टैरिफ (Tariff) क्या होता है? अमेरिका की टैरिफ नीति का भारत पर असर और पूरी जानकारी

What is a Tariff in Hindi
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टैरिफ (Tariff) क्या है? अमेरिका की टैरिफ नीति से भारत और दुनिया को कितना नुकसान | Tariff hota kya hai


7 अप्रैल, सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में अचानक बड़ी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 71,449.94 अंकों पर खुला और इसमें 3,914.75 अंकों की बड़ी गिरावट आई। इस गिरावट का सीधा संबंध अमेरिका की नई टैरिफ नीति से जोड़ा जा रहा है।

अब सवाल उठता है — आख़िर ये टैरिफ होता क्या है (Tariff hota kya hai), क्यों लगाया जाता है, और इससे भारत को कैसे नुकसान हो सकता है? चलिए विस्तार से समझते हैं।


टैरिफ क्या होता है? (What is a Tariff in Hindi)

टैरिफ एक प्रकार का कर (Tax) होता है जो किसी देश की सरकार बाहरी (विदेशी) सामान या सेवाओं पर लगाती है, जब वे देश में आयात (Import) किए जाते हैं। जब कोई सामान सीमा पार करता है और किसी देश के बाजार में आता है, तो सरकार उस पर टैरिफ के रूप में शुल्क वसूलती है।

टैरिफ लगाने का मकसद सिर्फ़ राजस्व बढ़ाना नहीं होता, बल्कि इसके पीछे कई आर्थिक और रणनीतिक कारण होते हैं।

टैरिफ के प्रकार

  1. एड-वैलोरम टैरिफ (Ad Valorem Tariff):
    यह टैक्स किसी उत्पाद के मूल्य का प्रतिशत होता है।
    📌 उदाहरण: अगर किसी वस्तु की कीमत ₹1,000 है और 10% टैरिफ लागू है, तो ₹100 टैक्स देना होगा।

  2. स्पेसिफिक टैरिफ (Specific Tariff):
    यह एक तय राशि होती है जो हर यूनिट (जैसे प्रति किलो, प्रति लीटर) पर लगाई जाती है।
    📌 उदाहरण: ₹50 प्रति किलो गेहूं।


टैरिफ क्यों लगाया जाता है? (Why Are Tariffs Imposed?)

टैरिफ सिर्फ़ टैक्स नहीं होता, बल्कि यह सरकारों के लिए एक पॉलिसी टूल भी होता है। इसे निम्नलिखित कारणों से लागू किया जाता है:

1. स्थानीय उद्योगों की रक्षा

जब विदेशी उत्पाद सस्ते होते हैं, तो ग्राहक स्थानीय वस्तुओं के बजाय विदेशी सामान खरीदने लगते हैं। टैरिफ लगाकर उन विदेशी वस्तुओं को महंगा बना दिया जाता है, ताकि घरेलू कंपनियों को बढ़ावा मिले और वे प्रतिस्पर्धा कर सकें।

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2. सरकारी राजस्व का स्रोत

टैरिफ से सरकार को भारी राजस्व मिलता है, खासकर उन देशों में जहां आयकर वसूली के अन्य साधन सीमित होते हैं।

3. व्यापार संतुलन बनाए रखना

अगर कोई देश अधिक आयात करता है लेकिन निर्यात कम, तो व्यापार घाटा (Trade Deficit) होता है। ऐसे में टैरिफ विदेशी सामानों को हतोत्साहित करता है और घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता मिलती है।


अमेरिका ने किन देशों पर कितना टैरिफ लगाया? (Trump Tariff List by Country in Hindi)

ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ की नीति अपनाई थी — अगर कोई देश अमेरिका के सामानों पर अधिक टैक्स लगाता है, तो अमेरिका भी उसी देश से आने वाले सामानों पर उतना या उससे ज्यादा टैरिफ लगा देता है।

नीचे देखें किन-किन देशों पर अमेरिका ने कितना टैरिफ लगाया:

देश टैरिफ प्रतिशत
चीन (China) 54%
कंबोडिया 49%
लाओस 48%
वियतनाम 46%
श्रीलंका 44%
म्यांमार 44%
बांग्लादेश 37%
थाईलैंड 36%
ताइवान 32%
इंडोनेशिया 32%
पाकिस्तान 29%
भारत (India) 27%
कज़ाखस्तान 27%
दक्षिण कोरिया 25%
जापान 24%
मलेशिया 24%
ब्रुनेई 24%
फिलीपींस 17%
सिंगापुर 10%

भारत अमेरिका से ज़्यादा टैरिफ क्यों वसूलता है?

भारत की व्यापार नीति काफी हद तक प्रोटेक्शनिस्ट यानी सुरक्षा-केंद्रित रही है। यहां सरकार का मकसद अपने घरेलू उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा से बचाना और उन्हें समय देना है ताकि वे मजबूत हो सकें।

उदाहरण के लिए, भारत विदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील और ऑटोमोबाइल्स पर भारी इम्पोर्ट ड्यूटी लगाता है ताकि देश में बने विकल्पों की बिक्री बढ़े।

वहीं अमेरिका लंबे समय से Free Trade को बढ़ावा देता रहा है। हालांकि ट्रंप प्रशासन का कहना था कि अगर भारत अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर अधिक टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका को भी भारत के उत्पादों पर उतना ही टैक्स लगाना चाहिए।


अमेरिका की टैरिफ नीति से भारत को क्या नुकसान हो सकता है?

भारत अमेरिका को जिन उत्पादों का सबसे ज़्यादा निर्यात करता है, उनमें शामिल हैं:

  • दवाइयां और मेडिकल उत्पाद

  • ऑटोमोबाइल्स और पार्ट्स

  • स्टील और इलेक्ट्रॉनिक्स

  • कपड़े और टेक्सटाइल्स

अगर अमेरिका इन पर 27% तक टैरिफ लगाता है तो भारत से निर्यात होने वाले सामान महंगे हो जाएंगे। इससे कुछ समस्याएं हो सकती हैं:

  • बिक्री में गिरावट: अमेरिकी कंपनियां और ग्राहक भारतीय सामान की जगह सस्ते विकल्पों को चुन सकते हैं।

  • निर्यात पर असर: इससे भारतीय कंपनियों की विदेशों में पकड़ कमजोर हो सकती है।

  • आर्थिक नुकसान: निर्यात घटने से कंपनियों को घाटा होगा, और नौकरियों पर भी असर पड़ेगा।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. टैरिफ और टैक्स में क्या फर्क है?

टैक्स एक सामान्य शब्द है जो कई तरह के कर को दर्शाता है, जैसे आयकर, बिक्री कर आदि। वहीं टैरिफ एक खास तरह का टैक्स होता है जो केवल इम्पोर्ट या एक्सपोर्ट पर लगाया जाता है।

2. क्या टैरिफ से ग्राहकों को नुकसान होता है?

हां, जब टैरिफ के कारण विदेशी सामान महंगे हो जाते हैं, तो ग्राहकों को उन्हीं उत्पादों के लिए ज़्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं।

3. क्या भारत अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का फायदा उठा सकता है?

संभावना है। अगर अमेरिका चीन से सामान मंगवाना कम करता है, तो वह भारत जैसे देशों की ओर रुख कर सकता है। लेकिन इसके लिए भारत को प्रतिस्पर्धी कीमत और क्वालिटी बरकरार रखनी होगी।


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