आम आदमी को तगड़ा झटका! 1 जनवरी से कई चीजों के दाम बढ़ जाएंगे, सरकार के इस फैसले का पड़ेगा गहरा असर
न्यूज़ डेस्क:- आम आदमी को अगले महीने यानी 1 जनवरी 2022 से कई चीजों पर बढ़ते टैक्स का सामना करना पड़ेगा। आपको बता दें कि नया साल आपके लिए खुशियां लेकर आ रहा है लेकिन महंगाई आपको थोड़ी परेशान कर सकती है। कपड़े और जूते-चप्पल खरीदने से लेकर ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने तक यह काफी महंगा होने वाला है।
भारत में अगले साल की शुरुआत से यानी जनवरी 2022 से सभी की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है. आम आदमी को अगले महीने यानी 1 जनवरी 2022 से कई चीजों पर बढ़ते टैक्स का सामना करना पड़ेगा। आपको बता दें कि नया साल आपके लिए खुशियां लेकर आ रहा है लेकिन महंगाई आपको थोड़ी परेशान कर सकती है। कपड़े और जूते-चप्पल खरीदने से लेकर ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने तक यह काफी महंगा होने वाला है।
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GST की दरें बढ़ेंगी
दरअसल, 1 जनवरी से रेडीमेड गारमेंट्स पर GST की दर 5% से बढ़कर 12% हो जाएगी। इससे रेडीमेड कपड़ों की कीमतों में इजाफा होगा। कपड़ा कारोबारियों का कहना है कि जीएसटी बढ़ने से खुदरा कारोबार पर बुरा असर पड़ेगा। रेडीमेड के कारोबार से जुड़े व्यापारी GST में बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं। हालांकि सरकार अपने फैसले से पीछे हटने के मूड में नहीं है। ऐसे में ग्राहकों को नए साल से रेडीमेड गारमेंट खरीदने के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे. इस टैक्स स्लैब में नया बदलाव 1 जनवरी, 2022 से लागू होगा।
GST दरों में बढ़ोतरी से लोग नाखुश
आम आदमी भी GST दर में बढ़ोतरी से खुश नहीं है। लोगों का कहना है कि जीएसटी बढ़ने से कपड़ों के रेट काफी बढ़ जाएंगे, जिससे आम आदमी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. कोरोना काल में व्यापारी पहले से ही परेशान हैं। बाजार में बिल्कुल भी काम नहीं है, GST बढ़ने के बाद व्यापारी और अधिक परेशान होंगे।
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इस तरह होगा टैक्स स्लैब में बदलाव
गौरतलब है कि अब तक 1,000 रुपये तक के फुटवियर पर 5% जीएसटी लगता था, लेकिन इसमें लगने वाली तली, चिपकाने वाली सामग्री, कलर आदि पर 18% टैक्स लगता है, जिस कारण व्युत्क्रम टैक्स ढांचा (Inverse Tax Structure) लागू होता है. इसके अलावा चमड़े पर 12% टैक्स लगता है. इसके कारण इनपुट टैक्स क्रेडिट लेना पड़ता है और सरकार को रिफंड जारी करना पड़ता है। फुटवियर के मामले में सरकार को सालाना करीब 2,000 करोड़ रुपये का रिफंड देना होता है। दरअसल, जूते, कपड़े और खाद पर शुल्क ढांचे में बदलाव पिछले साल जून में ही किया जाना था लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे टाल दिया गया था.
जानें किस तरह के कपड़ों पर कितना लगेगा GST?
टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स | नए रेट्स (%) | पुराने रेट्स (%) |
मैन मेड फाइबर | 12 | 18 |
सिंथेटिक यार्न | 12 | 12 |
सभी तरह के फैब्रिक्स | 12 | 5 |
कॉटन | 5 | 5 |
कॉटन यार्न | 5 | 5 |
1000 रुपए से कम के गारमेंट्स | 12 | 5 |
ऑनलाइन खाना होगा महंगा
कपड़े और जूतों के अलावा अगर आप भी ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने के शौकीन हैं तो आपकी जेब पर भारी असर पड़ने वाला है। क्योंकि 1 जनवरी से कंपनियों को ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो ऐप (Zomato App) और स्विगी ऐप (Swiggy App) से खाना ऑर्डर करने पर भी टैक्स देना होगा।
कंपनियां ग्राहकों से वसूलेंगी पैसे
नए साल से फूड डिलीवरी ऐप पर भी 5% GST लगेगा। हालांकि इससे यूजर्स को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि पहले ही साफ कर दिया गया है कि सरकार यह टैक्स ग्राहकों से नहीं बल्कि ऐप कंपनियों से वसूल करेगी। लेकिन हमेशा से ऐसा होता आया है कि अगर सरकार की ओर से किसी कंपनी पर कोई बोझ पड़ता है तो ऐप कंपनियां उसे किसी न किसी तरह से ग्राहकों से वसूल कर लेती हैं. ऐसे में ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने वालों के लिए नया साल भारी पड़ने वाला है।
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