भारत का सबसे अमीर आदमी! मुगल-अंग्रेज भी फैलाते थे इनके सामने हाथ, अद्भुत है 400 साल पुराने इस धन्ना सेठ की कहानी | Richest Man in Indian History In Hindi
Richest Man in Indian History In Hindi : सोचिए वह शख्स कितना अमीर होगा, जिससे अंग्रेज और मुगल भी पैसे मांगते थे। उनका नाम वीरजी वोरा था. 400 साल पहले उनके पास 65 करोड़ रुपये की संपत्ति थी. आज के समय में भी 65 करोड़ बहुत है.
Highlights
- वीरजी वोरा मूल रूप से गुजरात में थोक व्यापारी थे।
- 16वीं सदी में उन्होंने अंग्रेज़ों को कर्ज़ दिया।
- 400 साल पहले 65 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति थी.
Richest man in Indian history In Hindi: भारत आज बिजनेस जगत में झंडे गाड़ रहा है। अरबपतियों के मामले में हम सिर्फ अमेरिका और चीन से पीछे हैं। हमारे देश के कई बिजनेसमैन दुनिया के टॉप 10 उद्योगपतियों की सूची में शामिल हो चुके हैं। आज अगर आपसे देश के सबसे बड़े अरबपतियों की लिस्ट पूछी जाए तो आज सिर्फ 5-7 नाम ही गिनाए जाएंगे. लेकिन भारत का इतिहास भी महान रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश का सबसे अमीर बिजनेसमैन 400 साल पहले बन गया था। आज हम आपको उनकी कहानी बताएंगे.
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इस भारतीय बिजनेसमैन का नाम वीरजी वोरा था। इसकी समृद्धि और हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंग्रेज और मुगल भी इससे कर्ज लेते थे। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया फैक्ट्री के रिकॉर्ड के मुताबिक, 16वीं सदी के दौरान वीरजी वोरा की संपत्ति 8 मिलियन डॉलर यानी 65 करोड़ रुपये से ज्यादा थी। अगर इस रकम की तुलना आज के हिसाब से करें तो यह खरबों रुपये में होगी. वीरजी वोरा को अंग्रेज मर्चेंट प्रिंस के नाम से जानते थे।
दक्षिण-पूर्व एशिया तक था कारोबार
वीरजी वोरा आवश्यक वस्तुओं के थोक विक्रेता थे। बाज़ार की बेहतर समझ रखने वाले वीरजी को हमेशा बाज़ार की मांग का अंदाज़ा रहता था और इसी हुनर के ज़रिए वो कारोबार में बुलंदियों तक पहुंचे। कहा जाता है कि वीरजी वोरा की दुनिया के हर बड़े बाजार में पकड़ थी. उनके सिक्के फारस की खाड़ी, लाल सागर और दक्षिण पूर्व एशिया के बंदरगाहों पर उपयोग किए जाते थे।
ब्रिटिश इंडिया कंपनी का था फाइनेंसर
कहा जाता है कि वीरजी वोरा (Virji Vora) ने 400 साल पहले अंग्रेजों को लाखों रुपये उधार दिये थे. ईस्ट इंडिया कंपनी के रिकॉर्ड के मुताबिक विराजी वोरा ने 16वीं सदी में अलग-अलग मौकों पर अंग्रेजों को 25,000, 50,000 और 2 लाख रुपये तक का कर्ज दिया था. ईस्ट इंडिया कंपनी को जब भी पैसों की जरूरत होती थी तो वह वीरजी वोरा के पास जाता था। कहा जाता है कि जब किसी ब्रिटिश व्यापारी को व्यापार के लिए पैसों की जरूरत होती थी तो वह वीरजी वोरा से उधार लेता था।
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इतिहास में बताया गया है कि Virji Vora ने मुगल बादशाह औरंगजेब को भी संकट के समय पैसे उधार दिये थे. दरअसल दक्कन में युद्ध के दौरान औरंगजेब को काफी संकट का सामना करना पड़ा था. ऐसे समय में उन्होंने अपने दूत को वीरजी वोरा के पास आर्थिक सहायता माँगने के लिये भेजा।
Posted by TalkAaj.com
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