Statue of Lord Shiva : यह है दुनिया की सबसे ऊंची 351 फीट की शिव प्रतिमा, जल्द होगा उद्घाटन इसको बनाने में लगे पुरे 10 साल
Statue of Lord Shiva | यह शिव की एकमात्र ऐसी मूर्ति है जिसमें लोगों के बैठने के लिए लिफ्ट सीढ़ियां, हॉल बनाया गया है। पहले इस मूर्ति की ऊंचाई 251 फीट रखी जानी थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 351 फीट करने का फैसला किया गया।
न केवल राजस्थान बल्कि देश के प्रमुख कृष्ण तीर्थों में से एक नाथद्वारा (Nathdwara) शहर को जल्द ही एक नई पहचान मिलने वाली है। यह शहर अब दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा (Statue of Lord Shiva) के लिए भी जाना जाएगा। 351 फीट ऊंची शिव प्रतिमा अब इसके उद्घाटन के लिए तैयार है। जिसका अनावरण देश के प्रमुख रामकथा पाठ करने वाले संत मोरारी बापू करेंगे। संत मोरारी बापू ने दस साल पहले इस प्रतिमा की नींव रखी थी।
प्रतिमा का उद्घाटन 6 नवंबर को होगा
चर्चा है कि अगले महीने 6 नवंबर को संत मोरारी बापू इस प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है. इस कार्यक्रम में देश के गणमान्य अतिथियों और राजनेताओं को आमंत्रित किया जाएगा। संत मोरारी बापू नाथद्वारा में आयोजित हो रही राम कथा के बीच राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे में एक छोटी सी पहाड़ी पर बनी शिव प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे.
दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा
शिव प्रतिमा बीस किलोमीटर से दिखाई दे रही है, लिफ्ट से कंधे तक पहुंचा जा सकता है। दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ( Statue of Lord Shiva ) बीस किलोमीटर पहले से ही दिखाई दे रही है। बैठने की स्थिति में बनी यह शिव प्रतिमा बेहद खास है। इसके कंधे तक लिफ्ट के जरिए पहुंचा जा सकता है। यानी 280 फीट की ऊंचाई तक जाने पर शिव के कंधे पर लगी खिड़कियों से अरावली की पहाड़ियों को देखा जा सकता है.
दस साल में बनकर तैयार हुई
प्रतिमा का निर्माण Nathdwara व्यवसायी मिराज समूह ( Miraj Group ) के सीएमडी और मालिक मदन पालीवाल ( Madan Paliwal ) ने तैयार किया है। जिसे बनने में करीब दस साल लगे। यह शिव की एकमात्र मूर्ति है, जिसमें लोगों के बैठने के लिए लिफ्ट, सीढ़ियां, हॉल बनाया गया है। पहले इस मूर्ति की ऊंचाई 251 फीट रखी जानी थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 351 फीट करने का फैसला किया गया। इसमें दो लिफ्ट हैं, जिसमें 29-29 श्रद्धालु प्रत्येक लिफ्ट में एक बार में 110 फीट तक जा सकेंगे, उसके बाद 13-13 तीर्थयात्री एक साथ 280 फीट तक जा सकेंगे। इसके अलावा तीन सीढ़ियां भी बनाई गई हैं।
आने वाले भक्तों को बताया जाएगा कैसे बनी थी मूर्ति
यहां आने वाले श्रद्धालुओं को इस प्रतिमा के अंदर बने हॉल में बताया जाएगा कि इस प्रतिमा को बनाने की प्रक्रिया कैसी रही। उन्हें प्रोजेक्टर के माध्यम से इसके निर्माण की शुरुआत से लेकर अंत तक की प्रक्रिया बताई जाएगी। गौरतलब है कि साल 2012 में संत मोरारी बापू ने इस प्रतिमा की नींव रखी थी। उस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे. गहलोत अभी भी राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
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अब तक नेपाल में थी शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा
ज्ञात हो कि नाथद्वारा की शिव प्रतिमा से पहले दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा नेपाल के कैलाशनाथ मंदिर में है, जिसकी ऊंचाई 143 फीट है। इसके अलावा कर्नाटक के मरुदेश्वर मंदिर में 123 फीट ऊंची शिव प्रतिमा, तमिलनाडु स्थल आदियोग मंदिर में 112 फीट ऊंची शिव प्रतिमा और मॉरीशस में मंगल महादेव की 108 फीट ऊंची शिव प्रतिमा भी दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमाओं में शामिल है।
3 हजार टन वजनी मूर्ति
इस शिव प्रतिमा ( Statue of Lord Shiva ) की निर्माण कंपनी और इस परियोजना के प्रभारी के अनुसार नाथद्वारा की शिव प्रतिमा ( statue of lord shiva nathdwara rajasthan ) का वजन करीब तीन हजार टन है। इसके निर्माण में 2600 टन स्टील और लोहे का इस्तेमाल किया गया था। इस प्रतिमा पर किसी भी प्रकार के मौसम और भूकंप का प्रभाव नहीं पड़ेगा। अगले 2500 वर्षों तक इस मूर्ति का कुछ भी नहीं बिगड़ेगा। 26 बीघा में फैली प्रतिमा स्थल पर कैफेटेरिया, गार्डन समेत कई सुविधाएं तैयार की गई हैं। इस प्रतिमा को बनाने में प्रतिदिन 750 कारीगरों और मजदूरों ने काम किया। प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान और विश्राम की मुद्रा में हैं।
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Nathdwara की कीर्ति को लगेंगे चार चांद
नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी पीठ श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा पूरे देश में पहचानी जाती है। लेकिन अब उन्हें दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ( Statue of Lord Shiva ) के लिए भी पहचाना जाएगा। वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा 182 मीटर है, जबकि नाथद्वारा में शिव प्रतिमा 105 मीटर से अधिक ऊंची है। मिराज ग्रुप के मालिक मदन पालीवाल शिव भक्त हैं। उन्होंने अपने गुरु मोरारी बापू के आशीर्वाद से इस प्रतिमा का निर्माण शुरू किया।
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Posted by Talkaaj.com
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