और जिम्मेदारियां को निभाते रहे। वर्ष 2016 को उन्हें बीजेपी का प्रदेश महामंत्री बनाया गया, जो अब तक बने हुए हैं। और इसके बाद 2023 में उन्होंने सांगानेर से एक फिर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की!
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