🛣️ New toll policy 2025: देशभर की सड़कों पर लगेंगे हाईटेक कैमरे और सेंसर, टोल वसूली में होगा बड़ा बदलाव
भारत सरकार देशभर की टोल व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने जा रही है। जल्द ही एक नई टोल नीति लागू होने वाली है, जिसकी तैयारी अब अंतिम चरण में है। इस बार फोकस केवल टोल वसूली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे सिस्टम को तकनीकी रूप से मजबूत और स्मार्ट बनाया जाएगा। इस नई नीति के तहत देश के सभी नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर एडवांस कैमरे और स्पीड सेंसर लगाए जाएंगे, जिससे टोल वसूली की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी बन सके।
🚗 अब टोल प्लाजा की लंबी कतारें नहीं — टोल वसूली होगी ऑटोमैटिक और फेयर
टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ और देरी अब बीते दिनों की बात हो सकती है। सरकार ऐसी व्यवस्था तैयार कर रही है, जिसमें टोल शुल्क आपके वाहन की मूवमेंट के आधार पर अपने आप कटेगा। इसके लिए ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा, जो 70–80 मीटर की दूरी से नंबर प्लेट स्कैन कर सकेंगे और साथ ही स्पीड और ट्रैफिक नियम उल्लंघन की निगरानी भी करेंगे।
✅ महत्वपूर्ण सुझाव: अपने वाहन की नंबर प्लेट को हमेशा साफ रखें और सरकारी मानक के अनुसार लगवाएं, ताकि कैमरा आसानी से स्कैन कर सके और आपको किसी फाइन का सामना न करना पड़े।
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💰 ₹72,000 करोड़ की टोल वसूली — हर साल बढ़ रहा है आंकड़ा
वित्त वर्ष 2023-24 में देशभर से कुल ₹72,000 करोड़ से अधिक की टोल वसूली हुई है। ये आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में करीब 10% अधिक है। इसमें से:
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नेशनल हाईवे से ₹61,000 करोड़ की वसूली हुई।
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राज्यों के हिस्से के रूप में ₹11,000 करोड़ मिले।
पिछले एक साल में ही लगभग 4700 किलोमीटर नई टोल योग्य सड़कें जुड़ी हैं। ऐसे में यह तय है कि आने वाले समय में टोल वसूली का आंकड़ा और बढ़ेगा। लेकिन टोलिंग प्रणाली में सुधार की गति अभी भी धीमी है — और यही इस नई नीति का मुख्य फोकस है।
🔧 कैमरे और सेंसर के जरिए होगी हर मूवमेंट की मॉनिटरिंग
नई टोल नीति में पुराने कैमरों और सेंसरों को हटाकर हाईटेक सिस्टम लगाए जा रहे हैं। मंत्रालय के मुताबिक, पहले चरण में उन हाईवे और एक्सप्रेसवे पर बदलाव शुरू हो चुका है, जहां पर टोल प्लाजा को हटाया जाना है। इन कैमरों से न केवल टोल कटेगा, बल्कि ये नियमों के उल्लंघन जैसे:
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सीट बेल्ट न पहनना
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उल्टी दिशा में वाहन चलाना
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ड्राइविंग करते समय मोबाइल का उपयोग
जैसे मामलों को भी रिकॉर्ड करेंगे।
📊 नई नीति के पीछे सरकार की रणनीति क्या है?
इस नीति पर बीते तीन वर्षों से काम चल रहा है, लेकिन अब जब संसद में सांसदों और आम जनता की मांग बढ़ी, तो सरकार ने इसे प्राथमिकता पर ले लिया है। हाल ही में बजट सत्र के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि यह नीति टोल व्यवस्था की सभी समस्याओं को हल करेगी और एक पारदर्शी व सुविधाजनक सिस्टम लाएगी।
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🧠 राज्यों को भी मिल रहा निर्देश: अपने स्तर पर करें तकनीकी उन्नयन
सिर्फ केंद्र ही नहीं, राज्यों को भी कहा गया है कि वे अपने हाईवे और एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी को मौजूदा मानकों के अनुसार अपडेट करें। इसके लिए तकनीकी प्रशिक्षण और उपकरणों की व्यवस्था भी मंत्रालय की ओर से की जा रही है।
📝 लोगों के लिए इसका क्या मतलब है?
नई टोल प्रणाली आम यात्रियों के लिए कई तरह से फायदेमंद होगी:
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टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा
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ट्रैफिक कम होगा और यात्रा समय बचेगा
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शुल्क की गणना दूरी के अनुसार होगी — यानी जो जितना चलेगा, उतना ही देगा
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ट्रैफिक नियम उल्लंघन पर सीधे कार्रवाई होगी
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सिस्टम में पारदर्शिता और भरोसे की बढ़ोतरी होगी
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. नई टोल नीति कब से लागू होगी?
सरकार के मुताबिक यह नीति कुछ ही महीनों में लागू हो जाएगी और इसके लिए ज़रूरी तकनीकी अपग्रेड अगले 6 महीनों में पूरे हो जाएंगे।
2. क्या सभी टोल प्लाजा हटा दिए जाएंगे?
हाँ, नई नीति के तहत पारंपरिक टोल प्लाजा को धीरे-धीरे हटाया जाएगा और उनकी जगह पूरी तरह से डिजिटल व ऑटोमैटिक प्रणाली लागू की जाएगी।
3. क्या फास्टैग की जरूरत खत्म हो जाएगी?
फास्टैग अभी भी जरूरी रहेगा, लेकिन ANPR और GPS बेस्ड सिस्टम के साथ इसका उपयोग और आसान तथा ऑटोमैटिक हो जाएगा।
🔚 निष्कर्ष
नई टोल नीति केवल टोल वसूली को आसान बनाने का तरीका नहीं है, बल्कि यह पूरे ट्रांसपोर्ट सिस्टम को स्मार्ट और फेयर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। डिजिटल इंडिया के विजन के तहत यह नीति ना सिर्फ समय की बचत करेगी, बल्कि सड़क सुरक्षा और नियमों की निगरानी में भी मददगार साबित होगी।
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