Rajasthan Big News: राजस्थान में अब मोबाइल फोन और राशन नही मिलेगा बदले में मिलेगा कैश, इस वजह से गहलोत सरकार ने बदला अपना फैसला
Rajasthan Elections 2023: संभव है कि अक्टूबर 2023 के मध्य तक आचार संहिता लागू हो जाए और अब तक गहलोत सरकार की कई योजनाओं के टेंडर पास नहीं हो पाए हैं. ऐसे में CM Gehlot ने यह फैसला लिया है.
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है और इसे देखते हुए कांग्रेस सरकार पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता को अपने पाले में रखने के लिए सभी पुराने वादों को पूरा करना शुरू कर दिया है. चाहे वह मुफ्त फोन-टैबलेट योजना हो, अन्नपूर्णा योजना हो या कोई और। हालांकि चुनाव से पहले यह संभव होता नहीं दिख रहा है क्योंकि टेंडर के लिए समय निकलता जा रहा है। ऐसे में गहलोत सरकार (Gehlot government) एक नया प्लान लेकर आई है, जिससे जनता को काफी फायदा हो सकता है।
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘राहत इन कैश’ की योजना बनाई है, जिसमें वह योजनाओं को पूरा करने के बजाय अब लाभार्थियों के खातों में पैसा भेजेंगे. गहलोत सरकार मुफ्त बिजली समेत अन्य राहतें देने के बाद अब बजट घोषणाओं में दी गई अन्य राहतों को भुनाने के लिए लाभार्थियों के खातों में पैसा ट्रांसफर करेगी.
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इस वजह से गहलोत सरकार यह फैसला ले रही है
गौरतलब है कि हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने 1.33 करोड़ महिलाओं को स्मार्ट फोन के बदले एक निश्चित राशि उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करने का संकेत दिया था. अब कांग्रेस सरकार अन्नपूर्णा खाद्य किट, टैबलेट योजना जैसी कई योजनाओं के बदले लाभार्थियों को नकद राशि देने पर विचार कर रही है. माना जा रहा है कि इसका कारण यह हो सकता है कि अक्टूबर के मध्य में आचार संहिता लागू हो सकती है और अभी तक कई टेंडर पास नहीं हो पाए हैं.
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अगर टेंडर हो भी गए तो चुनाव से पहले योजना को पूरा करने में समय लग सकता है। इसलिए गहलोत सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए ‘राहत इन कैश’ लाने का दावा कर रही है. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार 16 जून से इसकी शुरुआत राजस्थान की राजधानी से होगी. इस दौरान सीएम 42 हजार पशुपालकों के खातों में एकमुश्त मुआवजे के तौर पर 176 करोड़ रुपये ट्रांसफर करेंगे.
बीजेपी का आरोप- ईडी से बचने के लिए लिया फैसला
राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि अशोक गहलोत की सरकार ने संस्थागत भ्रष्टाचार के आधार पर इन योजनाओं की घोषणा की है. जब भाजपा ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया तो सरकार पीछे हट गई। अब ईडी के डर से डीबीटी किया जा रहा है।
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Posted by TalkAaj.com
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