अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताने वाले China MAP को लेकर मोदी सरकार का दो टूक जवाब
India China on Arunachal Pradesh: G-20 समिट सम्मेलन से पहले चीन के नक्शे में अरुणाचल प्रदेश को ड्रैगन का हिस्सा दिखाने को लेकर भारत सरकार ने पलटवार किया है. चीन की इस नापाक हरकत पर भारत सरकार ने दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और चीन हताशा में ऐसा प्रोपेगेंडा फैला रहा है.
TalkAaj News Desk:- G-20 समिट सम्मेलन से पहले China MAP में अरुणाचल प्रदेश को ड्रैगन का हिस्सा दिखाने को लेकर भारत सरकार ने पलटवार किया है. चीन की इस नापाक हरकत पर भारत सरकार ने दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और चीन हताशा में ऐसा प्रोपेगेंडा फैला रहा है. दरअसल, चीन ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर अपने ‘मानक मानचित्र’ का 2023 संस्करण जारी किया, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर उसके दावे सहित अन्य विवादित क्षेत्र शामिल हैं। जबकि भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।
शीर्ष सरकारी सूत्रों की मानें तो अरुणाचल के नक्शे पर सरकार ने कहा कि चीन का दावा बेबुनियाद है. अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है और चीनी नक्शा अवैध है. चीन हताश हो गया है और प्रोपेगेंडा के तहत ये सब कर रहा है. सरकार ने आगे कहा कि पीएम मोदी से मुलाकात के ठीक एक हफ्ते बाद और G-20 बैठक के लिए शी जिनपिंग के आगमन से एक हफ्ते पहले यह नई रिलीज उनके (ड्रैगन के) इरादों का संकेत है. दुनिया जानती है कि ये विस्तारवादी हैं और इन्होंने पूरी दुनिया पर अवैध कब्जा कर रखा है।’
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने आगे कहा कि चीन में मानवाधिकार संकट का सामना कर रहे तिब्बती, उइगर और अन्य सभी समूह शी जिनपिंग और चीन के कारनामों को उजागर कर रहे हैं। अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है और चीनी नक्शा अवैध है. आपको बता दें कि चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चीन के 2023 के नए मानक मानचित्र को एक्स (पहले ट्विटर) पर साझा किया है। नए नक्शे में उसने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन जैसे भारत के अभिन्न हिस्सों को अपना बताया है।
दरअसल, चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर जारी किया गया। गया। यह मानचित्र चीन तथा विश्व के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।
आपको बता दें कि यह नक्शा नई दिल्ली में G-20 समिट सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित भारत यात्रा से ठीक पहले जारी किया गया है। इसमें चीन के सीमा दावों के लिए विश्व प्रसिद्ध 9-डैश लाइन को फिर से दिखाया गया है। 9-डैश रेखा 1940 के दशक में एक चीनी भूगोलवेत्ता द्वारा मानचित्र पर खींची गई थी। यह एक यू-आकार की रेखा है जो दक्षिण चीन सागर के 90 प्रतिशत हिस्से पर दावा करती है, जिसे फिलीपींस उत्तरी फिलीपींस सागर कहता है। चीन का यह कदम अंतरराष्ट्रीय कानूनों, विशेष रूप से समुद्र के कानूनों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCLOS) के खिलाफ है.
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