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Weddings : शादी-विवाह में गाना बजाना कानून का उल्लंघन? सरकार ने जारी किया आदेश
Talk Aaj News Desk: सरकार को शिकायत मिली थी कि शादियों में बजाए जाने वाले गानों पर कॉपीराइट कानून के तहत रॉयल्टी मांगी जा रही है, जिसे लेकर अब सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है.
Copyright Act at Wedding Songs: शादियों में बजाए जाने वाले गानों को लेकर सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है. सरकार ने कहा है कि कोई भी इन गानों पर रॉयल्टी की मांग नहीं कर सकता है. यह कॉपीराइट कानून का उल्लंघन नहीं है. दरअसल, यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब सरकार को शादियों में बजाए जाने वाले गानों पर रॉयल्टी मांगे जाने की शिकायतें मिल रही थीं. अब सरकार की ओर से नोटिस जारी कर पूरा मामला साफ कर दिया गया है.
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सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि ऐसी गतिविधियों के लिए कोई भी रॉयल्टी नहीं ले सकता. उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने एक सार्वजनिक नोटिस में ये सारी बातें कही हैं. सार्वजनिक सूचना में कहा गया था कि कॉपीराइट अधिनियम 1957 की धारा 52 (1) (जेडए) के विपरीत, विवाह गीतों पर रॉयल्टी के संबंध में आम लोगों से शिकायतें प्राप्त हुई थीं।
इन कार्यों के लिए रॉयल्टी नहीं मांगी जा सकती
डीपीआईआईटी (DPIIT) ने कहा कि कुछ कार्यों को कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं माना जाता है। 1957 की धारा 52 (1) (जेडए) के तहत, धार्मिक समारोहों, आधिकारिक समारोहों, नाटकीय और सामूहिक प्रदर्शन या ध्वनि रिकॉर्डिंग की अनुमति है। ये सभी कार्य कॉपीराइट उल्लंघन के दायरे में नहीं आते हैं। ऐसे में इसके लिए रॉयल्टी मांगना गलत है.
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शादी में गाने के बारे में क्या ख्याल है?
नोटिस में स्पष्ट करते हुए डीपीआईआईटी (DPIIT) ने कहा कि विवाह और उससे जुड़े अन्य सामाजिक कार्य धार्मिक समारोह के अंतर्गत आते हैं। ऐसे में शादी में संगीत बजाना कॉपीराइट कानून का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता. इसके साथ ही डीपीआईटी ने यह भी कहा कि इसके मद्देनजर कॉपीराइट सोसायटी को किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अधिनियम की धारा 52 (1) (जेडए) का उल्लंघन करने से बचना चाहिए।
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DPIIT ने लोगों से की अपील
आम लोगों के लिए विभाग ने कहा कि वे किसी भी व्यक्ति या संस्था या कॉपीराइट सोसायटी की धारा का उल्लंघन न करें. साथ ही इससे संबंधित कोई भी अनावश्यक कार्य स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
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