अब आपका नया Health Card Aadhar Card की तरह हो जाएगा, जानिए इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब
न्यूज़ डेस्क: इस योजना के तहत, सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना चाहती है। सरकार इसके लिए ज्यादा से ज्यादा तकनीक का इस्तेमाल करना चाहती है। डिजिटल इंडिया योजना (digital health mission) के तहत, भारत सरकार ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (national digital health mission) शुरू किया है।
इसका उद्देश्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को जागरूक करना और उन्हें स्वास्थ्य मिशन से जोड़ना है। इसके साथ ही, देश के प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। सरकार इसके लिए तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहती है। इस मिशन का लक्ष्य लोगों को ऑनलाइन स्तर से जोड़ना और कई सुविधाएं बनाना है। ऑनलाइन होने के कारण इसे डिजिटल हेल्थ मिशन नाम दिया गया है।
आइए जानते हैं इससे जुड़े तथ्य और उनके जवाब
1-राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन कब शुरू हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत की। वर्ष 2018 में, NITI Aayog ने डिजिटल स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाओं को शुरू करने की सिफारिश की थी, ताकि देश के प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य डेटा के लिए एक तंत्र तैयार किया जा सके।
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2-राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य क्या है?
इस योजना के तहत, सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना चाहती है। सरकार इसके लिए ज्यादा से ज्यादा तकनीक का इस्तेमाल करना चाहती है। सरकार इस दिशा में काम करने के लिए एक ऐप भी बना रही है। इस मिशन के तहत, देश के प्रत्येक व्यक्ति के पास एक स्वास्थ्य आईडी होगी।
3-हेल्थ आईडी क्या है? कैसे चलेगा?
डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सरकार हर व्यक्ति के लिए एक यूनिक आईडी बनाएगी। इस आईडी से उस व्यक्ति के मेडिकल रिकॉर्ड का बैकअप तैयार किया जाएगा। इस आईडी की मदद से किसी व्यक्ति का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड देखा जा सकता है। यदि वह व्यक्ति किसी डॉक्टर के पास जाता है, तो वह अपनी स्वास्थ्य आईडी दिखाएगा। यह पता चलेगा कि इससे पहले क्या इलाज किया गया था, किन डॉक्टरों से सलाह ली गई थी और कौन सी दवाएं पहले प्रशासित की गई हैं।
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4- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण क्या है और यह स्वास्थ्य मिशन से कैसे जुड़ा है?
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का एक हिस्सा है। हेल्थ आईडी बनाने में एनएचए की भूमिका अहम होगी। एनएचए एक व्यक्ति की सभी प्रक्रियाओं का निर्धारण करेगा, जिसका स्वास्थ्य आईडी बनाया जाएगा, जैसे कि उसके स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में एकत्रित करना। स्वास्थ्य आईडी बनाने से पहले एनएचए द्वारा डिजिटल रूप में स्वास्थ्य रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का आदेश दिया जाएगा।
5-हेल्थ आईडी में क्या दर्ज होगा?
जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बनानी है, उसका मोबाइल और आधार नंबर लिया जाएगा। इन दो नंबरों के आधार पर हेल्थ आईडी बनाई जाएगी। इसलिए, इन दो नंबरों के आधार पर बनाई गई आईडी प्रत्येक व्यक्ति के लिए अद्वितीय होगी। आपका स्वास्थ्य रिकॉर्ड स्वास्थ्य आईडी से जुड़ा होगा या नहीं, यह उसी व्यक्ति द्वारा तय किया जाएगा जिसकी आईडी बनाई जानी है।
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6-किसी को हेल्थ आईडी कैसे मिल सकती है, इसका क्या तरीका है?
एक सार्वजनिक अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र या राष्ट्रीय स्वास्थ्य अवसंरचना रजिस्ट्री से जुड़ा एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता व्यक्ति की स्वास्थ्य आईडी बना सकता है। आप https://healthid.ndhm.gov.in/register पर अपना रिकॉर्ड दर्ज करके अपनी हेल्थ आईडी भी बना सकते हैं।
7- हेल्थ आईडी से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान के लिए मैं कहां से संपर्क कर सकता हैं?
हेल्थ आईडी के पंजीकरण से संबंधित किसी भी समस्या के लिए, आप [email protected] पर जा सकते हैं या टोल फ्री नंबर 1800-11-4477 / 14477 पर बात कर सकते हैं।
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8-कोरोना युग में डिजिटल स्वास्थ्य मिशन द्वारा क्या प्रदान किया जा सकता है?
कोरोना महामारी को देखते हुए, सरकार ने देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और स्वास्थ्य सुविधा को उन्नत करने का निर्णय लिया है। सरकार तकनीक की मदद से इस स्थिति में तेजी से काम कर रही है। सरकार का कहना है कि इस योजना से लोगों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकती हैं।
9 – क्या 18 साल से कम उम्र के बच्चे को हेल्थ आईडी बनाया जा सकता है?
हां, इसे बनाया जा सकता है। इसमें आधार नंबर और मोबाइल नंबर जरूरी होगा। आईडी बनाने की प्रक्रिया सभी के लिए समान है। आईडी बनाने के लिए नवजात को भी पंजीकृत किया जा सकता है। इसके लिए रजिस्ट्रार कार्यालय से जन्म प्रमाण पत्र लेना होगा।
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10- हेल्थ आईडी के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे?
नहीं, यह पूरी प्रणाली ऑनलाइन होगी। इस मिशन में, कागज रहित कार्य करने के लिए आवश्यकता को पूरा किया जा रहा है। हेल्थ आईडी देते समय या बाद में डॉक्टर या अस्पताल में कोई भी दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।