Big News : केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, अब मिलेगा इंसाफ यौन शोषण पीड़ित महिलाओं को, महिला सुरक्षा को लेकर राज्यों को जारी की एडवाइजरी
News Desk:-उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले के बाद देश भर में उपजे हालात के मद्देनजर महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज कड़ा रुख अपनाया है। गृह मंत्रालय ने शनिवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पुलिस कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। केंद्र ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि महिला अपराध के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए।
अपनी एडवाइजरी में केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा कि हर मामले में एफआईआर अनिवार्य है। इसके अलावा, केंद्र ने आईपीसी और सीआरपीसी के वर्गों के प्रावधानों की गणना की है और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
ये भी पढ़े :- School Reopening: जानिए 15 अक्टूबर से कौन से राज्य में स्कूल खुलेगे और कहां बंद रहेंगे
गृह मंत्रालय ने चेतावनी दी कि महिलाओं के अपराध में लापरवाही दिखाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके अलावा, अगर अपराध पुलिस स्टेशन की सीमा से बाहर है, तो कानून में FIR जीरो एफआईआर ’का प्रावधान है।
गौरतलब है कि हाथरस में गैंगरेप और हत्या के बाद देशभर में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा विपक्ष ने भी इस मामले पर केंद्र सरकार की खिंचाई की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, अब केंद्र ने महिलाओं के अपराध के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए राज्यों को एडवाइजरी जारी की है।
ये भी पढ़े :- अब महाराष्ट्र के बाहर, कंगना की मुश्किलें बढ़ीं, जानिए क्यों कर्नाटक कोर्ट ने FIR दर्ज करने का दिया आदेश
इसमें कहा गया है कि आईपीसी की धारा 166 ए (सी) के तहत एफआईआर दर्ज नहीं करने पर अधिकारी को सजा का प्रावधान है। इसके अलावा, गैंगरेप से जुड़े मामलों में, गृह मंत्रालय ने एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया है, जहां से ऐसे मामलों पर नजर रखी जा सकती है।
ये भी पढ़े :- Samsung Galaxy F41 भारत में इन शानदार फीचर्स के साथ लॉन्च
केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया है कि बलात्कार / यौन शोषण के मामले में पीड़िता की सहमति से पंजीकृत एक पंजीकृत चिकित्सक 24 घंटे के भीतर सीआरपीसी की धारा 164-ए के अनुसार चिकित्सीय परीक्षण करेगा।
साथ ही, ऐसे मामलों में भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 32 (1) के अनुसार, मृत व्यक्ति का बयान जांच में एक महत्वपूर्ण तथ्य होगा। फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय द्वारा किए गए बलात्कार मामलों में फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने के लिए दिशानिर्देशों का भी पालन करें।
ये भी पढ़े :- पहली बार, इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में 3 लाख नौकरियां एक साथ होंगी
Ministry of Home Affairs issues advisory to States and Union Territories for ensuring mandatory action by police in cases of crime against women. pic.twitter.com/dx1sQmzXLW
— ANI (@ANI) October 10, 2020
ये भी पढ़े :-
- Good News : इस खाते को अपनी पत्नी के नाम पर खोलें, हर महीने 44,793 रुपये कमाएं
- Amazon ला रहा है ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल! 1 लाख से अधिक दुकानदारों को मिलेगा काम
- चेतावनी! जल्दी निपटा लें ये महत्वपूर्ण कार्य, वरना नहीं मिलेंगे PM-KISAN के 6,000 रुपये
- Paytm Mini App Store Launched : Google की टक्कर में Paytm लाया Mini App Store, जानिए इसकी पूरी जानकारी
- 6 अक्टूबर को लॉन्च के लिए तैयार POCO C3, जानें कीमत
- School Reopening Guidelines : 15 अक्टूबर से स्कूल कैसे और किन शर्तों पर खुलेगा, सब कुछ जानें
- 6GB रैम वाला दमदार Smartphone सिर्फ 9,999 रुपये में लॉन्च, इस फोन को मिलेगी चुनौती